देश में दिवाली की धूम है. घर-घर में मिठाइयां-पकवान बन रहे हैं. ऐसे में मिठाई खासकर लड्डू की जमकर बिक्री हो रही है. इसी बीच आजतक ने 'ऑपरेशन लड्डू' में दिल्ली, लखनऊ और मुंबई के प्रसिद्ध मंदिरों के बाहर बेची जाने वाली मिठाइयों की शुद्धता की जांच की. इस दौरान लैब एक्सपर्ट्स ने चुनिंदा मंदिरों और आस-पास की दुकानों के सैंपल कलेक्ट किए. साथ ही मिठाई को विभिन्न लैब्स में परीक्षण के लिए भेजा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे शुद्धता मानकों पर कितनी खरी हैं.
आइए जानते हैं कि कहां-कहां मिठाइयों के सैंपल लिए गए...
दिल्ली: प्रतिष्ठित मंदिरों और मिठाई की दुकानों से लिए सैंपल
दिल्ली में श्रीराम इंस्टीट्यूट और आजतक की टीम ने चार स्थलों का दौरा किया. इसमें झंडेवालान मंदिर, कनॉट प्लेस में हनुमान मंदिर, पंजाब डेयरी और विजय नगर में मनोहर केक को शामिल किया गया.
झंडेवालान मंदिर- मध्य दिल्ली के मंदिर के बाहर एक दुकान के कर्मचारी ने खुले तौर पर स्वीकार किया कि वह देसी घी से नहीं, बल्कि वनस्पति तेलों से मिठाई बना रहा है, फिर भी उसने टीम को आगे की जांच के लिए 250 ग्राम लड्डू का नमूना लेने की अनुमति दी.
हनुमान मंदिर (कनॉट प्लेस)- यहां टीम ने मंदिर परिसर के भीतर एक आउटलेट से 'शुद्ध देसी घी का प्रसाद' का सैंपल लिया. मंदिर के नियमों के कारण हमने 100 ग्राम लड्डू की खरीद का वीडियो दूर से बनाया.
पंजाब डेयरी (दिल्ली) - दिल्ली के अशोक विहार में टीम ने मिल्क प्रोडक्ट शॉप से आधा किलो महंगा घी (850 रुपये प्रति किलो) खरीदा. परीक्षण प्रोसेस पर कोई प्रभाव न पड़े, ये सुनिश्चित करने के लिए सैंपल सीक्रेट तरीके से लिया.
मनोहर केक (विजय नगर)- दिल्ली में इस मध्यम वर्गीय इलाके की लोकप्रिय मिठाई की दुकान से टीम ने शुद्ध देसी घी की मिठाई से बने बूंदी के लड्डू का 250 ग्राम का सैंपल खरीदा गया था.
निष्कर्ष- एक सप्ताह के एनालिसिस के बाद श्रीराम इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. मुकुल दास ने नतीजों की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि चार में से तीन सैंपल ठीक हैं, इनमें कोई मिलावट नहीं पाई गई, जबकि चौथा सैंपल वनस्पति और रिफाइंड तेल से बना था. लिहाजा हनुमान मंदिर, मनोहर केक और पंजाब डेयरी के नमूने देसी घी के मानकों पर खरे उतरे, जबकि झंडेवालान के सैंपल में दुकानदार के वनस्पति तेल के इस्तेमाल के दावे की पुष्टि की.
लखनऊ: प्रमुख मंदिर की दुकानों से मिठाइयों की जांच
आजतक की टीम ने लखनऊ में मनकामेश्वर और हनुमान सेतु मंदिर के बाहर बिकने वाली मिठाइयों से सैंपल कलेक्ट किए. प्रतिष्ठित मिठाई की दुकानों से सैंपल एकत्र कर जांच के लिए राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग की लैब में भेजे गए.
मनकामेश्वर मंदिर- इस प्रसिद्ध मंदिर के पास एक दुकान पर दुकान मालिक धर्म यादव ने अपने प्रोडक्ट की शुद्धता का बचाव करते हुए कहा कि किसी भी संदेह की जांच होनी चाहिए. फिर भी उनकी दुकान के एक सैंपल में बीआर (ब्यूटिरो रिफ्रैक्टोमीटर) रीडिंग 56.87 पाई गई, जो देसी घी के बजाय रिफाइंड वनस्पति तेलों की उपस्थिति को दर्शाता है.
हनुमान सेतु मंदिर- इस मंदिर के आस-पास के क्षेत्र से 60 साल पुराने प्रतिष्ठान से लड्डू का सैंपल लिया. देसी घी से बने प्रोडक्ट का दावा करने वाली मिठाई लैब में परीक्षण में पास हो गई, जिससे इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि हुई.
निष्कर्ष- यूपी खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त विनीत सिंह ने कहा कि एक सैंपल में देसी घी का इस्तेमाल पाया गया है, जबकि दूसरे सैंपल की बीआर रीडिंग में वनस्पति तेल मिला है. लखनऊ के इन दो मंदिरों से सिर्फ एक मंदिर की मिठाई में देसी घी का इस्तेमाल पाया गया.
मुंबई: सिद्धिविनायक मंदिर के लड्डू और बर्फी
मुंबई में आजतक की टीम ने प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद की जांच की. टीम ने पुणे में टीयूवी इंडिया की लैब में इन सैंपल्स को भेजा.
निष्कर्ष- टीयूवी इंडिया द्वारा किए गए परीक्षण में पाया गया कि लड्डू और बर्फी दोनों के सैंपल ठीक थे और दूषित पदार्थों से मुक्त थे. इसमें फैटी एसिड प्रोफाइल, क्लोरोफिल का लेवल सभी भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप थे. कोई सिंथेटिक रंग, आर्सेनिक या प्रतिबंधित पदार्थ नहीं पाए गए. टीयूवी इंडिया ने कहा कि सिद्धिविनायक के लड्डू और बर्फी प्रसाद खाने के लिए सुरक्षित थे.
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.