वाराणसी में हुए गुप्ता परिवार हत्याकांड की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है. वारदात के दो दिन बाद भी पुलिस परिवार के 5 पांच सदस्यों के 'कातिल' तक नहीं पहुंच सकी है. हत्याकांड के जड़ में पारिवारिक विवाद है, किसी बाहरी से रंजिश है या फिर कोई और वजह? अभी तक पक्के तौर पर कुछ भी सामने नहीं आया है. लेकिन राजेंद्र के भतीजों पर शक जताया जा रहा है. इस बीच राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी और तीन बच्चों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है.
इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, गुप्ता परिवार के 5 लोगों की हत्या कुल 15 गोलियां मारकर की गई थी. रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी में राजेंद्र गुप्ता के परिवार के 4 सदस्यों- पत्नी, दो बेटे और एक बेटी को कितनी और कहां-कहां गोलियां मारी गईं. साथ ही राजेंद्र को घटनास्थल से करीब 15 किमी दूर कितनी गोली मारकर मौत की नींद सुलाया गया.
आपको बता दें कि वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी पंपिंग स्टेशन के सामने गली में एक बड़ी प्रॉपर्टी पर राजेंद्र गुप्ता, उनका परिवार और बूढी मां रहते थे. मंगलवार की सुबह जब घर की नौकरानी काम करने पहुंची तो देखा कि राजेंद्र की 45 वर्षीय पत्नी नीतू गुप्ता का शव खून से लथपथ उनके कमरे में बेड के नीचे पड़ा है, 25 वर्षीय पुत्र नमनेंद्र का शव दूसरी मंजिल के बाथरूम में, 17 साल की बेटी गौरांगी और सबसे छोटे बेटे 15 साल के शिवेंद्र उर्फ छोटू का शव उनके कमरे में पड़ा है. वहीं, उनकी बूढ़ी मां शारदा देवी सही सलामत थीं. जबकि, राजेंद्र मौके से नदारद.
एक घर में चार शवों के मिलने के साथ ही वहां चीख-पुकार और शोर-शराबा शुरू हो गया. मौके पर पुलिस पहुंची, लेकिन घटना के कई घंटे बाद भी परिवार के मुखिया राजेंद्र गुप्ता का कहीं अता-पता नहीं था. बाद में पुलिस राजेंद्र के मोबाइल का लोकशन ट्रेस करते हुए उनके रोहनिया क्षेत्र के रामपुर लठिया स्थिर अर्धनिर्मित मकान पहुंची. जहां राजेंद्र का शव बिस्तर पर खून से सना अर्धनग्न हालत में पाया गया. पहले तो पुलिस को लगा कि राजेंद्र ने ही अपने परिवार का खात्मा करके खुद को गोली मार ली है मगर राजेंद्र के शरीर पर कई जगह गोलियों के निशान थे. ऐसे में आत्महत्या वाली थ्योरी को साइड कर नए सिरे से जांच शुरू की गई.
किसे-कितनी गोली मारी गई थीं?
अब गुप्ता परिवार के 5 सदस्यों की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने है, उसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र समेत उनके परिवार के चार सदस्यों को कुल 15 गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया था. जिसमें राजेंद्र को 3 गोली मारी गई थी. दो गोली उनकी दाईं कनपटी पर जबकि तीसरी गोली उनके सीने पर.
वहीं, राजेंद्र के बड़े बेटे नमनेंद्र को चोर गोली मारी गई थी. दो गोली सिर पर तो दो सीने पर. जबकि, राजेंद्र की पत्नी को चार गोली मारी गई थी और बेटी गौरांगी व छोटे बेटे सुबेंद्र को दो-दो गोली मारी गई थी. यानी कुल 15 गोलियों से गुप्ता परिवार के 5 लोगों का कत्ल हुआ था. वो भी एक ही तरीके से.
कहीं भतीजों ने तो नहीं मचाया कत्लेआम?
ऐसे में यह स्पष्ट हो जाता है कि पहले जिस घटना को हत्या और आत्महत्या से जोड़कर देखा जा रहा था, अब वो पूरी तरह से एक ही परिवार के पांच लोगों के कत्ल का मामला है. शुरुआती तौर पर पुलिस पांच हत्याओं के मामले को पुरानी रंजिश और संपत्ति विवाद से जोड़कर देख रही है और राजेंद्र के भतीजे प्रशांत उर्फ जुगनू को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है. हालांकि, राजेंद्र को बड़ा भतीजा विक्की फरार हो गया है.
क्योंकि, आरोप है कि कई साल पहले प्रशांत और विक्की के मां-बाप यानी राजेंद्र ने अपने भाई कृष्णा और भाभी मंजू की हत्या की थी. भाई-भाभी की हत्या के मामले में राजेंद्र के पिता लक्ष्मी नारायण ने अपने बेटे के खिलाफ थाने जाकर शिकायत की थी. जिसके बाद पिता और उनकी सुरक्षा में लगे एक सुरक्षाकर्मी की भी हत्या हो गई थी. इस मामले में राजेंद्र जेल गया था लेकिन बाद में रिहा हो गया था और करोड़ों की संपत्ति पर अकेले ही कब्जा कर लिया था. अब चूंकि, राजेंद्र के भाई कृष्णा के बच्चे विक्की और प्रशांत उर्फ जुगनू बड़े हो गए है तो आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने ही राजेंद्र और उसके पूरे परिवार का खात्मा कर दिया. फिलहाल, पुलिस की जांच-पड़ताल जारी है.
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