कोलकाता कांड के कितने किरदार, कहां तक पहुंची जांच... सुप्रीम कोर्ट में कल CBI देगी इन सवालों के जवाब?

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कोलकाता कांड को लेकर देशभर में गुस्सा है, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लोग सड़कों पर हैं. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आधी आबादी के खिलाफ जघन्य अपराध का सिलसिला कबतक जारी रहेगी. कब तक महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार और सिस्टम आंखें मूंद कर बैठा रहेगा. दरअसल, 8-9 अगस्त की काली रात जितने ही घुप्प अंधेरे में सारे सवाल और इंसाफ छिपा है. जहां ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई वीभत्स वारदात के बाद इंसाफ मांगती लौ देश में जलाई गई. अब इसी रोशनी को न्याय दिलाने की मशाल बनाने की जिम्मेदारी सीबीआई के पास है, लेकिन 8 दिन की जांच की गुत्थी इसी तरह की कालिख में उलझती और छिपती भी दिखती है.

सीबीआई की टीम सुराग जुटाने, सिरों को जोड़ने और मामले को तह से पकड़कर न्याय की साफ तस्वीर तक लाने में जुटी है. सीबीआई की जांच ही तय करेगी कि मुख्य आरोपी संजय रॉय दोषी है या नहीं. इतना ही नहीं, अगर संजय रॉय दोषी साबित हुआ तो फांसी होगी?

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ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या संजय रॉय ही इकलौता आरोपी है? या फिर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रहे संदीप घोष से 6 दिन से होती आ रही पूछताछ में और आरोपियों का पता चलने वाला है? संदीप घोष की भूमिका अब तक संदिग्ध क्यों बनी हुई है? WB02AU9747 नंबर वाली एक SUV कार को सीबीआई दफ्तर क्यों लाया गया है? क्या प्रिंसिपल रहे संदीप घोष की इस सफेद SUV से सीबीआई को नया सुराग मिला है? क्या मुख्य आरोपी संजय रॉय के करीबी को 8-9 अगस्त की रात का पता था? क्या पीड़िता की डायरी के पन्नों से भी सीबीआई को कुछ सुराग मिला है? क्या वारदात सेमिनार रूम में ही हुई थी या फिर साजिश कुछ हुई? क्या वारदात सिर्फ रेप-हत्या की है या फिर मेडिकल कॉलेज में कुछ और भी बड़ा खेल है?

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अब गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में CBI को अब तक जांच के आधार पर स्टेटस रिपोर्ट सौंपनी है. 8 दिन के भीतर सीबीआई इस केस के सबसे बड़े आरोपी संजय रॉय से लगातार पूछताछ के अलावा साइकोलॉजिकल टेस्ट कर चुकी है. अस्पताल के सीसीटीवी वीडियो को खंगाल चुकी है. संजय रॉय के मुख्य आरोपी के अलावा संदिग्ध भूमिका वाले प्रिंसिपल रहे संदीप घोष से 6 दिन पूछताछ कर चुकी है.

सीबीआई की टीम आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में और उसके बाहर 3D लेजर मैपिंग जांच कर चुकी है. पीड़िता के तीन साथी डॉक्टरों से भी सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई 8-9 अगस्त की रात अस्पताल में मौजूद स्टाफ के कई सदस्यों से भी सवाल जवाब कर चुकी है. ऐसे में गुरुवार को सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर होंगी.

पीड़िता के परिजन, इंसाफ मागंते डॉक्टर और देशवासी के साथ ही जो टीएमसी की सरकार को कठघरे में रहे हैं वो भी पूछ रहे हैं कि सीबीआई की जांच में अब तक क्या निकला? अब गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जब CBI स्टेटस रिपोर्ट देगी तो पश्चिम बंगाल पुलिस पर केस को दबाने के लगे आरोपों का सच भी सामने आएगा.

स्टेटस रिपोर्ट में क्या हो सकता है?

1- कितने किरदारों के बयान दर्ज हुए?
2- आरोपी संजय रॉय ने पूछताछ में क्या-क्या कबूल किया?
3- फॉरेंसिक रिपोर्ट में क्या निकला?
4- आरोपी के बयान और रिक्रिएशन को कॉलेब्रेट कर क्या निष्कर्ष निकला?
5- वारदात में संजय रॉय अकेले ही शामिल था या एक से ज्यादा लोग शामिल थे?
6- पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का जांच में रोल?
7- कोलकाता पुलिस की जांच में कहां-कहां खामी रही?
8- कितने किरदारों की भूमिका संदिग्ध और क्यों? जैसे कि ASI अरुप दत्ता समेत कई किरदार

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संजय रॉय कोलकाता केस का मुख्य आरोपी हैं जबकि संदीप घोष मुख्य संदिग्ध. अब इन दोनों के बीच क्या कोई रिश्ता है? हालांकि घटना के 2 दिन बाद जब ये सवाल मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर उठे तो उन्होंने कहा था कि मेरी बदनामी हो रही है, ये ल़ड़की मेरी बेटी की तरह है. पैरेंट होने के नाते इस्तीफा दे रहा हूं, मैंने उसे बचाने की कोशिश की.

बदनामी का डर और पीड़िता को अपनी बेटी बताते इस्तीफा देने वाले संदीप घोष को लगातार 6 दिन तक सीबीआई ने बुलाकर पूछताछ की है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग का नाम लिखी SUV कार है, जिसमें प्रिंसिपल रहते संदीप घोष चलते रहे, लेकिन अब इसी कार में सीबीआई के अधिकारी जांच कर रहे हैं. जिस कार का इस्तेमाल संदीप घोष करते थे, इसमें कोई सुराग या सुराग का सिरा सीबीआई खोज रही है, लेकिन वो क्या है? क्या इस कार का 8-9 अगस्त की रात हुई वारदात से कोई कनेक्शन हो सकता है?


संदीप घोष इस पूरे केस में भले जांच के बाद निर्दोष हों, लेकिन फिलहाल अब तक इनकी भूमिका कई मामलों में संदिग्ध रही है. जिस पर शक और बढ़ जाता है, जब अख्तर अली RG कर हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट के दावे आजतक पर सामने आते हैं. अख्तर अली वो अधिकारी हैं, जो 2007 से लेकर 2023 तक आरजी कर हॉस्पिटल में रहे. जिन्होंने अब कोलकाता केस को लेकर कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने के साथ-साथ कलकत्ता हाईकोर्ट में एक अर्जी भी दाखिल की है. अब अख्तर अली सबसे बड़ा खुलासा ये करते हैं कि मुख्य आरोपी संजय रॉय और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष में एक कनेक्शन है. अख्तर अली ने दावा किया कि संजय रॉय मेडिकल कॉलेज में सिविक वॉलिंटियर होकर भी संदीप घोष का बाउंसर बनकर घूमता था.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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