छात्रों को 20 दिन में मिल जाता था वीजा, अब 8 हफ्ते लगेंगे... कनाडा में SDS खत्म, भारतीय स्टूडेंट्स पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर!

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भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में तनातनी चल रही रही है. इसी बीच कनाडा ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए फास्ट ट्रैक स्टडी वीज़ा प्रोग्राम यानी स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) को खत्म कर दिया है. इसका बड़ा असर भारत समेत कई देशों के छात्रों पर पड़ेगा. स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम के तहत आवेदन करने वाले छात्रों को बेहद कम समय में स्टडी वीजा मिल जाता था. भारतीय उच्चायोग के अनुसार भारत विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा सोर्स देश है, एक अनुमान के मुताबिक 4 लाख 27 हजार भारतीय छात्र कनाडा में स्टडी कर रहे हैं.

बता दें कि SDS के तहत भारतीय छात्रों के एप्लीकेशन को महज 20 दिनों के भीतर प्रोसेस किया जाता था, मतलब इस काम में सिर्फ 20 दिन ही लगते थे, लेकिन अब इसमें 8 सप्ताह तक का समय लग सकता है.

इन देशों के छात्रों को मिली थी एंट्री

दरअसल, एलिजिबल पोस्ट-सेकेंडरी स्टूडेंट्स के लिए साल 2018 में स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) को शुरू किया गया था, ताकि छात्रों को जल्दी वीजा मिल सके. इसके तहत भारत, एंटीगुआ, बारबुडा, ब्राजील, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, मोरक्को, पाकिस्तान, पेरू, फिलीपींस, सेनेगल, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, त्रिनिदाद, टोबैगो, वियतनाम के छात्रों के लिए रास्ते खोल दिए गए थे.

IRCC ने कही ये बात

वहीं, इमिग्रेशन रिफ्यूजी एंड सिटीजनशिप कनाडा (IRCC) की ओर से एक बयान में कहा गया कि हम सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को स्टडी वीजा के लिए आवेदन प्रक्रिया में समान और निष्पक्ष अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बयान में ये भी कहा गया कि कनाडा का टारगेट फास्ट ट्रैक स्टडी वीजा प्रोग्राम की अखंडता को मजबूत करना और सभी छात्रों को आवेदन प्रक्रिया में समानता देना है.

क्या कहा थाजस्टिन ट्रूडो ने?

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इससे पहले सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने X पर ऐलान किया था कि इस साल हम 35 प्रतिशत कम इंटरनेशनल स्टूडेंट्स वीजा दे रहे हैं और अगले साल ये संख्या 10 प्रतिशत तक और कम हो जाएगी. उन्होंने कहा कि ये भी सच है कि इमिग्रेशन हमारी इकोनॉमी के लिए फायदेमंद है, लेकिन जब बुरे लोग सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं और छात्रों का फायदा उठाते हैं, तो हम ऐसे एक्शन लेते हैं. उन्होंने कहा कि वह अस्थायी निवासियों की संख्या कम करने पर विचार कर रहे हैं.

रेग्युलर स्टडी परमिट स्ट्रीम के जरिए एप्लाई कर सकेंगे छात्र

IRCC ने भारतीय समयानुसार शनिवार रात साढ़े बजे तक का कट ऑफ समय दिया था और कहा कि इससे पहले मिलने वाले सभी एलिजिबल एसडीएस आवेदनों को प्रोसेस किया जाएगा. हालांकि, आईआरसीसी ने ये भी कहा कि भावी छात्र अभी भी रेग्युलर स्टडी परमिट स्ट्रीम के जरिए एप्लाई कर सकते हैं, जिसके लिए वित्तीय सहायता के प्रमाण के रूप में गारंटेड इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट स्वीकार किए जाएंगे.

अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में कटौती कर रहा कनाडा

कनाडा के एक पोर्टल moving2canada.com ने बताया कि कनाडा में अध्ययन करने के इच्छुक भावी छात्रों के लिए साल 2024 एक उथल-पुथल भरा वर्ष रहा है, क्योंकि प्रत्येक वर्ष कनाडा में एंट्री लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में कटौती की जा रही है. पोर्टल ने कहा कि SDS के तहत भारतीय छात्रों के एप्लीकेशन को महज 20 दिनों के भीतर प्रोसेस किया जाता था, मतलब इस काम में सिर्फ 20 दिन ही लगते थे, लेकिन अब इसमें 8 सप्ताह तक का समय लग सकता है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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