महाराष्ट्र विधानसभा के लिए नामांकन दाखिल करने की अवधि समाप्त होने के बाद महायुती और महाविकास आघाडी दोनों गठबंधन में बड़े तौर पर बगावती सुर नजर आ रहे है. बागियों को शांत करने के लिए दोनों अलायन्स के नेताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है. 4 नवंबर तक नामांकन वापस लेने की अवधि बची हुई है. लेकिन बगावत बढ़ते ही जा रहे हैं.
महायुती में कौन सी सीटों पर दिख रहा है बागी सुर?
बोरिवली चुनाव क्षेत्र
भाजपा – संजय उपाध्याय
शिवसेना ( ubt ) – संजय भोसले
निर्दलीय – गोपाल शेट्टी ( दो बार बीजेपी के टिकट से सांसद रह चुके हैं, लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज थे. विधानसभा लड़ना चाह रहे थे, लेकिन पार्टी ने मौका नहीं दिया तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं )
उमरेड चुनाव क्षेत्र
भाजपा– सुधीर पारवे
कांग्रेस – संजय मेश्राम
निर्दलीय – राजू पारवे ( पारवे शिंदे की शिवसेना के नेता हैं. 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनकर आए थे. लोकसभा से पहले शिवसेना ज्वाइन कर ली. रामटेक से लोकसभा हारने के बाद विधानसभा लड़ना चाहते थे, लेकीन पार्टी ने टिकट नहीं दिया, तो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं )
अंधेरी पूर्व
शिवसेना ( शिंदे ) – मुरजी पटेल
शिवसेना ( ubt ) – ऋतुजा लटके
निर्दलीय – स्वीकृती शर्मा ( पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी हैं. हाल ही में उन्होंने शिंदे की शिवसेना में प्रवेश किया था. अंधेरी पूर्व से चुनाव लड़ना चाहती थी. यहां पर पिछले चुनाव में प्रदीप शर्मा भी लड़ चुके हैं. लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं)
चिंचवड चुनाव क्षेत्र
भाजपा– शंकर जगताप
राष्ट्रवादी ( sp ) – राहुल कलाटे
निर्दलीय – नाना काटे ( अजित पवार के पार्टी के नेता हैं नाना काटे. चिंचवड से राष्ट्रवादी के टिकट पर उपचुनाव लड़े थे. लेकिन हार गए. बाद मे अजित पवार की पार्टी से ही चिंचवड से लड़ना चाहते थे. लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो फिर निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं)
मानखुर्द-शिवाजीनगर
शिवसेना ( शिंदे ) - सुरेश ( बुलेट ) पाटील
समाजवादी पार्टी – अबू आसिम आज़मी
निर्दलीय – नवाब मलिक ( नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में थे. मेडिकल ग्राऊंड पर उन्हें बेल मिली है. वह अनुशक्तीनगर से विधायक हैं. वहां से अब उनकी बेटी सना चुनाव लड़ रही हैं. नवाब मलिक मानखुर्द से लड़ना चाहते थे. लेकिन, बीजेपी ने उनके अजित पवार के साथ होने पर ऑब्जेक्शन किया था. फिर भी वह पार्टी से जुड़े हैं और अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं )
महाविकास आघाडी में कहां कहां पर बागियों ने उलझन पैदा की?
पंढरपूर
भाजपा– समाधान आवताडे
राष्ट्रवादी ( sp ) – अनिल सावंत
कांग्रेस – भगीरथ भालके ( भगीरथ दिवंगत कांग्रेस विधायक भारत भालके के बेटे हैं. भारत भालके के निधन के बाद वहां उपचुनाव हुए तब उन्होंने राष्ट्रवादी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकीन वह हार गए. बाद मे वह बीआरएस पार्टी से जुड़ गए थे. अब इलेक्शन मे शरद पवार की पार्टी ने उन्हें कोई भाव नहीं दिया तो उन्हे कांग्रेस की ओर से चुनाव में उतारा गया है )
परंडा
शिवसेना ( शिंदे ) – तानाजी सावंत
शिवसेना ( ubt ) – रणजीत पाटील
राष्ट्रवादी ( sp ) – राहुल मोटे ( राहुल मोटे यहां के पूर्व विधायक हैं. 2019 में यहां से तानाजी सावंत चुनकर आए. वह मंत्री भी हैं. इस बार यह सीट राष्ट्रवादी को लड़ानी थी. लेकिन मौजूदा विधायक शिवसेना का होने की वजह से ubt ने सीट छोडने से इंकार किया. अब ubt और शरद पवार की पार्टी के दोनों नेता चुनाव के मैदान में हैं )
सोलापूर दक्षिण
भाजपा – सुभाष देशमुख
शिवसेना ( ubt ) – अमर पाटील
निर्दलीय – दिलीप माने ( दिलीप माने कांग्रेस के नेता हैं. उन्हें पार्टी की ओर से चुनाव लड़ना था. लेकिन आखिरी वक्त तक उन्हें एबी फॉर्म नहीं मिला, तो दिलीप माने अब निर्दलीय के तौर पर चुनाव के मैदान में हैं )
काटोल
राष्ट्रवादी ( sp ) – सलील देशमुख
भाजपा – चरणसिंह ठाकुर
राष्ट्रवादी ( ap ) – नरेश अरसडे ( काटोल की सीट एनसीपी की है. यहां से पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख विधायक हैं. अब इस जगह पर उनके बेटे सलील देशमुख चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन अजित पवार अब यह सीट नहीं छोड़ना चाहते. और बीजेपी भी अपने स्टैंड पर कायम है. तो अजित पवार और बीजेपी दोनों के उम्मीदवार मैदान में है )
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