कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश में जिला और ब्लॉक यूनिट के साथ-साथ पूरी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) यूनिट को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया. बताया जा रहा है कि इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते कांग्रेस ने ये कार्रवाई की है.
साथ ही इस कदम को पार्टी की हिमाचल यूनिट के पुनर्गठन की कांग्रेस की योजना के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. पहाड़ी राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से पीसीसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पहले ही पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सदस्य बन चुकी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी सिंह को 2022 में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया था.
एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल की ओर से जारी आधिकारिक संदेश में कहा गया है, "कांग्रेस अध्यक्ष ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूरी पीसीसी, जिला अध्यक्षों और ब्लॉक कांग्रेस समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है."
बता दें कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस गुटबाजी से ग्रस्त है, जो फरवरी में राज्यसभा चुनाव के दौरान देखने को मिली थी, जब सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक सिंघवी भाजपा के हर्ष महाजन से चुनाव हार गए थे, क्योंकि कुछ कांग्रेस विधायकों ने उनके पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. इसके बाद इन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
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