फाइल साइन पर पाबंदी, सीएम दफ्तर में एंट्री पर बैन... सुप्रीम कोर्ट की वो शर्तें जिनके बाद केजरीवाल को लेना पड़ा इस्तीफे का फैसला

4 1 23
Read Time5 Minute, 17 Second

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वो दो दिन में सीएम की कुर्सी से इस्तीफा दे देंगे. उनके इस फैसले ने कई अटकलों को हवा दी है. लिहाजा सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि आखिर केजरीवाल ने जमानत मिलने के बाद इस्तीफे का फैसला क्यों लिया. जबकि वह 156 दिन तक जेल में थे और विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है.

इस बात की भी चर्चा है कि केजरीवाल के इस फैसले के पीछे सुप्रीम कोर्ट की वो बंदिशें भी हो सकती हैं जो जमानत देते वक्त कोर्ट ने उनपर लगाई थीं. कोर्ट की इन शर्तों ने केजरीवाल को जेल से बाहर आने का रास्ता तो दिखाया था. लेकिन बतौर सीएम उनके अधिकारों को लगभग खत्म कर दिया है. तो आइए जानते हैं कि आखिर सुप्रीम कोर्ट की वो शर्तें क्या थीं...

13 सितंबर को कोर्ट से मिली जमानत

बता दें कि अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 13 सितंबर को उस वक्त बड़ी राहत मिली थी, जब कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को सीबीआई के केस में भी सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी. उन्हें ईडी के मामले में पहले ही जमानत मिल गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कई शर्तें भी लगाई थीं.

Advertisement

कोर्ट ने रखी थी ये 6 बड़ी शर्तें

- अरविंद केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही सचिवालय जा सकेंगे.
- किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे जब तक ऐसा करना जरूरी न हो.
- अपने ट्रायल को लेकर कोई सार्वजनिक बयान या टिप्पणी नहीं करेंगे.
- किसी भी गवाह से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे.
- इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे.
- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे.

क्या बोले अरविंद केजरीवाल

रविवार को आप कार्यालय में इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो दो दिन के भीतर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा कि वो अब तभी कुर्सी पर बैठेंगे जब जनता उनकी ईमानदारी पर मुहर लगाकर दोबारा उन्हें चुनेगी. उन्होंने ये भी कहा कि मनीष सिसोदिया भी सीएम नहीं बनेंगे. बल्कि दोनों नेता गलियों में जाकर प्रचार करेंगे.

यह भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आसान नहीं होगी AAP की राह, नए CM के सामने कई चुनौतियां

इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो दिल्ली में जल्द से जल्द चुनाव चाहते हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के साथ ही नवंबर में दिल्ली में भी चुनाव कराए जाएं. हालांकि, अब इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर दिल्ली में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होगा.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

UP Constable Exam Paper Leak: पेपर लीक गैंग का सदस्य गिरफ्तार, बताया कैसे आउट किया था प्रश्न पत्र

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now