जेल में सुपारी, 4 हफ्ते की रेकी, 3 शूटर और 6 गोलियां... बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में अब तक क्या खुलासे हुए?

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महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में मुंबई पुलिस ने छह आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि तीन फरार हैं. पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है. इस बीच खबर है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश कथित तौर पर पटियाला जेल में रची गई थी.

सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि पटियाला जेल में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों ने कथित तौर पर बाबा सिद्दीकी के मर्डर की साजिश रची थी. बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश रचने में मोहम्मद जीशान अख्तर का नाम मुख्य तौर पर सामने आया. बताया जा रहा है कि वह इस प्लानिंग का कर्ता-धर्ता था.

बता दें कि गुरमेल सिंह, धर्मराज कश्यप और शिव कुमार ने रविवार को बाबा सिद्दीकी पर फायरिंग की थी. इनमें से धर्मराज और गुरमेल को गिरफ्तार कर लिया है जबकि जीशान, शुभम लोनकर और शिव कुमार फरार हैं. प्रवीण को भी बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. प्रवीण और शुभम भाई हैं.

कैसी रची गई थी हत्या की साजिश?

21 साल के जीशान कोजालंधर पुलिस ने 2022 में मर्डर और डकैती के जुर्म में गिरफ्तार किया था. सूत्रों का कहना है कि वह पटियाला जेल में बंद था, जहां उसकी मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुछ गुर्गों से हुई, जिन्होंने उसे बाबा सिद्दीकी को मारने की सुपारी दी.

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इसी साल सात जून को जेल से रिहा होने के बाद जीशान ने गुरमेल सिंह से हरियाणा के कैथल में मुलाकात की. पुलिस के मुताबिक, जीशान ही सिद्दीकी की हत्या की साजिश के संबंध में गुरमेल, धर्मराज कश्यप और शिवकुमार को डायरेक्शन दे रहा था.

बाबा सिद्दीकी को जिस वक्त गोली मारी गई. जीशान ही सिद्दीकी की लोकेशन के बारे में शूटर्स को जानकारी दे रहा था. यहां तक कि शूटर्स के लिए किराए के कमरे का बंदोबस्त करने से लेकर अन्य सभी बंदोबस्त मोहम्मद जीशान ने ही किए थे.

इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए हमलावरों ने चार हफ्तों तक सिद्दीकी के घर और बेटे के ऑफिस की रेकी की थी. इसके लिए हमलावर 40 दिनों तक मुंबई में ठहरे थे.

शूटर्स को कैसे हायर किया गया?

बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में गिरफ्तार शिव कुमार और धर्मराज कश्यप पुणे में कबाड़ी का काम करते थे जबकि तीसरा आरोपी प्रवीण लोनकर डेयरी की दुकान में काम करता था. शिवकुमार और धर्मराज दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और सिद्दीकी की हत्या के लिए प्रवीण और उसके भाई शुभम लोनकर ने ही दोनों को हायर किया था.

बाबा सिद्दीकी की हत्या के एक दिन बाद शुभम लोनकर की सोशल मीडिया पोस्ट में इस मर्डर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने जिम्मेदारी ली थी. इस मामले में गुरमेल सिंह, प्रवीण लोकर और धर्मराज कश्यप को गिरफ्तार किया गया है जबकि तीन अन्य शिव कुमार, मोहम्मद जीशान अख्तर और शुभम लोनकर अभी भी फरार हैं.

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मुंबई पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पेपर स्प्रे खरीदा था और उनकी योजना बाबा सिद्दीकी पर फायरिंग करने से पहले उन पर पेपर स्प्रे से हमला करने की थी.

कैसे दिया गया हत्या को अंजाम?

12 अगस्त को विजयादशमी के मौके पर बांद्रा में बाबा सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर लोग पटाखे फोड़ रहे थे. तभी रात 9 बजकर 15 मिनट से लेकर 9 बजकर 20 मिनट के बीच बाबा सिद्दीकी अपने बेटे के दफ्तर से निकले. पटाखों के शोर के बीच बाबा सिद्दीकी पर हमला किया गया.

मुंह पर रूमाल बांधखर तीन लोग अचाक गाड़ी से उतरे और ताबड़तोड़ 6 राउंड फायरिंग की. इसमें से तीन गोली बाबा सिद्दीकी को लगी. गोली लगते ही बाबा सिद्दीकी जमीन पर गिर गए. उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

मर्डर केस में अब तक क्या-क्या हुआ?

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की 11 अक्टूबर की रात मुंबई के बांद्रा पूर्व इलाके में तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उन्हें रविवार रात पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई लाइन के बड़ा कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस मामले में पुलिस ने अब तक 6 लोगों को आरोपी बनाया है. पुलिस ने दो हमलावरों को वारदात के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था, जिनकी पहचान हरियाणा के कैथल निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश के बहराइच निवासी धर्मराज राजेश कश्यपके रूप में हुई है.

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मुंबई क्राइम ब्रांच ने इन दोनों को रविवार शाम किला मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया था, जहांधर्मराज कश्यप ने कोर्ट में खुदके नाबालिग होने का दावा किया. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरमेल को 7 दिन के लिए 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि धर्मराज के वास्तविक उम्र का पता लगाने के लिए बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट की मंजूरी दी थी.

नाबालिग नहीं बालिग है धर्मराज कश्यप

बाबा सिद्दीकी की हत्या में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में से एक धर्मराज कश्यप ने कोर्ट के समक्ष यह दावा किया था कि वह नाबालिग है. लेकिन कोर्ट ने उसकी सही उम्र का पता लगाने के लिए बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट का आदेश दिया था. इस टेस्ट में पुष्टि की गई कि आरोपी धर्मराज नाबालिग नहीं बल्कि बालिग है. बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट में शरीर की कुछ खास हड्डियों का एक्सरे किया जाता है और उनकी बनावट, ताकत और घनत्व से किसी शख्स की उम्र का पता लगाया जाता है.

धर्मराज कश्यप उत्तर प्रदेश के कैसरगंज के गंडारा गांव का रहने वाला है. बहराइज की एसपी वृंदा शुक्ला का कहना है कि उसका फिलहाल कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है. वह सामान्य परिवार का है और मजदूरी करने मुंबई आया था.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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