बंटेंगे तो कटेंगे के नारे का पोस्टर महाराष्ट्र के चुनाव में भी चर्चा में आ चुका है. लेकिन भी बात टिकट बंटने के बाद एकता दोनों तरफ कटने की है. जहां पूछा जा रहा है कि गठबंधन में गांठ है या फिर सांठगांठ? क्योंकि महायुति यानी NDA ने जो सीट बांटी उनमें देखिए, पेच कहां फंसा रहा? शिवाजी मानखुर्द सीट पर सुरेश पाटील शिवसेना से उतरे हैं तो नवाब मलिक को अजित पवार की पार्टी ने टिकट दिया है. मोर्शी सीट पर उमेश यवलकर (बीजेपी) से उतरे तो देवेंद्र भुयार (एनसीपी) से भी मैदान में हैं. बोरीवली में भी संजय उपाध्याय (बीजेपी) से हैं तो बीजेपी के ही पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी अपने दम पर लड़ रहे हैं.
बीजेपी अमित के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारना चाहती थी
नायगांव में सुहास कांडे (शिवसेना) से उतरे हैं तो एनसीपी के समीर भुजबल अबकी निर्दलीय उतर गए हैं. मुंबा देवी सीट पर शायना एनसी को शिवसेना ने टिकट दिया तो बीजेपी के अतुल शाह निर्दलीय उतर गए. बांद्रा ईस्ट में जिशान सिद्दिकी को एनसीपी ने उतारा है तो कुणाल सरमलकर निर्दलीय चुनौती दे रहे हैं. माहिम में सदा सरवणकर शिवसेना से उतारे गए हैं. जिनका मुकाबला राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे से है. दरअसल बीजेपी अमित के खिलाफ प्रत्याशी नहीं देने के पक्ष में थी.
दोनों गठबंधन में रार
अब इन पेच को सुनकर ये मत समझिए कि टिकट बंटेंगे तो बागी बढ़ेंगे वाली दस्तक सिर्फ एक तरफ है. कुछ यही हाल इंडिया गठबंधन के महाविकास अघाड़ी की तरफ भी है. महाविकास अघाड़ी में जिन सीटों पर पेच है. उनमें शिवाजी मानखुर्द सीट सबसे ऊपर है, क्योंकि यहां एसपी से अबु आजमी उतरे हैं तो राजेंद्र वाघमारे शिवसेना –UBT के भी उतर गए हैं. रामटेक सीट पर विशाल बरबटे जो शिवसेना –UBT से टिकट पाए हैं, उनके खिलाफ कांग्रेस के बागी राजेंद्र मुलक उतरे हैं. दिग्रस सीट पर पवन जायसवाल शिवसेना –UBT से आए तो माणिक राव ठाकरे कांग्रेस नेता ने चुनौती दी है. परांडा सीट, यहां रंजीत पाटील शिवसेना उद्धव गुट की उतरी हैं तो शरद पवार की पार्टी के राहुल मोटे ने पेच फंसा दिया.
सोलापुर दक्षिण में उद्धव की पार्टी के अमर पाटील के सामने कांग्रेस के दिलीप माने भी उतर गए हैं. पंढरपुर में भागीरथ भलके कांग्रेस के मैदान में हैं तो शरद पवार की पार्टी के अनिल सावंत भी हैं. सांगोला में शिवसेना यूबीटी के दिलीप सालुंखे के सामने उन्हीं के गठबंधन से बाबासाहेब देशमुख ने भी ताल ठोक रखी है. इस बीच सवाल यह है कि क्या महाराष्ट्र में आज हुए नामांकन की वजह से बीजेपी को जवाब देना मुश्किल हो सकता है?
NDA में गठबंधन में एकता का दावा भी कट गया है?
महाराष्ट्र में टिकट बंटा तो बंटा, लेकिन क्या एनडीए में गठबंधन में एकता का दावा भी कट गया है? महाराष्ट्र की एक सीट है शिवाजी नगर मानखुर्द जहां NDA से अजित पवार ने उम्मीदवार उतारा. एकनाथ शिंदे की पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा. बीजेपी ने कहा है कि वो अजित पवार के उम्मीदवार का प्रचार नहीं करेगी. और इस त्रिकोण की वजह बनने वाले नेता का नाम है. नवाब मलिक. नवाब मलिक जिन पर दाऊद से जुड़े होने का आरोप है. नवाब मलिक जिन पर ईडी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
नवाब मलिक जिन्हें टिकट देने का विरोध दावों के मुताबिक बीजेपी ने की थी. लेकिन वही नवाब मलिक अजित पवार की पार्टी से शिवाजी नगर मानखुर्द से उतारे जाते हैं. और नवाब मलिक के खिलाफ शिवसेना शिंदे सुरेशबुलेट पाटिल को उतार देती है. तो सवाल उठता है कि ये कैसा टिकट बंटा है जहां गठबंधन में ही एक दूसरे की सुनी नहीं जाती. या फिर हम नवाब के नाम पर कटे रहेंगे तुम टिकट बांटते रहो वाली राजनीति है? क्योंकि टिकट बंटवारे में पहले से बीजेपी चाहती थी कि नवाब मलिक को एनसीपी टिकट ना दें. लेकिन नामांकन के आखिरी दिन आखिरी घंटे में अजित पवार नवाब मलिक को अपना उम्मीदवार बनाते हैं.
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