मेरा नाम अर्चना है...मैं पिछले 6 दिनों से भूखे-प्यासे गर्दनिबाग में इस ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठी हूं. मेरे साथ बैठी कई अभ्यर्थियों की तबियत खराब हो गई लेकिन सरकार की तरफ से कोई सुध लेने वाला नहीं आया. हम सब यहां BPSC 70वीं की परीक्षा फिर से आयोजित करवाने की मांग पर बैठे है.
अर्चना कहती हैं कि कोरोना काल में मेरे माता और पिता दोनों दुनिया छोड़ गए. तब से मै खुद पार्ट टाइम जॉब करके BPSC की तैयारी कर रही हूं. तैयारी करते हुए मुझे 8 साल हो गए. इस बार परीक्षा को लेकर बहुत उम्मीद थी, लेकिन फिर से परीक्षा मे गड़बड़ी हुई है. एक परीक्षा सेंटर में परीक्षा को फिर से लिया जाएगा तो बाकी 4 लाख 65 हजार बच्चों के साथ नाइंसाफी होगी. हमारी मांग है कि आयोग इस पूरी परीक्षा को फिर से आयोजित करे.
इसी मांग के साथ पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर अर्चना के साथ-साथ हजारों अभ्यर्थी पिछले छह दिनों से बिहार लोक सेवा आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थी दिन रात धरना स्थल पर टिके हुए है. यहां न सिर्फ पुरुष अभ्यर्थी बल्कि महिला अभ्यर्थी भी धरने पर बैठी हैं. रात का वक्त खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे अभ्यर्थी और आसमान से टपकती ओस की बूंदें, माहौल को कष्टकारी बना रहे हैं. अभ्यर्थी कह रहे हैं कि हम अपनी मांग को लेकर ठंड मे ठिठुर रहे है तो दूसरी तरफ सरकार चद्दर ताने चैन की नींद सोई हुई है. सोमवार की देर रात आज तक की टीम उन अभ्यर्थियों का दर्द बांटने उनके बीच पहुची.जहां देखा कि रात के करीब 12 बज चुके थे. लेकिन अभ्यर्थियों का जोश उसी तरह हाई था मानो दिन के 12 बज रहे हों.
री-एग्जाम की मांग कर रहे अभ्यर्थी
आज तक ने उन अभ्यर्थियों से बतचीत कर उनकी मुश्किलें और उनकी मांगों के बारे में पूछा. इस दौरान अर्चना ने तो अपनी बात बताई ही, साथ ही अर्चना के बगल मे बैठी दूसरी महिला अभ्यर्थी ने कहा कि अगर सिर्फ 12 हजार बच्चों का ही परीक्षा फिर से लिया जाएगा तो हम बाकी अभ्यर्थियों की समानता पर चोट होगी. हमारा अधिकार है अपनी मांग को रखना और इसीलिए हम हजारों छात्र यहां आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. जब तक आयोग इस परीक्षा को फिर से आयोजित करवाने का ऐलान नहीं करेगा, तब तक हम झुकेंगे नहीं.
गुरु रहमान भी समर्थन देने पहुंचे
इन अभ्यर्थियों का साथ देने पटना के चर्चित शिक्षक गुरु रहमान कर भी पहुंचे थे. गुरु रहमान ने बताया कि आयोग की लापरवाही की वजह से इन अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हो रहा है. किसी भी कीमत पर आयोग को इन बच्चों की बात माननी ही होगी. आज मै आया हूं, कल खान सर आएंगे और भी बाकी सारे शिक्षकों को यहां आना होगा.
सांसद पप्पू यादव अपने बिस्तर लेकर पहुंचे
इसी बीच देर रात अपने जन्मदिन के दिन पूर्णिया सांसद पप्पू यादव भी उन अभ्यार्थियों के धरना में शामिल होने गर्दनीबाग पहुंच गए. पप्पू यादव अपने साथ अपना बिस्तर लेकर आए और उन्हें अभ्यर्थियों के बीच जाकर सो गए. आज तक से बातचीत के दौरान पप्पू यादव ने आयोग को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है. पप्पू यादव ने कहा कि अगर आयोग इन बच्चों की बात नहीं मानता है तो मैं बिहार बंद करूंगा. पप्पू यादव ने कहा कि हालांकि हमारी बात सरकार के मंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से हुई है. दिलीप जायसवाल ने व्यक्तिगत तौर पर अभ्यर्थियों की मांगों को जायज बताया है और कहा है कि गठबंधन में बात करके इस पर कुछ फैसला लेने को लेकर चर्चा करेंगे.
राजद ने भी दिया समर्थन
वही अभ्यर्थियों के समर्थन में राजद ने भी सरकार को घेरा है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अभ्यर्थी कड़ाके की ठंड में सड़कों पर सोए हैं, लेकिन सरकार चादर ओढ़ कर चैन की नींद सोई हुई है. कानों में रुई डालकर बैठी हुई है. बिहार सरकार को अभ्यर्थियों की कोई चिंता नहीं है. जबकि अभ्यर्थी परीक्षा में हुई धांधली पर सवाल खड़े कर रहे हैं और इस परीक्षा को फिर से कराने की मांग कर रहे हैं. आपको बता दे कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी दो दिन पूर्व इस धरने में अभ्यर्थियों का समर्थन करने पहुंचे थे.
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