डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन चुके. अपने दूसरे कार्यकाल में वे ज्यादा मंजे हुए राजनेता हो सकते हैं, इसकी कुछ झलक उनकी विक्टरी स्पीच में ही दिख गई थी. ट्रंप के कामकाज के तरीके ही नहीं, उनके आसपास सलाहकारों की टीम में भी इस बार बदलाव दिख सकता है. इसमें बड़ा बदलाव ये है कि ट्रंप की बहू लारा उनकी बेटी इवांका का रिप्लेसमेंट हो सकती हैं. चुनावों के दौरान भारी सक्रिय लारा के बारे में कयास लग रहे हैं कि वे ट्रंप की मुख्य सलाहकार हो सकती हैं.
पहले क्या करती थीं इवांका
इवांका अमेरिकी फैशन इंडस्ट्री में बड़ा नाम हैं, जिन्होंने बाकायदा एक ब्रांड बनाकर उसे चलाया. महिलाओं के लिए कपड़े, जूते, हैंडबैग, और ज्वेलरी डिजाइन करने वाले ब्रांड के लिए इवांका ने खुद ही मार्केटिंग की. इस दौरान ये साफ होने लगा कि वे प्रचार-प्रसार जैसा काम कर सकती हैं. बाद में ट्रंप जब राष्ट्रपति बने तो उनका ब्रांड विवादों में आ गया. लोग कानाफूसी करने लगे कि वे पिता के नाम से अपनी छवि चमका रही हैं. यहां तक कि साल 208 में इवांका ने अपना ब्रांड ही बंद कर दिया, लेकिन तब तक वे राजनैतिक तौर पर सक्रिय हो चुकी थीं.
उन्हें ट्रंप के साथ बड़े मौकों पर देखा जाने लगा. वे वाइट हाउस में सीनियर एडवाइजर थीं और महिलाएं-बच्चे, परिवार जैसे सोशल मुद्दों पर काम करती थीं. वे इंटरनेशनल मंच पर भी दिखने लगीं. यहां तक कि ऐसी अटकलें लगने लगीं कि वे आगे चलकर अपने पिता की राजनैतिक उत्तराधिकारी हो सकती हैं.
मीडिया में उनकी संभावित राजनीतिक भूमिका पर भी कयास लगने लगे कि वे क्या बन सकती हैं. उनके पति जैरेड कुशनर का भी ट्रंप प्रशासन में सक्रिय रोल रहा. ये देखते हुए अटकल और तेज हो गई. लेकिन पिछले चुनाव में जब ट्रंप चुनाव हार गए, तब इवांका ने राजनीति से दूरी बना ली और मियामी में रहते हुए निजी जीवन पर फोकस करने लगीं.
अब क्या बदल रहा है
47वें राष्ट्रपति चुनाव में जबकि सारा अमेरिका दो फांक हुआ पड़ा था, इवांका उस तरह से एक्टिव नहीं दिखीं. उनकी जगह ट्रंप की बहू लारा नजर आ रही थीं. चुनाव प्रचार में वे कई रैलियों में ट्रंप के साथ दिखीं, जबकि बहुत सा प्रचार उन्होंने अकेले किया. एरिक ट्रंप की पत्नी ऐतिहासिक जीत के बाद भी सेंटर स्टेज पर दिखीं. बुधवार को हुए इस सेलिब्रेशन में लारा ट्रंप की दाईं तरफ थीं. इसी के साथ सोशल मीडिया पर लारा की तारीफें शुरू हो गईं. लिखा जाने लगा कि वे नई MAGA स्टार हैं, जिनका जीत में बड़ा योगदान है.
कौन हैं लारा और क्या करती हैं
41 साल की लारा एक टीवी प्रोड्यूसर रहीं, जिन्होंने एक बड़े मीडिया हाउस के साथ लंबा काम किया. लगभग दस साल पहले वे एरिक ट्रंप से जुड़ी और धीरे-धीरे राजनीति में उनकी भागीदारी बढ़ने लगी. शादी के बाद लारा ने ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन से जुड़कर सोशल वर्क में जमकर काम किया. लारा के पास चूंकि मीडिया का तजुर्बा था, लिहाजा पहले कार्यकाल से पहले कैंपेनिंग में लारा ने कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजिस्ट के रूप में काम किया. साल 2020 में भी वे ट्रंप के साथ प्रचार करती रहीं. लेकिन इस बार उनके अंदाज ज्यादा तीखे थे.
स्विंग राज्यों में किया लंबाप्रचार
ट्रंप का भरोसा भी एक दशक बाद अपनी बहू पर ज्यादा हो गया. ये दिखा भी. लारा स्विंग स्टेट्स में लगातार घूमती रहीं ताकि ट्रंप समर्थकों का उत्साह बढ़ाया जा सके और असमंजस में पड़े वोटरों को अपने पाले में खींचा जा सके. उन्होंने पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, जॉर्जिया, फ्लोरिडा और नॉर्थ कैरोलिना में लंबा प्रचार किया. स्टेज पर लगातार ट्रंप के साथ दिख रही लारा के बारे में चर्चाएं हैं कि उन्हें कैबिनेट मेंबर या सीनियर एडवाइजर बनाया जा सकता है. उन्हें इंटरनेशनल मामलों में भी कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.
क्या लारा का आना इवांका के जाने का इशारा है
ये पक्की तौर पर नहीं कहा जा सकता. पिता के पहले कार्यकाल के दौरान इवांका और उनका पति जैरेड कुशनर दोनों ही खूब दिख रहे थे. साल 2020 में भी दोनों ने चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया, लेकिन इस बार दोनों लगभग गैर-मौजूद रहे. इस बारे में लगभग सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि मैं अपने पिता को बहुत प्यार करती हूं लेकिन फिलहाल मैंने अपने बच्चों और परिवार को प्राथमिकता देने का फैसला किया है. मैं पॉलिटिक्स में शामिल होने का इरादा नहीं रखती.
खुद डोनाल्ड ट्रंप ने इवांका का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी उन चीजों से नहीं गुजरा, जो मेरे परिवार ने झेला है. इवांका का कपड़ों का कामयाब बिजनेस था. वो खूब पैसे कमा रही थी लेकिन मेरे सत्ता में आने पर उसे ये बंद करना पड़ा.सीधे-सीधे कोई बात नहीं हो रही, लेकिन लग रहा है कि इवांका की जगह अब ट्रंप कैबिनेट में लारा आ सकती हैं.
क्या देश में परिवारवाद लौट सकता है
जीत के बाद बुधवार को ट्रंप समेत उनका लंबा-चौड़ा परिवार भी स्टेज पर दिख रहा था. सोशल मीडिया पर इसे लेकर भी बातें हुईं कि देश में नई डायनेस्टी आ चुकी है. ये भले ही मजाक के सुर में कही गई बात हो लेकिन सच तो ये है कि अमेरिका की राजनीति में लंबे वक्त तकपरिवारवाद खूब फला-फूला.
कैनेडी परिवार वहां के सबसे ख्यात राजनैतिक परिवारों में से रहा. साठ में जॉन एफ. कैनेडी के पद पर आने से पहले और बाद में भी परिवार के लोग राजनीति में सक्रिय रहे. बुश और क्लिंटन परिवार की भी यही कहानी है, जिनका प्रभाव अमेरिकी राजनीति पर लंबे समय तक रहा. क्लिंटन्स के बाद फैमिली का राज खत्म होता दिखा लेकिन ट्रंप के साथ इस चर्चा को फिर हवा मिली. हालांकि ऐसा लगता नहीं कि पुराना ढंग चल सकेगा. अब वोटर नए चेहरों को देखना चाहता है, जिससे परिवादवाद की परिपाटी कम से कम अमेरिका में काफी हद तक खत्म हो चुकी.
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