क्रिसमस मार्केट में अटैक को लेकर एक साल पहले मिला था हिंट, जर्मन अधिकारियों का बड़ा खुलासा

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जर्मनी के मैगडेबर्ग शहर में शुक्रवार रात को क्रिसमस बाज़ार में एक व्यक्ति ने अपनी कार घुसा दी जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम 200 लोग घायल हो गए, जिनमें से 41 की हालत गंभीर है.

इस बीच जर्मन अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पिछले वर्ष मैगडेबर्ग के क्रिसमस बाजार में कार हमले के संदिग्ध के बारे में सूचना मिली थी. अधिकारियों ने संदिग्ध की पहचान सऊदी डॉक्टर के रूप में की है जो 2006 में जर्मनी आया था और उसे स्थायी निवास की अनुमति मिल गई थी.

पुलिस ने गोपनीयता नियमों के अनुसार संदिग्ध का नाम सार्वजनिक नहीं किया लेकिन कुछ जर्मन न्यूज आउटलेट ने उसकी पहचान तालेब अल अब्दुलमोहसेन के रूप में की है जो एक शिया मुसलमान है. वह सऊदी अरब से भागकर 2006 में जर्मनी आया था औरमनोरोग और मनोचिकित्सा का विशेषज्ञ था.

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इस्लाम का आलोचक था आरोपी

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अधिकारियों का कहना है कि वह कहीं से भी चरमपंथी हमलों को अंजाम देने वाला प्रतीत नहीं होता था. उसने खुद को एक पूर्व मुस्लिम बताया जो इस्लाम का बहुत आलोचक था . वह सोशल मीडिया पर एक्टिव था और कई पोस्ट में उसने अति-दक्षिणपंथी अप्रवासी विरोधी अल्टरनेटिव फ़ॉर जर्मनी (AfD) पार्टी का समर्थन किया था.

अधिकारी उसकी जांच कर रहे हैं और उसे हिरासत में लिया गया है. संघीय आपराधिक पुलिस कार्यालय के प्रमुख होल्गर मुंच ने शनिवार को एक साक्षात्कार में कहा कि उनके कार्यालय को नवंबर 2023 में सऊदी अरब से एक सूचना मिली थी, जिसके बाद अधिकारियों ने "उचित जांच" शुरू की.

दक्षिणपंथी पार्टी का था समर्थक

उन्होंने कहा, "उस व्यक्ति ने इंटरनेट पर भी बहुत सारी पोस्ट पब्लिश की है. उसने विभिन्न अधिकारियों से संपर्क भी किया, उनका अपमान किया और धमकियां भी दीं. हालांकि, उसके बारे में यह नहीं पता था कि उसने हिंसा का कोई कृत्य किया है."

उन्होंने कहा कि हालांकि, ये चेतावनियां बहुत अस्पष्ट साबित हुईं. संघीय प्रवासन एवं शरणार्थी कार्यालय ने भी शनिवार को कहा कि उसे पिछले वर्ष गर्मियों के अंत में संदिग्ध के बारे में सूचना मिली थी. कार्यालय ने कहा, "अन्य सभी सुझावों की तरह इसे भी गंभीरता से लिया गया." लेकिन उसने यह भी कहा कि उसके पास जांच करने के अधिकार नहीं है इसलिए उसने जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को भेज दी है.

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एक्स-मुस्लिम्स ने जताई हैरानी

सेंट्रल काउंसिल ऑफ एक्स-मुस्लिम्स ने एक बयान में कहा कि संदिग्ध ने उन्हें वर्षों तक "आतंकित" रखा था तथा हमले पर आश्चर्य व्यक्त किया. बयान में कहा गया है, "वह स्पष्ट रूप से AfD के दक्षिणपंथी विचारधारा का समर्थक था और उसका मानना था कि बड़े पैमाने पर जर्मनी का इस्लामीकरण करने की कोशिश हो रही है. उनके भ्रमपूर्ण विचार इस कदर उग्र हो गए थे कि उसने यह मान लिया कि इस्लाम की आलोचना करने वाले संगठन भी इस्लामवादी साजिश का हिस्सा हैं."

समूह की अध्यक्ष मीना अहदी ने उसी बयान में कहा, "पहले हमें संदेह था कि वह इस्लामवादी आंदोलन का एक जासूस हो सकता है. लेकिन अब मुझे लगता है कि वह एक मनोरोगी है जो अति-दक्षिणपंथी षड्यंत्रकारी विचारधाराओं का पालन करता है."

चार महिलाओं समेत एक बच्चे की हुई मौत

सैक्सोनी-अनहाल्ट राज्य की राजधानी मैगडेबर्ग में पुलिस ने रविवार को बताया कि मरने वालों में 45, 52, 67 और 75 वर्ष की चार महिलाएं तथा एक 9 वर्षीय लड़का शामिल हैं.

अधिकारियों ने बताया कि 200 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 41 की हालत गंभीर है. उनका इलाज मैगडेबर्ग के कई अस्पतालों में चल रहा है, जो बर्लिन से लगभग 130 किलोमीटर (80 मील) पश्चिम में है. शनिवार शाम को संदिग्ध को एक जज के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे हत्या और हत्या के प्रयास के आरोपों में हिरासत में रखने का आदेश दिया.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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