बेकाबू होता जा रहा है बांग्लादेश, हिंदुओं पर हिंसा के बीच ISKCON पर बैन की ऐसे रची जा रही है साजिश!

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बांग्लादेश में जब से सियासी पासा पलटा है, हिंदुओं पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं. कट्टरपंथ चरम पर है. लोकतंत्र बैसाखियों पर है. हद तो तब हो गई जब दो दिन पहले हिंदू धर्मगुरु और इस्कॉन के महंत चिन्मय कृष्ण दास को ढाका से गिरफ्तार कर लिया गया और फिर मंगलवार को चटगांव की अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया. इसके बाद से ही बांग्लादेश में हालात और बिगड़ गए हैं.

हिंदुओं और उनके धर्मस्थलों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों से चल रहा हिंदू विरोधी अभियान बांग्लादेश में अपने चरम पर है. कट्टरपंथी हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं और सियासत से लेकर अदालत तक कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड एलांयस के महासचिव मृत्युंजय कुमार रॉय ने कहा कि बांग्लादेश में इस्कॉन को बैन करने की साजिश रची जा रही है.

बांग्लादेश में ये सब कुछ एक साजिश के तहत किया जा रहा है. अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब अटॉर्नी जनरल ने संविधान से धर्मनिरपेक्षता शब्द हटाने का सुझाव दिया था. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश में हिंदुओं, उनके संगठनों और उनके धार्मिल स्थलों को लेकर किस तरह के हालात पैदा किए जा रहे हैं. फिलहाल हाईकोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस्कॉन को लेकर सरकार का रुख बताने को कहा है.

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इसके साथ ही देश के पूरे हालात को लेकर गुरुवार सुबह तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है. कहने को तो कोर्ट ने कह दिया है कि देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े लेकिन बांग्लादेश की सड़कों पर जो तस्वीरें दिख रही हैं, वो किसी भी लोकतांत्रिक देश के चेहरे पर दाग से कम नहीं है. कट्टरपंथी इस्कॉन को बैन करने और इस्कॉन अनुयायियों की हत्या करने का नारा खुलेआम लगाते आ रहे हैं.

उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उल्टे जिस शख्स को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, वो शांति का संदेश दे रहा है. इधर, भारत सरकार ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए बांग्लादेश को फौरन सख्त संदेश दिया. विदेश मंत्रालय ने लिखा कि जहां हिंदुओं समेत दूसरे अल्पसंख्यकों पर हमला करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं. वहीं जायज मांग रखने वाले एक धार्मिक नेता पर आरोप लगाए गए हैं.

वो चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और फिर उन्हें जमानत न दिए जाने से चिंतित है. बांग्लादेश की सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के साथ अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करे. बांग्लादेश की कारगुजारियों पर भारत में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ रैली निकाली गई. इसमें भाग लेने वालो की मांग थी कि हिंदुओं पर अत्याचार बंद किया जाए.

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टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, "यह राज्य का मामला नहीं है, बल्कि केंद्र से जुड़ा मामला है. लोगों ने केंद्र सरकार को अपना जनादेश दिया है. पार्टी के तौर पर तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र के फैसले का समर्थन करने का फैसला किया है. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है." तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने भी हमले की निंदा की है.

उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिए. मैं इसकी निंदा करता हूं. सरकार को इस मामले में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए." कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चिंतित है. उन्होंने पूछा, "बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उससे हम चिंतित हैं. कुछ दिन पहले इस्कॉन के एक साधु को गिरफ्तार किया गया और उसके समर्थकों पर हमला किया गया. विश्वगुरु प्रधानमंत्री मोदी कहां हैं?"

इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली रिट याचिका के जवाब में बांग्लादेश द्वारा इस्कॉन को कट्टरपंथी संगठन कहने पर विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, "यह दुखद है कि बांग्लादेश जिहादी, इस्लामी कट्टरपंथियों से घिरा हुआ है. वहां नागरिकों के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता को कुचला जा रहा है. इस्कॉन एक ऐसा संगठन है जो प्रेम फैलाता है. इस पर कट्टरपंथी होने का आरोप लगाना झूठ है."

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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला दर्शाता है कि उस देश की अंतरिम सरकार कट्टरपंथियों के चंगुल में है. वहां जिस तरह से हमला किया जा रहा है, वोमानवता के खिलाफ है. इस मामले में संयुक्त राष्ट्र कोहस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंनेकहा, "लोग संभल जाने की बात कर रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी और अखिलेश यादव को बांग्लादेश नहीं दिख रहा है. सभी हिंदुओं को बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों का विरोध करना चाहिए." भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "हम भारत सरकार के रुख से सहमत हैं."

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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