जिस्म पर दुश्मनों के नाम के टैटू, ब्लैकमेलिंग का खेल और एक कत्ल... मुंबई स्पा मर्डर केस की Inside Story

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आमिर खान की 'गजनी' अपने समय की पॉपुलर फिल्मों में से एक है. इस फिल्म में आमिर के किरदार की खूब चर्चा हुई थी, जिसे भूलने की बीमारी थी. इसी बीमारी के चलते उसने अपने जिस्म पर अपने दुश्मनों के नाम और नंबर गुदवा रखे थे. इसी तरह की एक वास्तविक कहानी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सामने आई है. ठीक फिल्म गजनी की तरह एक शख्स ने अपने जिस्म के एक खास हिस्से में अपने 22 दुश्मनों के नाम लिखवा रखे थे. उसे गजनी की तरह भूलने की बीमारी तो नहीं थी, लेकिन ये शख्स अपने 22 दुश्मनों के इन्हीं नामों के साथ ही रोज़ाना जीता-मरता था.

कमाल देखिए कि जब उसका कत्ल हुआ, तो उसके जिस्म पर लिखे इन नामों में उसके कातिल का नाम छठे नंबर पर था. हाल के दिनों की इस सबसे अजीब और सबसे चौंकाने वाली इस मर्डर मिस्ट्री की शुरुआत वर्ली के सॉफ्ट टच स्पा से होती है. बुधवार की सुबह इस स्पा से पुलिस को एक कॉल आती है. कॉलर बताता है कि स्पा के अंदर एक शख्स का कत्ल हो गया है. खबर सुनते ही पुलिस के होश उड़ जाते हैं. पुलिस की एक टीम आनन-फानन में बताई गई जगह पर पहुंचती है. वहां पुलिस को खून से लथपथ एक शख्स की लाश मिलती है. उसका कत्ल धारदार हथियारों के वार से किया था.

मगर कातिल की तलाश करने के साथ-साथ जब पुलिस इस लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाती है, तो लाश देख कर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर अचानक चौंक जाते हैं. क्योंकि मरने वाले शख्स के दोनों जांघों पर कोई एक दो नहीं, बल्कि पूरे 22 लोगों के नाम लिखे थे. या यूं कहें कि उसकी जांघों पर टैटू के ज़रिए 22 लोगों के नाम की पूरी की पूरी लिस्ट छपी थी. लेकिन अब सवाल ये था कि आखिर ये माजरा क्या है? जांघ पर इस तरह टैटू के ज़रिए 22 लोगों के नाम लिखवाने के पीछे का रहस्य क्या है? मरने वाले यानी नाम लिखवाने वाले शख्स के साथ-साथ इन 22 लोगों का कैसा कनेक्शन है?

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तो जब पुलिस की नजर इस लिस्ट में लिखे नामों के साथ-साथ सबसे ऊपर लिखी इस एक लाइन पर गई, तो जल्द ही इस राज़ पर से भी पर्दा उठ गया. क्योंकि इस लाइन में लिखा था. "मेरे दुश्मनों का नाम मेरी डायरी में लिखा है. इसकी जांच कर कार्रवाई करें." इस लाइन में बात तो डायरी की हो रही थी, लेकिन शायद मरने वाले ने सेफ साइड में या यूं कहें कि 'डबल श्योर' होने के लिए अपनी जांघ पर भी अपने इन्हीं दुश्मनों के नाम लिखवा लिए थे. लेकिन फिर सवाल ये था कि आख़िर ये शख्स कौन था? और वो ऐसे किस पेशे से जुड़ा था, जिसमें उसके दुश्मनों की फेहरिस्त इतनी लंबी हो चली थी?

इसके बाद जब पुलिस की नजर दुश्मनों की इस लंबी लिस्ट के साथ-साथ छठे नंबर लिखे एक नाम पर गई, तो इस राज़ से भी पर्दा उठ गया. ये नाम किसी और का नहीं बल्कि उसी शख्स का था, जिसके स्पा के अंदर इस शख्स का कत्ल हुआ था. जी हां, संतोष शेरेकर. असल में ये स्पा संतोष शेरेकर का ही था और अपने स्पा में एक शख्स का कत्ल हो जाने की खबर भी सबसे पहले उसने ही पुलिस को दी थी. अब तक की तफ्तीश में मरने वाले शख्स की पहचान भी साफ हो चुकी थी. ये शख्स था 52 साल का गुरु वाघमारे. यानी एक ऐसा आरटीआई एक्टिविस्ट, जिसका काम ही आरटीआई के जरिए लोगों की कमियां ढूंढना था.

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उन्हें कार्रवाई की धमकी देना और ब्लैकमेल कर रुपयों की वसूली करना था. शायद यही वजह थी कि उसके दुश्मनों की लिस्ट इतनी लंबी हो गई थी. जल्द ही तफ्तीश में ये भी साफ हो गया कि वाघमारे, संतोष शेरेकर को भी पिछले कई सालों से लगातार ब्लैकमेल कर रहा था और उससे वसूली भी करता था. ज़ाहिर है, इसी वजह से वाघमारे की शेरेकर से दुश्मनी भी थी और वाघमारे ने अपने दुश्मनों की लिस्ट में छठे नंबर पर उसका नाम भी लिखवा रखा था. लेकिन सवाल ये था कि आखिर गुरु वाघमारे, संतोष शेरेकर की स्पा में कैसे पहुंचा? और यहां पर उसका कत्ल किसने किया था?

पुलिस ने इसे लेकर स्पा मालिक शेरकर से पूछताछ की, तो ये सिक्वेंस भी साफ हो गया. शेरकर ने पुलिस को बताया कि वाघमारे बीती रात करीब साढ़े 12 बजे 21 साल उम्र वाली अपनी एक गर्लफ्रेंड के साथ उसके स्पा में पहुंचा था. तब तक स्पा में काम करने वाले स्टाफ अपने-अपने घर जा चुके थे. खुद उसे भी सुबह ही ये पता चला कि उसके स्पा में गुरु वाघमारे का कत्ल हो चुका है. यानी वारदात बेशक शेरेकर की स्पा में हुआ था, लेकिन उसे इस वारदात की खबर नहीं थी. उसका कहना था कि वो तो सुबह जब उसके साथ आई गर्लफ्रेंड ने उसका कत्ल हो जाने की बात बताई, तो स्पा पहुंचा और उसने पुलिस को खबर दी.

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अब पुलिस ने वाघमारे की गर्लफ्रेंड से पूछताछ करने के साथ-साथ बीती रात के पूरे सिक्वेंस को समझने की कोशिश की. गर्लफ्रेंड ने बताया कि मंगलवार को गुरु वाघमारे का बर्थ डे था और उसने अपना उसी के साथ सेलिब्रेट किया था. वो दोनों पहले एक बार में गए थे, जहां उन्होंने साथ में ड्रिंक किया और फिर वाघमारे उसे लेकर सॉफ्ट टच स्पा में चला आया. गर्लफेंड ने बताया कि बीती रात वाघमारे ने स्पा के मैनेजर और एक स्टाफ को भी पार्टी दी थी, जिसके बाद वो वाघमारे के साथ स्पा चली गई, जबकि स्पा का स्टाफ अपने घर चला गया. स्पा में वो रात को एक कमरे में सोने चली गई. सुबह करीब साढ़े नौ बजे उसकी नींद खुली.

उसने देखा कि वाघमारे का कत्ल हो चुका है. यानी स्पा मालिक शेरेकर और गर्लफ्रेंड दोनों रात को वाघमारे को जिंदा देखने की बात कह रहे थे, लेकिन क़त्ल की वारदात से खुद को अंजान बता रहे थे. अब पुलिस ने सच्चाई जानने के लिए टेक्निकल इनवेस्टिगेशन की शुरुआत की. उस बार से लेकर स्पा के आस-पास लगे तमाम सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू कर दिया, जिस बार में स्पा पहुंचने से पहले गुरु वाघमारे और उसकी गर्लफ्रेंड अपना बर्थ डे सेलिब्रेट करने पहुंचे थे. इस कोशिश में पुलिस को बार से लेकर स्पा के बाहर तक कुछ संदिग्ध लोगों की तस्वीरें नजर आईं. पुलिस ने देखा कि जिस बार में दोनों बर्थ डे सेलिब्रेट करने पहुंचे थे, उस बार के बाहर रेनकोट पहने दो लोग एक स्कूटी से गुरु वाघमारे का पीछा करते हुए दिख थे. यही दोनों लोग स्पा तक भी पहुंचे थे.

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असल में वाघमारे के स्पा पहुंचने के करीब एक घंटे बाद ये दोनों रहस्यमयी लोग स्पा तक आए थे और स्पा के करीब ही एक पान की दुकान पर रुक कर उन्होंने कुछ खरीदा था. दोनों के पान की दुकान में रुकने की ये तस्वीरें भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थीं. अब पुलिस ने बिना वक्त गंवाए पान वाले से पूछताछ शुरू कर दी. पता चला कि बीती रात रेनकोट वाले दोनों लोगों ने उसकी दुकान से गुटखा खरीदा था. दोनों ने गुटखे के पैसे यूपीआई से चुकाए थे. ये पुलिस के लिए एक और बड़ा क्लू था. पुलिस ने अब फौरन पान दुकानदार को यूपीआई पेमेंट करने वाले का नाम और फोन नंबर पता किया.

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इसी के साथ फिरोज अंसारी नाम के उस शख्स के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड यानी सीडीआर निकलवा ली. ताकि ये पता चल सके कि क़त्ल से पहले या क़त्ल के बाद उनकी किससे बात हो रही थी. पुलिस ये देख कर सन्न रह गई कि जो स्पा मालिक संतोष शेरेकर खुद को वाघमारे के क़त्ल से बेखबर बता रहा था, रेनकोट पहन कर वाघमारे का पीछा करने वाले दो लोगों में से एक फिरोज अंसारी की उसी शेरेकर से लगातार बात हो रही थी. यानी ये कत्ल ना सिर्फ स्पा मालिक के ठिकाने पर हुआ था, बल्कि खुद शेरेकर भी क़ातिलों से मिला हुआ था. अब पुलिस ने शेरेकर पर शिकंजा कस दिया.

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अब उसके पास सच्चाई कबूल करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं था. उसने बताया कि मंगलवार की रात उसी के कहने पर फिरोज़ अंसारी और साकिब अंसारी ने गुरु वाघमारे की जान ली थी. वाघमारे के स्पा में पहुंचने के करीब एक घंटे के बाद फिरोज और साकिब स्पा में पहुंचे थे. तब तक स्पा का स्टाफ घर जा चुका था. दोनों ने पहले उसकी गर्लफ्रेंड को एक कमरे में पहुंचाया और फिर अपने साथ लाई गई कैंची के ब्लेड से वार कर वाघमारे का क़त्ल कर दिया. कहानी साफ होते ही पुलिस ने शेरेकर के साथ-साथ वारदात को अंजाम देने वाले दोनों क़ातिलों में से एक फिरोज अंसारी को भी गिरफ्तार कर लिया.

इसके बाद में फिरोज की निशानदेही पर उसके दूसरे साथी साकिब अंसारी को राजस्थान के कोटा से गरीब रथ एक्सप्रेस से दबोच लिया. जो क़त्ल के बाद दिल्ली भाग रहा था. अब सवाल ये था कि आखिर शेरेकर ने वाघमारे का कत्ल क्यों करवाया? और उसने इस वारदात की साज़िश कैसे रची? तो आगे की तफ्तीश में पुलिस को इन सवालों का भी जवाब मिल गया. ये भी कम हैरान करने वाली कहानी नहीं थी. दरअसल, वाघमारे आरटीआई के नाम पर ब्लैकमेलिंग का रैकेट चला रहा था. वो बाकी लोगों के साथ-साथ पिछले कई सालों से स्पा मालिक शेरेकर को भी ब्लैकमेल कर रहा था.

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गुरुवाघमारे की हत्या में शामिल स्पा सेंटर के मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

शेरेकर और फिरोज़ अंसारी का पहले मुंबई के नालासोपारा में एक स्पा हुआ करता था, जिसकी शिकायत कर उसने वो स्पा बंद करवा दिया था. इसके बाद भी वो लगातार शेरेकर को डरा धमका कर उससे पैसे वसूलता था. इसी से ऊब कर उसने अपने पार्टनर रह चुके फिरोज अंसारी को 12 लाख रुपये की सुपारी दी. फिरोज ने दिल्ली के रहने वाले साकिब अंसारी को कॉन्टैक्ट किया और तीनों ने मिल कर वाघमारे को मारने का प्लान बना लिया. तीन महीने पहले तीनों ने साज़िश रची और फिर साकिब दिल्ली से मुंबई आ गया. फिरोज और साकिब ने वाघमारे की रेकी शुरू की. 7 हजार रुपये में धारदार ब्लेड वाली कैंची खरीदी.

इसके बाद दोनों ब्लेड को अलग कर लिया. फिर तय साज़िश के मुताबिक मंगलवार की रात को पहले वाघमारे का पीछा किया और उसे शेरेकर के स्पा में घुस कर मौत के घाट उतार दिया. एक हैरान करने वाली बात ये है कि वाघमारे ने अपनी बीवी, बेटे और बहू का नाम भी जांघ पर लिखवा रखा था. असल में उसकी अपनी बहू पर गलत नजर थी और इसके चलते पारिवारिक विवाद भी था. कमाल देखिए कि जिस फिरोज अंसारी से उसकी पुरानी दुश्मनी थी, जिसने उसके नाम की सुपारी ली और जिसने खुद अपने हाथों से उसकी जान ली, वाघमारे की जांघ पर छपी लिस्ट में खुद उसी फिरोज अंसारी का नाम कहीं नहीं था.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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