ईरानी कप में मुंबई और रेस्ट ऑफ इंडिया के बीच मुकाबला खेला गया.लखनऊ के इकाना क्रिकेट स्टेडियमखेलेगएइस मुकाबले में ओपनर बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन ने तबाही मचा दी. ईश्वरन ने रेस्ट ऑफ इंडिया के लिए पहली पारी में शानदारशतक जड़ा. दाएं हाथ के बल्लेबाजईश्वरन ने 292 गेंदों पर 191 रन बनाए,जिसमें 16 चौके के अलावा एकसिक्स शामिल रहा. अभिमन्यु को शम्स मुलानी ने चलता किया था.
अभिमन्यु ने लगाई शतकों की हैट्रिक
अभिमन्यु ईश्वरन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में लगातार तीसरे मैच में शतकीय पारी खेली. ईश्वरन ने इससे पहले दलीप ट्रॉफी 2024 में इंडिया-बी की ओर से खेलते हुए दो शतक जड़े थे. तब 29 साल के ईश्वरन ने इंडिया-डी के खिलाफ 116 और इंडिया-सी के विरुद्ध नाबाद 157 रन बनाए थे. देखा जाए तो अभिमन्युघरेलू क्रिकेट की 'रन मशीन' बन चुके हैं. ईश्वरन के नाम पर 7500 से ज्यादा रन हैं और उनका एवरेज भी 49 से ज्यादा का है. लिस्ट-ए क्रिकेट में भी उन्होंने रनों का अंबार लगाया है. मगर इसके बावजूद वो अब तक भारत के लिए एक भी मैच नहीं खेल पाए हैं.
हालांकि अभिमन्यु ईश्वरन को कुछ मौकों पर भारतीय दल में कवर के तौर पर जरूरशामिल किया जा चुका है. अभिमन्युको 2021 में वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) फाइनलऔर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए स्टैंडबाय में रखा गया था. फिर वह2022 में बांग्लादेश दौरे पर भी टीम इंडिया के साथ जुड़े थे. तब रोहित शर्मा इंजरी के चलते नहीं खेल पाए थे.अब अभिमन्यु जोरदार फॉर्म में हैं, ऐसे में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर टेस्टसीरीज के लिए बैक-अप ओपनर के तौर पर सेलेक्ट किया जा सकता है.
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अभिमन्यु रंगननाथनपरमेश्वरन ईश्वरन का जन्म 6 सितंबर 1995 को उत्तराखंड के देहरादून में हुआ था. हालांकि अभिमन्युघरेलू क्रिकेट में बंगाल टीम के लिए खेलते हैं. अभिमन्युशानदार बल्लेबाज के साथ लेग-ब्रेक स्पिनर भी हैं. यानी वह टीम को ऑलराउंडर प्रदर्शन कर जीत दिलाने में सक्षम भी हैं.
...पिता ने बेटे के लिए बनवाया स्टेडियम
भारतीय टीम ने जब 2011 में अपना दूसरा वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता था, तब अभिमन्यु महज 15 साल के थे. उनके पिता आरपी ईश्वरन पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)हैं. अभिमन्युके पिता ने कई साल पहले पुरकुल गांव में अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी स्टेडियम की स्थापना की थी. इसी एकेडमी में अभिमन्युने भी क्रिकेट का ककहरा सीखा है. इसके बाद वह दिल्ली आए और फिर यहां से बंगाल का रुख किया. वह बंगाल टीम की कमान भी संभाल चुके हैं.
अभिमन्यु के पिता आरपी ईश्वरन ने इस स्टेडियम को लेकर एक इंटरव्यू में कहा, 'मेरे लिए यह कोई उपलब्धि नहीं है. यह अच्छा लगता है, लेकिन असली उपलब्धि तब होगी जब मेरा बेटा भारत के लिए 100 टेस्ट खेल सके. यह स्टेडियम मैंने अपने बेटे के लिए नहीं बल्कि खेल के प्रति अपने जुनून के कारण बनवाया. मैंने 2006 में इसका निर्माण शुरू किया था और मैं अभी भी इसे लगातार अपग्रेड करने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च कर रहा हूं. इससे कोई रिटर्न नहीं मिलता, लेकिन यह सब खेल के प्रति मेरे प्यार की वजह से है.'
अभिमन्यु ईश्वरन का सपना भारत के लिए खेलने का है. अभिमन्यु कहते हैं, 'किसी भी खिलाड़ी का अंतिम लक्ष्य देश की तरफ से खेलना होता है.लोग मुझे भारतीय क्रिकेटर कहते हैं लेकिन अभी तक मैंने डेब्यूनहीं किया है. उम्मीद है कि ऐसा जल्द होगा. मेरा एकमात्र सपना देश की तरफ से खेलना है. मैं आसानी से हार नहीं मानूंगा और इसके लिए अपने प्रयास जारी रहूंगामैं यह सुनिश्चित करना चाहूंगा कि मैं इसके लिए हमेशा तैयार रहूं.मुझे उम्मीद है कि मैं जल्द ही देश की तरफ से खेलूंगा.'
अभिमन्यु ईश्वरन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 98 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने49.38की औसत से 7506 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 26 शतक और 29 अर्धशतक निकले. इस खिलाड़ी ने 88 लिस्ट-ए मैच खेले, जिसमें 47.49 की औसत से 3847 रन बनाए. लिस्ट-ए क्रिकेट में अभिमन्यु ने 9 शतक और 23 अर्धशतक लगाए. अभिमन्युने टी20 में भी हाथ आजमाए हैं, जहां उन्होंने कुल 34मैचों में 976रन बनाए.
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