महाराष्ट्र में बुधवार को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. राज्य के कई दिग्गज नेताओं, जैसे शरद पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनके पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस, की प्रतिष्ठा दांव पर है. दूसरी तरफ झारखंड की जनता भी दूसरे चरण में मतदान के लिए तैयार है. यहां मुकाबला सत्तारूढ़ इंडिया ब्लॉक और एनडीए के बीच है. झारखंड में बुधवार को कुल 81 विधानसभा सीटों में से 38 पर मतदान होगा. इसके अलावा चार राज्यों की 15 सीटों पर उपचुनाव भी होगा. इनमें से 9 सीटें उत्तर प्रदेश की हैं.
महाराष्ट्र में अलग-अलग मोर्चों पर अलग-अलग लड़ाइयां हैं. दोनों पवार और शिंदे-ठाकरे अपनी पार्टियों के लिए लोकप्रिय वैधता तलाशने के लिए एक दिलचस्प लड़ाई में लगे हुए हैं. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
लोकसभा का प्रदर्शन दोहराना चाहते हैं शरद पवार
शरद पवार अगले महीने 84 वर्ष के हो जाएंगे. उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने भतीजे को करारा झटका दिया था. विधानसभा चुनाव में भी वह इसे दोहराने का प्रयास कर रहे हैं जबकि अजित पवार को वापसी की उम्मीद है.
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, जिसमें कांग्रेस तीसरी महत्वपूर्ण खिलाड़ी है. वहीं एनसीपी और शिवसेना भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ महायुति के साथ गठबंधन में हैं.
किसके कितने उम्मीदवार मैदान में?
बीजेपी 149 सीटों पर, शिवसेना 81 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. विपक्षी गठबंधन में, कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, शिवसेना (यूबीटी) ने 95 और एनसीपी (एसपी) ने 86 उम्मीदवार उतारे हैं. 50 से अधिक सीटों पर दोनों शिवसेना के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ हैं जबकि 37 निर्वाचन क्षेत्रों में दोनों पवार ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं.
चाचा-भतीजे की दिलचस्प लड़ाई
चाचा-भतीजे की लड़ाई पश्चिमी महाराष्ट्र में सबसे तीखी है, जो एक समृद्ध क्षेत्र है जहां पवार वंश की जड़ें हैं. राज्य के चार बार के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने 'विश्वासघातियों को हराने' की अपील की है. साफ है कि उनका इशारा भतीजे अजीत पवार और उनके प्रत्याशियों की तरफ है. बदले में भतीजे अजित पवार ने उनके खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल करने से परहेज किया है. लोकसभा चुनाव में एनसीपी (एसपी) ने एनसीपी की एक सीट के मुकाबले आठ सीटें जीती थीं. वहीं शिव सेना (यूबीटी) नौ सीटों पर विजयी रही थी जबकि सात पर शिवसेना को जीत हासिल हुई थी.
झारखंड में 500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में
झारखंड में बुधवार को विधानसभा चुनाव का दूसरा दिन है. यह चरण झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी (भाजपा) के अलावा 500 से अधिक अन्य उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेगा. 14,218 मतदान केंद्रों पर मतदान सुबह 7 बजे शुरू होगा और 31 बूथों को छोड़कर शाम 5 बजे तक जारी रहेगा. इन 31 बूथों पर शाम 4 बजे वोटिंग खत्म हो जाएगी.
चुनाव प्रचार के दौरान, एनडीए ने बांग्लादेश से कथित घुसपैठ और जमानत पर बाहर सीएम सहित नेताओं के भ्रष्टाचार को लेकर जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन पर हमला बोला है. बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया.
इंडिया ब्लॉक ने किया कल्याणकारी योजनाओं का वादा
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं का वादा करके मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की और बीजेपी पर सीएम, जो एक 'आदिवासी नेता' हैं, के खिलाफ 'दुर्भावनापूर्ण अभियान' में 500 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के रवि कुमार ने कहा कि मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सभी बूथों के लिए मतदान कर्मियों को शांतिपूर्वक भेज दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित शीर्ष भाजपा नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार में सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है जिन्होंने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में पांच महीने जेल में बिताए हैं.
चंपाई सोरेन को हटाना बन गया चुनावी मुद्दा
जून में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद उन्होंने चंपाई सोरेन को सीएम पद से हटा दिया था जो एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया. दावा किया गया कि जेएमएम ने एक आदिवासी का अपमान किया गया है. चंपाई सोरेन बाद में भाजपा में शामिल हो गए और विधानसभा चुनाव लड़ा.
केंद्र पर लगाया विपक्ष के खिलाफ ईडी-सीबीआई के इस्तेमाल आरोप
वहीं कांग्रेस के राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन सहित इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भी बड़े पैमाने पर प्रचार किया और झारखंड की जनता से कल्याणकारी योजनाओं का वादा किया. इंडिया ब्लॉक ने केंद्र सरकार पर प्रतिद्वंद्वी दलों के खिलाफ ईडी और सीबीआई का 'इस्तेमाल' करने का आरोप लगाया.
सीएम सोरेन और उनकी पत्नी के अलावा, इस दौर के उम्मीदवारों में प्रमुख रूप से राज्य भाजपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो (जेएमएम) और भाजपा सहयोगी AJSU पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो शामिल हैं.
किस पार्टी के कितने उम्मीदवार मैदान में?
दूसरे चरण में एसटी उम्मीदवारों के लिए 28 और एससी प्रतियोगियों के लिए नौ सीटें आरक्षित हैं. 2019 के चुनाव में एससी सीटों में से जेएमएम ने 2, बीजेपी ने 6 और आरजेडी ने 1 सीट जीती थी. एसटी आरक्षित सीटों में जेएमएम 19, कांग्रेस 6, बीजेपी 2 और जेवीएम (पी) 1 सीट पर विजयी रही थी.
इस बार, जहां तक एनडीए का सवाल है, बीजेपी ने 68 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि सहयोगी AJSU पार्टी ने 10, जेडीयू ने दो और लोक जनशक्ति (रामविलास) ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं इंडिया ब्लॉक में, जेएमएम ने 43 सीटों पर, कांग्रेस ने 30, आरजेडी ने 6 और सीपीआई (एमएल) ने 4 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और कुछ सीटों पर दोस्ताना लड़ाई भी है.
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