शिवसेना विधायकों ने रविवार को बांद्रा के एक होटल में मुलाकात की, जहां उन्होंने उदय सामंत द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद, एकनाथ शिंदे को फिर से शिवसेना विधायक दल का नेता चुना. शिवसेना के विधायकों ने मांग की कि एकनाथ शिंदे को फिर से महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया जाए. शिवसेना के प्रवक्ता और नवनिर्वाचित विधायक संजय शिरसाट ने कहा,'हमने एक बड़ी जीत हासिल की है; हमें लगता है कि एकनाथ शिंदे को फिर से सीएम बनना चाहिए, लेकिन इस पर बाद में फैसला किया जाएगा.'
एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री क्यों बनाया जाना चाहिए, इस पर शिवसेना के शीर्ष सूत्रों ने 6 बड़े कारण भी गिनाए...
1) शिवसेना यूबीटी को नियंत्रण में रखेंगे: यदि एकनाथ मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं, तो यह यूबीटी (और एमवीए) को सीधे देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधने का मौका देगा. यूबीटी यह आरोप लगाएगी कि भाजपा ने सत्ता में आने के लिए शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह का उपयोग किया और फिर समय आने पर उसे किनारे लगा दिया. उद्धव सेना और एमवीए के अन्य सहयोगी सरकार के हर फैसले को भाजपा बनाम महाराष्ट्र की लड़ाई में बदलने की कोशिश करेंगे.
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2) मराठी अस्मिता को मजबूती मिलेगी: एकनाथ शिंदे को सीएम बनाए रखकर महायुति मराठी अस्मिता को मजबूत कर सकती है. यह फैसला भाजपा की उदारता और मराठी अस्मिता (पिछले कई दशकों से एक भावनात्मक मुद्दा) का सम्मान करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाएगा.
3) सुशासन को जारी रखने का संदेश: महाराष्ट्र चुनाव में महायुति को मिला जनादेश एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं के कारण भी है. एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बने रहने से महायुति की सुशासन की छवि और मजबूत होगी तथा योजनाओं का प्रभाव गहरा होगा.
4) महाराष्ट्र में जाति विभाजन पर रोक: एकनाथ शिंदे की छवि एक ऐसे मराठा नेता की बनी है, जिसने कांग्रेस को धराशायी कर दिया और मराठों को महायुति के लिए वोट करने का विश्वास दिलाया. महाराष्ट्र में जाति विभाजन और अविश्वास अब भी एक वास्तविक मुद्दा है, एक मराठा सीएम होने से सभी विभाजनकारी ताकतें दूर रहेंगी. शिंदे ने यह सुनिश्चित किया कि ओबीसी आरक्षण में छेड़छाड़ के बिना मराठों को सामाजिक और आर्थिक न्याय मिले.
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5) आगामी स्थानीय निकाय चुनाव: अगले 2-3 वर्षों में पूरे महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव होंगे. अब चेहरा बदलने से सरकार के कामकाज का जनता फिर से मूल्यांकन करेगी और मौजूदा जीत से मिला मोमेंटम खत्म हो जाएगा. एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर महायुति इस मोमेंटम को जारी रख सकती है, जिसका उसे स्थानीय निकाल चुनावों में भी लाभ मिलेगा. वरना नए चेहरे के पास स्थानीय निकाय चुनावों में दिखाने के लिए ज्यादा उपलब्धियां नहीं होंगी.
6) लोकप्रिय चेहरा एवं नेतृत्व क्षमता: चुनाव से पहले हर सर्वे से पता चला कि एकनाथ शिंदे पूरे महाराष्ट्र में सबसे लोकप्रिय चेहरा थे. सभी जाति/क्षेत्र के लोगों में एकनाथ शिंदे के प्रति सम्मान था और उनके नेतृत्व में महायुति ने बड़े पैमाने पर एक सुचारू कार्यकाल देखा. तीन दलों के गठबंधन को सफलतापूर्वक मैनेज करके उन्होंने अपने नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन किया. उनके नेतृत्व ने लोकसभा चुनावों के दौरान देखे गए एंटी बीजेपी सेंटीमेंट को खत्म कर दिया.
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