1911 छात्रों के साथ धोखाधड़ी, 11 गिरफ्तारियां और 93 मामले दर्ज... जानें- क्या है बंगाल का Tab Scam

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पश्चिम बंगाल में टैब स्कैम की कई शिकायतें सामने आ रही हैं. बंगाल सरकार, पात्र युवा छात्रों को टैब खरीदने के लिए 10 हजार रुपये देती है, ताकि उन्हें पढ़ाई में मदद मिल सके. संबंधित स्कूल द्वारा पात्र छात्रों का डेटा और बैंक अकाउंट डीटेल्स एक सरकारी पोर्टल पर डालने के बाद अलॉटेड मनी सीधे छात्रों के बैंक अकाउंट में आ जाती है. पुलिस ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कुछ पेशेवर हैकर्स ने स्कूलों के यूजर आईडी, पासवर्ड को हैक किया. राज्य सरकार द्वारा भेजी गई आवंटित राशि स्टूडेंट्स के बैंक अकाउंट्स में न जाकर अज्ञात अकाउंट में जमा हो गई.

एडीजी साउथ बंगाल सुप्रतिम सरकार ने कहा कि एक जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई है, टैब स्कैम के कुल 93 मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि 11 गिरफ्तारियां की गई हैं, पुलिस को ऐसी गिरफ्तारियों से अहम सुराग मिले हैं. ये पैसा 16 लाख छात्रों को दिया जाना था, 1911 छात्रों के साथ धोखाधड़ी की गई है. पिछले 24 घंटों में पूर्वी मिदनापुर से 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उसके बाद पता चला कि एक इंटरस्टेट गठजोड़ है, जो इस तरह के साइबर धोखाधड़ी घोटाले में लिप्त है. यह गठजोड़ महाराष्ट्र, झारखंड और राजस्थान में काम करता है, कुछ पहले भी ऐसे अपराधों से जुड़े रहे हैं,

बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने टैब घोटाले पर कहा कि हम कठोर निर्णय लेंगे, जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. प्रशासन इसकी जांच कर रहा है, जिन लोगों को टैब के लिए यह पैसा नहीं मिला है, उन्हें हम देंगे.

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क्या है बंगाल का टैब घोटाला?

साल 2022 में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि क्लास 11 और 12 के छात्रों को टैबलेट खरीदने में मदद करने के लिए 10,000 रुपये दिए जाएंगे. हालांकि, स्कूल के अधिकारियों और अभिभावकों ने शिकायतें की कि पात्र छात्रों के खाते में पैसा नहीं आया है. यह मुद्दा पूर्वी मेदिनीपुर के एक स्कूल की शिकायत के साथ सामने आया, जहां 60 छात्रों ने बताया कि उनके पैसे दूसरे खातों में भेज दिए गए हैं. छात्रों ने दुर्गा पूजा से पहले संबंधित पोर्टल के माध्यम से टैब खरीदने के पैसे के लिए आवेदन किया था, पूजा के बाद छात्रों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए जाने थे. हालांकि, आरोप लगे कि कई छात्रों को उनके बैंक खातों में पैसे नहीं मिले हैं.

क्या हैतरुणेरस्वप्नो योजना?

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के छात्रों के लिए 'पश्चिम बंगाल तरुणेर स्वप्नो' योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत सरकार की ओर से छात्रों को स्मार्टफोन और टैबलेट खरीदने के लिए 10,000 रुपये की राशि दिए जाने का ऐलान किया गया था. इस योजना के तहत ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है कि जिन्होंने 11वीं कक्षा पास कर ली है और 12वीं कक्षा में दाखिला ले लिया है. यह पैसा छात्रों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है, स्कूल प्रशासन को छात्रों की लिस्ट, उनके बैंक अकाउंट्स नंबर के साथ राज्य शिक्षा विभाग को भेजनी होगी और सरकार छात्रों के अकाउंट में स्मार्टफोन और टैबलेट खरीदने के लिए 10,000 रुपये की राशि भेजती है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए इस योजना के लिए 900 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था.

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हावड़ा और दक्षिण 24 परगना के स्कूलों में भी हुआ टैब स्कैम

केस स्टडी-1

हावड़ा के साल्किया विद्यापीठ के वरिष्ठ प्रशासक पीयूष मुखर्जी ने कहा कि हमारे स्कूल में एक छात्र को फंड नहीं मिला. हमें वास्तव में पता नहीं है कि ये साइबर अपराध कैसे हो सकता है, इसलिए हमने स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया है और शिकायत दर्ज की है. सुरक्षा के लिए मैं छात्र का नाम नहीं बताऊंगा, लेकिन इतना कह सकता हूं कि वह 12वीं कक्षा का स्टूडेंट है. मैंने सुना है कि हावड़ा क्षेत्र में लगभग 25 स्कूलों को इस समस्या का सामना करना पड़ा है.

केस स्टडी-2

श्री हनुमान जूट मिल्स हिंदी हाईस्कूल में अपने बेटे को पढ़ाने वाले शख्स अरुण कुमार ने बताया कि हमने स्कूल को अपने बेटे का बैंक अकाउंट नंबर दिया था, लेकिन मेरे बेटे के लिए आवंटित पैसा जमा नहीं किया गया. इसे किसी अन्य अकाउंट में जमा किया गया. मेरे बेटे के स्कूल के कम से कम 12 लड़कों को इसी तरह के केस का सामना करना पड़ा.

केस स्टडी-3

दक्षिण 24 परगना के गंगासागर में महेंद्रगंज हाईस्कूल की 12वीं कक्षा की मरियम खातून ने कहा कि हमने दुर्गा पूजा से पहले यानी दो महीने पहले ही दस्तावेज जमा कर दिए थे, हमें बताया गया कि पैसे 25 तारीख को आएंगे, लेकिन हमारा पैसा अभी तक नहीं आया है. हमने बैंक बुक की दो ज़िरॉक्स कॉपी और दो अपडेटेड कॉपी लीं, अब हमारे पास 4 कॉपी हैं. स्कूल में कहा गया कि वे इसे जमा कर देंगे, हमें अभी तक नहीं बताया गया है. 31 स्टूडेंट्स को अभी तक पैसा नहीं मिला है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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