फुटपाथ पर कराहते लोग, एयरपोर्ट पर भारी भीड़... लेबनान में एयरस्ट्राइक के बाद खौफनाक मंजर

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लेबनान से वापस लौटे ब्रिटिश नागरिकों ने बेरूत को "एक जीवित नर्क" बताया है. ब्रिटिशर्स ने वहां की मुश्किल परिस्थितियों, बम धमाकों के बीच जीवन की कठिनाईयों और एक बड़े मानवीय संकट का जिक्र किया और बताया कि वहां अभी कैसे हालात हैं. ब्रिटिश सरकार ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने की सलाह दी है और सभी पार्टियों से शांति की अपील की है.

लेबनान से ब्रिटेन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर पहुंचे क्रिस्टोफर फारवाज ने बताया, "जब मैंने अपना घर छोड़ा था तो सब ठीक था, लेकिन बेरूत पहुंचते ही, एयरपोर्ट की तरफ जाते समय लगभग 500 मीटर की दूरी पर लोग सड़कों, घास पर, फुटपाथ और यहां तक कि मस्जिदों के सामने सोते नजर आए. एयरपोर्ट पर भी किसी तरह की व्यवस्था नहीं थी, काफी भीड़ थी. लोग एयरपोर्ट के गेट पर भी सो रहे थे."

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ब्रिटिश नागरिक ने बताया, "मुझे समझ नहीं आया कि वे वहां क्यों सो रहे हैं, क्या वे कहीं जाने का इंतजार कर रहे हैं या उनके पास ठहरने की जगह नहीं है. इस हालात को देखकर महसूस होता है कि एक ओर सब कुछ सामान्य है और दूसरी ओर सब कुछ नर्क जैसा है."

लेबनान के हालात किसी डरावनी फिल्म जैसा

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लेबनान से लौटने वाली नताली केसेरवानी ने भी बताया कि उन्होंने वहां क्या देखा और वहां के हालात कैसे हैं. उन्होंने बताया, "हालात बहुत गंभीर है, लेबनान में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है. हर जगह को निशाना बनाया जा सकता है. मेरे बच्चे इस सारी आवाजों और धमाकों से बहुत डरे हुए थे. जीवन के हालात भयानक हो गए हैं. बहुत से लोग अपने गांवों से भागकर राजधानी में आ गए हैं और सड़कों पर सो रहे हैं." उन्होंने कहा, "यह सब किसी डरावनी फिल्म जैसा लगता है."

दो हफ्ते से लेबनान पर चल रही इजरायल की बमबारी

बेरूत पर इजरायल ने दो हफ्तों तक हमले किए हैं, जिसमें हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह और अन्य कई कमांडर मारे गए. लगभग 1,000 लेबनानी नागरिकों की मौत हो गई है. इनके अलावा, एक मिलियन से ज्यादा लोग अपने घर छोड़कर भागने को मजबूर हुए हैं. हिजबुल्लाह ने किसी भी इजरायली जमीनी हमले का विरोध करने की कसम खाई है.

ब्रिटिश सरकार ने सोमवार को सभी पक्षों से हालात को शांत करने और संघर्ष विराम की अपील की. ब्रिटिश सरकार ने साफ कहा कि इस क्षेत्र को हमेशा के लिए युद्ध से बचाने की जरूरत है.

एक रेजिस्टेंस लीडर थे नसरल्लाह

फिलिस्तीनी राजदूत ने इस बीच कहा कि हसन नसरल्लाह एक रेजिस्टेंस लीडर थे जिन्होंने लेबनान की भूमि की रक्षा की और इस नाजीवादी शासन के खिलाफ फिलिस्तीनी लोगों की मदद करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि नेतन्याहू और बेन-ग्वीर (इजरायल के रक्षा मंत्री) और इन सभी चरमपंथी लोगों के खिलाफ युद्ध अपराधी शासन के खिलाफ फिलिस्तीनी लोगों की मदद करने की कोशिश की थी. फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा कि उन्होंने (नेतन्याहू) साबित कर दिया है कि वे मानवीय सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून पर थोड़ा भी ध्यान नहीं देते हैं.

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युद्ध के ताजा अपडेट

हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद अपने पहले संबोधन में हिजबुल्लाह के उप प्रमुख नईम कासिम ने कहा कि समूह किसी भी इजरायली जमीनी आक्रमण के लिए तैयार है, और मौजूदा तंत्र के आधार पर एक नए प्रमुख का चुनाव किया जाएगा. गाजा पट्टी पर भी इजरायल के हमले जारी हैं, जिसमें पिछले दिन कम से कम 28 लोग मारे गए.

अक्टूबर से अब तक गाजा में इजरायली हमलों में कम से कम 41,615 लोग मारे गए हैं और 96,359 घायल हुए हैं. इजरायल में 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व वाले हमलों में कम से कम 1,139 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक लोगों को बंदी बना लिया गया था. फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा कि नेतन्याहू को न तो मानवीय कानून और न ही अंतरराष्ट्रीय कानूनों की चिंता है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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