अभी तो ईरान ने हानिया का भी बदला नहीं लिया, अब नसरल्लाह का खात्मा? अपने सबसे बड़े दुश्मन को कैसे जवाब देगा तेहरान

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इजरायल ने शनिवार को हसन नसरल्लाह को मारने का दावा करके दुनिया को चौंका दिया.नसरल्लाह की मौत के बाद बेरूत में चारों तरफ इजरायल का खौफ पसरा हुआ है. कुछ समय पहले ही इजरायल ने ईरान में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया की हत्या कर दी थी और ईरान इस सदमे से बाहर भी नहीं आया था कि अब हिज्बुल्लाह के चीफ की हत्या हो गई.

नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान भी गुस्से में हैं,इजरायली हमले के ठीक बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपने घर पर देश की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई.

ईरान, हिज्बुल्लाह और इजरायल के पास क्या विकल्प?

हिजबुल्लाह चीफ को लेकर इजरायल का ये ऑपरेशन कितना अहम था उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को UN में भाषण देने के बाद अपने होटल रूम से हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमले की इजाजत दी थी.

टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, IDF ने कहा कि उन्होंने लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 27 सितंबर को बंकर बस्टर बम से हवाई हमला किया था, जहां नसरल्लाह भी मौजूद था. नसरल्लाह की मौत से इस पूरे क्षेत्र में तनाव और संघर्ष बढ़ने की उम्मीद है. तो अब आगे क्या होने वाला है और यह संघर्ष कहां जाकर रूकेगा यह भी नहीं पता? यह काफी हद तक तीन बुनियादी सवालों पर निर्भर करता है.

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हिजबुल्लाह क्या करेगा?

हिजबुल्लाह एक के बाद एक झटके से जूझ रहा है. इसके कमांड ढांचे को इजरायल ने नष्ट कर दिया गया है, एक दर्जन से अधिक शीर्ष कमांडरों की हत्या कर दी गई है. इसके पेजर और वॉकी-टॉकी के चौंकाने वाले विस्फोटों से इसके कम्युनिकेशन सिस्टम तबाह हो गया है. इसके बाद हुए हवाई हमलों में हिज्बुल्लाह के कई हथियार नष्ट हो गए हैं.

लेकिन यह उम्मीद करना बेइमानी होगी कि यह कट्टर इजरायल विरोधी संगठन अचानक हार मान लेगा और इजरायल की शर्तों पर शांति के लिए काम करेगा. हिजबुल्लाह ने पहले ही लड़ाई जारी रखने की कसम खा ली है. उसके पास अभी भी हजारों लड़ाके हैं, जिनमें से कई के पास सीरिया में युद्ध लड़ने का अनुभव हैऔर वे बदला लेने की मांग कर रहे हैं.

हिज्बुल्लाह के पास अभी भी मिसाइलों का एक बड़ा भंडार है, जिनमें से कई लंबी दूरी के, सटीक मारक क्षमता वाले हथियार हैं जिनकी पहुंच तेल अवीव और अन्य शहरों तक है. हिज्बुल्लाह पर दवाब भी है कि वह इन हथियारों का जल्द इस्तेमाल करें, क्योंकि इजरायली हमलों में इनके भी नष्ट होने की आशंका है.

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अगर हिज्बुल्लाह की तरफ से बड़े पैमाने पर हमला किया जाता है तो फिर इजरायल की तरफ से भी भीषण हवाई हमले होने की पूरी संभावना है. इन हमलों में आम लोगों के मारे जाने की आशंका रहेगी. ये हमले लेबनान के बुनियादी ढांचे पर कहर बरपा सकते हैं और इसकी आंच ईरान तक फैल सकती है.

ईरान क्या करेगा?
यह हत्या ईरान के लिए उतनी ही बड़ी चोट है जितनी हिजबुल्लाह के लिए. इसने पहले ही पांच दिन के शोक की घोषणा कर दी है. ईरान खौफ में है और उसने आपातकालीन सावधानी बरतते हुएअपने नेता अयातुल्ला अली खामनेई को छिपा दिया है, ताकि उनकी रक्षा की जा सके.

ईरान ने जुलाई में तेहरान के गेस्टहाउस में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की हत्या का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. वह अभी हानिया की हत्या के गम से उबरा भी नहीं था कि अब उसे ईरान ने नया जख्म दे दिया है.अब नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान के अगले कदम पर भी दुनिया की नजर है.

यह भी पढ़ें: हिज्बुल्लाह चीफ नसरल्लाह का खात्मा... अब इजरायल से बदला लेने जंग में उतरेगा ईरान या लेगा ट्रिपल 'H' का सहारा?

ईरान के पास मध्य पूर्व में सहयोगी भारी हथियारों से लैस लड़ाकों की एक पूरी फौज है जिसे तथाकथित "प्रतिरोध की धुरी" कहा जाता है. हिजबुल्लाह के साथ-साथ यमन में हूती और सीरिया और इराक में कई और समूह हैं. ईरान इन समूहों से क्षेत्र में इजरायल और अमेरिकी ठिकानों पर अपने हमले बढ़ाने के लिए कह सकता है.

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इजरायल क्या करेगा?
अगर नसरल्लाह की हत्या से पहले किसी को इजरायल पर कोई संदेह था, तो अब नहीं होगा. अमेरिका सहित 12 देशों ने इजरायल और हिजबुल्लाह से 21 दिनों तक युद्ध विराम की अपील की थी, लेकिन ऐसा लगता है कि उसका अपने सैन्य अभियान को रोकने का कोई इरादा नहीं है. इजरायल ने साफ कर दिया है कि जब तक हिज्बुल्लाह के मिसाइल हमलों का खतरा टल नहीं जाता, तब तक वह अपना अभियान जारी रखेगा.

इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने इसी उद्देश्य के लिए सीमा के करीब अपनी पैदल सेना के प्रशिक्षण के फुटेज जारी किए हैं. आईडीएफ के लिए, लेबनान में जाना अपेक्षाकृत आसान होगा लेकिन बाहर निकलने में गाजा की तरह - महीनों लग सकते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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