महाराष्ट्र में अभी भी महायुति सरकार के गठन और सीएम पद को लेकर सस्पेंस बरकरार है. उम्मीद थी कि शुक्रवार को महायुति के नेताओं की मुंबई में बैठक होगी और सीएम के नाम पर मुहर लग जाएगी. उसके साथ ही मंत्रिमंडल बंटवारा और शपथग्रहण को लेकर फैसले की उम्मीद भी थी. लेकिन वो उम्मीदें आज भी उसी तरह हैं.
अब खबर है कि 1 दिसंबर को मुंबई में महायुति के दलों के नेता आपस में मिलेंगे. उस बैठक में शिंदे भी मौजूद रहेंगे. शिंदे अभी सतारा के अपने पैतृक गांव में हैं. वह शुक्रवार को होने वाली महायुति की बैठक से पहले ही मुंबई से सतारा के लिए निकल पड़े थे और इसके पीछे उन्होंने तबीयत ठीक नहीं होने का हवाला दिया. अब अपडेट यह है कि वह आज यानि रविवार को अपने गांव से मुंबई लौट आएंगे और उनकी मौजूदगी में महायुति की बैठक होगी.
महायुति की बैठक से पहले 1 दिसंबर यानि रविवार कोबीजेपी विधायक दल की बैठक की भी खबर है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी की बैठक में विधायक दल के नेता का चुनाव होगा, उसके बाद दिल्ली में महायुति की बैठक भी प्रस्तावित है.
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महायुति संयोजक पर है शिंदे की नजर?
एकनाथ शिंदे द्वारा गृह विभाग जैसे भारी भरकम विभाग के लिए जोर दिए जाने की अटकलों के बीच शिंदे गुट के विधायक भरतशेठ गोगावले ने दावा किया है कि उन्हें उपमुख्यमंत्री पद के साथ गृह विभाग भी मिलने की उम्मीद है, ठीक वैसे ही जैसे देवेंद्र फडणवीस के पास उपमुख्यमंत्री रहते हुए गृह मंत्रालय था. यह बयान एकनाथ शिंदे द्वारा फडणवीस और अजित पवार के साथ होने वाली महायुति की बैठक को अचानक रद्द करने के बाद आया है.
साथ ही, एक अन्य विधायक और शिंदे के करीबी सहयोगी संजय शिरसाट ने संकेत दिया कि एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे. सूत्रों के अनुसार, एकनाथ शिंदे महायुति 2.0 सरकार में दूसरे नंबर का पद स्वीकार करने के बजाय महायुति के संयोजक बनने के इच्छुक हैं.
शिवसेना विधायकों की राय
शिंदे की नाराजगी की अटकलों के बीच शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा, 'शिंदे की कोई नाराजगी नहीं है. एकनाथ शिंदे की तबियत ठीक न होने चलते वह अपने घर गए है. 60 विधायकों ने मिलकर यह संदेश शिंदे जी को दिया है कि हम चाहते हैं वह डिप्टी सीएम बनें, इसका फैसला खुद एकनाथ शिंदे जी करेंगे. उनका सरकार में रहना जरूरी है.वहीं लाडली बहन योजना लाए. इसलिए उनका सरकार में रहना जरूरी है.एक बार फिर से देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार की मीटिंग होगी, जिसमे गहराई से मंत्री मंडल विस्तार पर चर्चा होगी.'
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अमित शाह ने दिल्ली में की थी बैठक
दिल्ली में गुरुवार को हुई बैठक में अमित शाह ने शिंदे, फडणवीस और पवार के साथ मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले पदों की संख्या के बारे में अलग-अलग चर्चा की थी. भाजपा अधिकतम 20 लोगों को शामिल करना चाहती है, जबकि शिंदे को एनसीपी से अधिक पद मिलना चाहिए. सूत्रों ने यह भी कहा कि दिल्ली में हुई बैठक के दौरान विभागों के आवंटन के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई.
सब कुछ तय होने के बाद अगले सप्ताह शपथ ग्रहण समारोह होने की उम्मीद है. सूत्रों का कहना है कि शपथ ग्रहण समारोह 2 या 5 नवंबर को हो सकता है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी 3 और 4 नवंबर को उपलब्ध नहीं हैं. शपथ ग्रहण से एक दिन पहले भाजपा विधायक दल की बैठक होगी.
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