भोले बाबा का सियासी कनेक्शन, सत्संग की फंडिंग और मधुकर की भूमिका... हाथरस हादसे में चौंकाने वाले खुलासे!

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए हादसे की जांच कर रही पुलिस टीम ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि स्वयंभू संत भोले बाबा के कुछ राजनीतिक दलों से गहरे संबंध हैं, जो उनके सत्संग के कार्यक्रमों की फंडिंग किया करते हैं. बाबा का मुख्य सेवादार और इस मामले का मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर कार्यक्रमों के आयोजन के साथ फंड मैनेजर का काम करता है. उसके जरिए बाबा के सत्संग के नाम पर लोगों से पैसे एकत्रित किए जाते थे.

पुलिस ने दावा किया है कि देवप्रकाश मधुकर 2 जुलाई के 'सत्संग' का मुख्य आयोजक था. उसने धन जुटाने का काम किया था. यह सत्संग किसी राजनीतिक दल द्वारा वित्तपोषित था. मधुकर ने अपनी गिरफ्तारी से पहले कुछ राजनीतिक दलों से संपर्क भी किया था. पुलिस ने कहा कि भोले बाबा के राजनीतिक संबंधों और धन के स्रोत की जांच की जाएगी. यदि कोई राजनीतिक पार्टी गतिविधियों में शामिल पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने कहा, "देवप्रकाश मधुकर 2 जुलाई को फुलराई गांव में सत्संग कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था. इस कार्यक्रम की अनुमति भी उसी ने ली थी. उसकी दो भूमिकाएं सामने आई हैं. पहला कार्यक्रम का मुख्य आयोजक और दूसरा फंड मैनेजर यानी धन जुटाने वाला. मधुकर सिकंदराराऊ थाने में दर्ज एफआईआर में नामित एकमात्र आरोपी है. जांच से पता चला है कि कुछ राजनीतिक दलों ने कुछ समय पहले उससे संपर्क किया था."

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पुलिस जांच में हुआ चौंका देनेवाला खुलासा

उन्होंने बताया कि इस केस की विस्तृत जांच की जा रही है. यह भी जांच की जा रही है कि ऐसे कार्यक्रमों को किसी राजनीतिक दल द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है या नहीं. अब तक की जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि कोई राजनीतिक दल अपने राजनीतिक और निजी हितों के लिए उनसे जुड़ा हुआ है. देवप्रकाश मधुकर से संबंधित सभी बैंक खातों, चल-अचल संपत्तियों, मनी ट्रेल की जांच की जा रही है, जिसमें जरूरत के अनुसार अन्य एजेंसियों से भी मदद ली जाएगी.

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क्या भोले बाबा से पूछताछ करेगी यूपी पुलिस?

क्या पुलिस भोले बाबा से भी इस मामले में पूछताछ करेगी, इस सवाल पर पुलिस अधीक्षक अग्रवाल ने कहा, "इस केस में आगे की जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी." 1 लाख रुपए के इनामी दिवप्रकाश मधुकर को हाथरस पुलिस ने शुक्रवार देर रात दिल्ली के नजफगढ़ इलाके से गिरफ्तार किया था, जिसे कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दो अन्य आरोपियों रामप्रकाश शाक्य (61) और संजू यादव (33) को शनिवार को हिरासत में लिया गया है.

हाथरस हादसे में भोले बाबा क्यों नहीं है आरोपी?

इस मामले में अब तक दो महिलाओं और तीन वरिष्ठ नागरिकों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें सत्संग के कई अज्ञात सेवादारों को आरोपी बताया गया है. वहीं स्वयंभू संत सूरजपाल उर्फ ​​नारायण साकार हरि उर्फ ​​भोले बाबा इस मामले में आरोपी नहीं है. इस बीच, मामले की जांच के लिए गठित न्यायिक टीम शनिवार दोपहर हाथरस पहुंची और घटनास्थल समेत अन्य स्थानों का दौरा किया. इस टीम को दो महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश है.

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दो महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपेगा न्यायिक आयोग

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव नेबताया कि न्यायिक पैनल को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. 3 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार ने इस त्रासदी और भगदड़ के पीछे साजिश की संभावना की जांच करने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था. 2 जुलाई को बीएनएस की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत केस दर्ज किया गया था.

यह भी पढ़ें: भोले बाबा का राइट हैंड, आश्रम का फंड मैनेजर... हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर की कहानी

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मनरेगा में जूनियर इंजीनियर है देवप्रकाश मधुकर

एसपी ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर ने बताया कि वो साल 2010 से एटा जिले में मनरेगा में जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा पर काम कर रहा है. वो कई वर्षों से भोले बाबा के संगठन से जुड़ा है और उनके कार्यक्रम आयोजित करवाता है. आरोपी और उसके निर्देशन में काम करने वाले सेवादा सत्संग के पंडाल के आसपास बैरिकेडिंग, बैठने की व्यवस्था, पार्किंग और अन्य सुविधाओं के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होते थे.

2 जुलाई को हुई भगदड़ में123 लोगों की मौत

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बताते चलें कि हाथरस जिले के सिकन्दराराऊ क्षेत्र में आयोजित सत्संग के दौरान 2 जुलाई को हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई. यह सत्संग नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के लिए आयोजित किया गया था. भोले बाबा एक जमाने में यूपी पुलिस कासिपाही था. लेकिन यौन शोषण के एक मामले में फंसने के बाद जेल जाना पड़ा था. जेल से रिहा होने के बाद उसने नौकरी छोड़ दी और बाबा बनकर लोगों को प्रवचन देने लगा.

बाबा के खिलाफ दर्ज था यौन शोषण का केस

उसके सत्संग को 'मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम' कहा जाता है. इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सहित देशभर से लाखों अनुयायी शामिल होते हैं. वो पहले भी विवादों में आ चुका है. उसके एक कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ अनुमति से ज्यादा भीड़ जुटाने के मामले में केस दर्ज किया गया था. साल 2022 में यूपी के फर्रुखाबाद में सत्संग था. इसमें प्रशासन ने 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन 50 हजार लोग शामिल हुए थे. यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के मुताबिक, उसके खिलाफ यौन शोषण सहित आधा दर्जन केस दर्ज थे.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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