क्या ट्रंप की जीत के पीछे रूसी दखल? पढ़ें- अमेरिकी चुनाव के नतीजों के बीच क्यों छिड़ी ये बहस

4 1 4
Read Time5 Minute, 17 Second

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए जब 5 नवंबर को वोट डाले जा रहे थे, तब जॉर्जिया, मिशिगन, एरिजोना और विस्कॉन्सिन समेत कई राज्यों के पोलिंग बूथ को बम से उड़ाने की धमकियां भी आईं. हालांकि, ये सभी धमकियां फर्जी थीं, लेकिन इन सबमें एक कॉमन कनेक्शन था और वो था रूस का.

एफबीआई ने एक बयान जारी कर बताया कि कई पोलिंग बूथ को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी. धमकी भरे ये ईमेल रूस से आए थे.

इसके बाद से इन बातों को और भी जोर मिला कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस का दखल हो सकता है. रूसी डोमेन और ईमेल से आने वाली धमकियों के बाद रूस पर फिर यही आरोप लगे. रूस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. अमेरिका में रूसी दूतावास ने एक बयान जारी कर इन आरोपों को 'दुर्भावनापूर्ण' बताया.

रूसी दूतावास ने अपने बयान में कहा, 'रूस ने कभी भी अमेरिका या किसी और देश के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दिया है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बार-बार जोर दिया है कि वो अमेरिकी नागरिकों की इच्छा का सम्मान करते हैं.'

रूस पर ऐसे आरोप क्यों?

Advertisement

ये पहली बार नहीं है जब रूस पर अमेरिकी चुनावों में दखल का आरोप लगा है. इससे पहले 2016, 2018, 2020 और 2022 के चुनावों में भी रूस पर आरोप लग चुके हैं.

2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को कमजोर करने और ट्रंप को मजबूत करने की साजिश रची थी. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन के आदेश पर 'लाखता' नाम का एक ऑपरेशन शुरू किया गया था, जिसका मकसद क्लिंटन को कमजोर और ट्रंप को मजबूत करना था.

2016 के चुनाव में रूसी दखल पर अप्रैल 2019 में म्यूलर की रिपोर्ट आई थी. 448 पन्नों की इस रिपोर्ट में ट्रंप की टीम और रूसी अफसरों के बीच बातचीत के 200 से ज्यादा संपर्कों की जांच की गई थी. हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि चुनाव को प्रभावित करने और साजिश रचने के आरोपों पर ट्रंप या उनकी टीम के खिलाफ कोई पर्याप्त सबूत नहीं है.

इतना ही नहीं, 2018 में अमेरिका की इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने दावा किया था कि 2016 के बाद भी रूस ने अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश जारी रखी. लोगों को प्रभावित करने के लिए फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं.

Advertisement

2020 की फरवरी और अगस्त में इंटेलिजेंस कम्युनिटी अमेरिकी संसद को चेतावनी दी थी रूस मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप के पक्ष में चुनाव में दखलंदाजी देने की कोशिश कर रहा है.

यह भी पढ़ें: US Election 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति की सैलरी कई गुना ज्यादा तो भारतीय राष्ट्रपति के पास ये स्पेशल पावर... जानें- दोनों देशों के प्रेसिडेंट्स में क्या फर्क

क्या इस बार भी रूस ने दिया दखल?

कई महीनों से ऐसी रिपोर्ट्स आ रहीं हैं, जिनमें चुनावों में रूसी दखल का आरोप लगाया जा रहा है. अप्रैल 2024 में एनबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि रूस ने अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश शुरू कर दी है.

खुफिया एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2024 के चुनाव से पहले रूस ने राष्ट्रपति जो बाइडेन और डेमोक्रेट पार्टी के नेताओं के खिलाफ फेक प्रोपेगैंडा फैलाना शुरू कर दिया है, ताकि यूक्रेन को मिलने वाली आर्थिक और सैन्य सहायता कम हो सके. खुफिया एजेंसियों का मानना है कि रूस ट्रंप की जीत चाहता है, क्योंकि उनके जीतने से यूक्रेन को मिलने वाली अमेरिकी मदद कम हो जाएगी.

4 सितंबर 2024 को अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से रूस पर अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया. अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने रूस की सरकारी मीडिया RT पर एक अमेरिकी फर्म को 1 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया था. आरोप लगाया कि RT ने फर्म को ये रिश्वत इसलिए दी थी ताकि रूस का हिडन एजेंडा फैलाया जा सके और अमेरिकी नागरिकों को प्रभावित किया जा सके.

Advertisement

व्हाइट हाउस के नेशनल सिक्योरिटी के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा था रूस का मकसद यूक्रेन के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन को कम करना, रूस के हितों और नीतियों को आगे बढ़ाना और अमेरिकी वोटर्स को प्रभावित करना था.

सितंबर में ही माइक्रोसॉफ्ट ने भी दावा किया था कि रूसी ऑपरेटिव्स ने डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस के खिलाफ फेक वीडियो के जरिए प्रोपेगैंडा फैला रहे हैं. एक फर्जी वीडियो में झूठा दावा किया गया कि कमला हैरिस ने 2011 में एक लड़की का एक्सीडेंट कर दिया था, जिससे वो पैरालाइज हो गई थी.

23 सितंबर को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया था कि 2024 के चुनाव को प्रभावित करने और ट्रंप की जीत की संभावनाएं बढ़ाने के मकसद से रूस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रहा है.

वोटिंग से एक दिन पहले एफबीआई, डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी ने एक जॉइंट स्टेटमेंट जारी कर आरोप लगाया था कि रूस अमेरिकी वोटर्स को प्रभावित कर रहा है.

इन सबसे रूस को क्या फायदा?

रूस पर 2016 और 2020 के चुनाव में भी ट्रंप की मदद करने का आरोप लगा था. रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए ट्रंप का सत्ता में बने रहना ज्यादा फायदेमंद है. उसकी वजह भी है. दरअसल, बाइडेन सरकार रूस के प्रति सख्त रही है. जंग शुरू होने के बाद से ही बाइडेन सरकार यूक्रेन को न सिर्फ आर्थिक बल्कि सैन्य रूप से भी मदद कर रही है.

Advertisement

इसके उलट, ट्रंप शुरू से ही पुतिन के साथ खड़े हैं. और तो और रूस के हमले के लिए ट्रंप कई बार यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं. चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने कई बार कहा कि अगर वो राष्ट्रपति बने तो यूक्रेन को दी जाने वाली लाखों डॉलर की आर्थिक और सैन्य मदद बंद कर देंगे.

फरवरी 2022 से अब तक अमेरिका ने यूक्रेन को 60 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद की है. ट्रंप हमेशा से यूक्रेन को दी जाने वाली मदद की आलोचना कर चुके हैं. एक बार तो उन्होंने जेलेंस्की को दुनिया का सबसे बड़ा 'सेल्समैन' कह दिया था.

यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू करने के कारण बाइडेन सरकार ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. इससे रूसी अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंची है. रूस को उम्मीद है कि अगर ट्रंप जीते तो उस पर लगे प्रतिबंध भी हट सकते हैं.

अब जब ट्रंप एक बार फिर व्हाइट हाउस में वापसी करने जा रहे हैं तो रूस को कुछ अच्छा होने की उम्मीद है. रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि ट्रंप की वापसी शायद यूक्रेन के लिए बुरी खबर होगी.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

IPL 2025 Auction list: आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर स्टार्क को म‍िला ये बेस प्राइज, स्टोक्स का नाम गायब... जानिए सब कुछ

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now