मशहूर शायर शकील शकील बदायूनी का एक शेर है
'भेज दी तस्वीर अपनी उन को ये लिख कर 'शकील'
आप की मर्ज़ी है चाहे जिस नज़र से देखिए'
सच है कितस्वीर जो भी हो, जैसी भी हो, फर्क तब पड़ता है जब देखने का नजरिया हो. बात जब राजनीति की हो तो तस्वीरें और भी मौजूं हो जाती हैं, क्योंकि किस तस्वीर को किस नजरिए से देखा जा रहा है और उनका क्या मतलब हासिल हो रहा है, ये सिर्फ वक्त ही बता सकता है.
मौका था 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत का और इस दौरान विपक्ष की ओर से जो तस्वीर निकल कर सामने आई है, उसने बिना बोले ये जता दिया है कि दस साल बाद ही सही, लेकिन इस बार हमारी (विपक्ष की) मौजूदगी संसद में मजबूती से रहेगी.
विपक्ष ने पहले दिन दिखाई अपनी मजबूती
तस्वीर थी विपक्ष के नेताओं के सिटिंग अरेंजमेंट की. जब विपक्ष की ओर इसके नेता बैठे तो फ्रंट लाइन में सफेद टी-शर्ट पहने राहुल गांधी नजर आए तो लाल टोपी लगाए हुए अखिलेश यादव उनके बगल में बैठे थे. इसी जगह बैठे थे अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद. अखिलेश हर जगह उन्हें अपने साथ लेकर चल रहे थे और कई मौकों पर तो खुद से आगे भी रख रहे थे. दरअसल, अवधेश बीजेपी की वह 'अयोध्या' हैं, जिसकी हार की फांस भगवा पार्टी के लिए सबसे बड़ी है और अखिलेश यादव ऐसी तस्वीरों बनाकर यही संदेश दे रहे थे.
अखिलेश ने अवधेश प्रसाद को आगे रखकर क्या मैसेज दिया
राहुल गांधी, अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी से अवधेश प्रसाद (फैजाबाद सांसद), सुदीप बंद्योपाध्याय (टीएमसी) ये कुछ प्रमुख नेता थे जो लोकसभा में अगली पंक्ति में बैठे थे. राजनीति में जो कहा जाता है वह तो महत्वपूर्ण है ही, लेकिन जो नहीं कहा जाता कई बार वह अधिक जरूरी होता है. अवधेश प्रसाद (फैजाबाद सांसद) को अग्रिम पंक्ति में रखकर अखिलेश ने भाजपा को ऐसा ही संदेश दिया है.
...जब अवधेश का हाथ पकड़कर आगे ले आए अखिलेश
अवधेश प्रसाद को अखिलेश यादव, संसद में हर मौके पर खास तवज्जो देते नजर आए. संसद में प्रवेश करते समय डिंपल यादव, चाचा रामगोपाल यादव और अन्य सभी सांसद अखिलेश यादव के साथ थे, लेकिन अचानक ही अखिलेश यादव थोड़ा पीछे चले गए और फिर अवधेश प्रसाद का हाथ पकड़कर आगे ले आए. इतना ही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने अवधेश प्रसाद को आगे रखा. सिटिंग अरेंजमेंट्स से यह साफ है कि विपक्ष ने संसद में अपनी जरूरी जगह पा ली है.
कौन बनेगा नेता प्रतिपक्ष? अभी जवाब का इंतजार
राहुल, अखिलेश जैसे दिग्गज अग्रिम पंक्ति में बैठे दिख रहे हैं और यही लोग विपक्ष की ओर से मोर्चा संभालेंगे. हालांकि विपक्ष के नेता का पद अभी भी खाली है. शीर्ष दावेदार राहुल गांधी और गौरव गोगोई हैं, यह देखना बाकी है कि विपक्ष का आधिकारिक चेहरा कौन होगा, लेकिन एक बात बिल्कुल स्पष्ट है, विपक्ष पूरी तरह से मैदान में उतरेगा. विपक्ष के लिए उसके सांसदों की संख्या ही उसकी ऊर्जा है. यह भी देखना बाकी है कि अपनी बड़ी संख्या के साथ विपक्ष संसद में क्या रुख पलटता है. जहां एनडीए- 293 सीट के साथ मौजूद है तो इंडिया अलायंस के नंबर भी 233 हैं.
किसके कितने नंबर
बीजेपी- 240
कांग्रेस- 98
एसपी-37
टीएमसी - 29
एलजेपी - 5
एक दशक बाद संसद में मजबूत विपक्ष
विपक्ष का मानना है कि पिछले एक दशक से बीजेपी के बहुमत के कारण ही संसद का कामकाज ठप पड़ा है. विपक्ष ने अपनी बड़ी संख्या के साथ जोर-शोर के साथ संसद में अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. प्रधानमंत्री ने भी 50 साल पहले इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के बारे में बोलकर विपक्ष खासकर कांग्रेस पर हमला बोलना शुरू किया. पीएम के संदेश ने बीजेपी के लिए माहौल तैयार कर दिया है कि वह विपक्ष खासकर कांग्रेस पर निशाना साधती रहेगी.
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धर्मेंद्र प्रधान लेने पहुंचे शपथ, तो विपक्ष ने बोला हमला
उधर, विपक्ष को भी मौका मिला और जब धर्मेंद्र प्रधान शपथ लेने के लिए पोर्डियम पर पहुंचे तो विपक्ष ने नीट-नीट, शेम-शेम का शोर मचाया. इस दौरान अधिक हो-हल्ला करने पर विपक्ष को डांटना पड़ा. वहीं, जब प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और शिक्षा मंत्री शपथ ले रहे थे तो संसद सत्र के दौरान विपक्ष ने संविधान की प्रतियां दिखाईं और एक बार फिर संसद में चुनावी माहौल जैसा आलम हो गया. लोकसभा के बाहर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह द्वारा संविधान पर हमला हमें स्वीकार्य नहीं है और हम ऐसा नहीं होने देंगे, इसीलिए हमने शपथ लेते समय संविधान को हाथ में लिया. भारत के संविधान को कोई ताकत छू नहीं सकती'
सपा सांसद भी संविधान की प्रतियां लेकर पहुंचे
ऐसी ही एक तस्वीर समाजवादी पार्टी के साथ भी बनती नजर आई. सपा के लिए भी आज सबकुछ संविधान ही था. समाजवादी पार्टी के भी सभी 37 सांसद संविधान की प्रति लेकर संसद पहुंचे थे और हर मौके पर यह प्रतियां उनके हाथ में दिखाई दे रही थीं. अखिलेश यादव ने कहा कि हम संविधान लेकर चल रहे हैं ताकि यह संदेश दिया जा सके कि संविधान को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता, जो सत्ताधारी दल करना चाह रहा है.
संविधान, नीट और भ्रष्टाचार... वे शब्द जो संसद में बार-बार गूंजने वाले हैं
तो इस तरह, जब ये संसद सत्र शुरू हो चुका है तो इस सत्र में कुछ खास शब्द जो बार-बार सुनाई देते रहेंगे और पक्ष-विपक्ष को प्रभावित करेंगे, उनकी भी एक खास लिस्ट है. इस लिस्ट में पांच प्रमुख शब्द हैं. पहला तो संविधान, दूसरा NEET, तीसरा आम आदमी, चौथा भ्रष्टाचार और पांचवां आपातकाल. संसद सत्र इन शब्दों से भरा-पूरा रहेगा. धर्मेंद्र प्रधान के शपथ के समय तो विपक्ष NEET, NEET का जाप करता दिख ही गया. यह मुद्दा इस बार संसद में गूंजता नजर आएगा.
दरअसल, राहुल गांधी ने एक वीडियो संदेश में छात्रों से वादा किया है कि वह व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे और सरकार से जवाबदेही मांगेंगे. NEET को स्थगित करने और NEET-PG को रद्द करने के खिलाफ सभी राज्यों में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. डार्क वेब पर पेपर लीक की खबर ने छात्रों के गुस्से को और बढ़ा दिया है. उधर, विपक्ष के लिए यह अपने मतदाताओं को दिखाने का समय है कि वे भाजपा से पूरी ताकत से लड़ने वाले हैं.
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