हजारीबाग, गोधरा, झज्जर ... NEET के वो एग्जाम सेंटर्स जो हैं CBI के रडार पर, कैसा रहा रिजल्ट?

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राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) के केंद्रवार और शहरवार परिणाम शनिवार को घोषित कर दिए.यह परीक्षा कथित अनियमितताओं को लेकर जांच के घेरे में है. नीट परिणाम के आंकड़ों का विश्लेषण करने से यह पता चला कि पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से कथित रूप से लाभान्वित हुए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, लेकिन कुछ केंद्रों में कई छात्रों ने एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन किया है.

एनटीए अधिकारियों ने कुछ केंद्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों की अधिक संख्या के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया. नीट-यूजी परीक्षा पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 32 लाख अभ्यार्थी शामिल हुए थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें इस प्रारूप में प्रकाशित किया गया है.

जांच के दायरे में थे ये सेंटर

जांच के दायरे में आए केंद्रों जैसे कि ओएसिस स्कूल, हजारीबाग, झारखंड; हरदयाल पब्लिक स्कूल, झज्जर, हरियाणा; जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल, गोधरा, गुजरात के उम्मीदवारों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से काफी खराब रहा. एनटीए द्वारा जारी आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, कुछ केंद्रों में ज्यादा नंबर हासिल करने वालों की संख्या अधिक है.

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उदाहरण के लिए, गुजरात के राजकोट में आरके विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एक केंद्र में 240 से अधिक उम्मीदवारों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जिनमें से 12 को 720 में से 700 से अधिक अंक मिले हैं. इसी तरह, राजस्थान के सीकर में मंगल चंद डिडवानिया विद्या मंदिर केंद्र में चार छात्रों ने 700 से अधिक अंक, 45 ने 650 से अधिक अंक और 115 छात्रों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए. सीकर के एक अन्य केंद्र अरावली पब्लिक स्कूल में 90 छात्रों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए. सीकर NEET-UG के लिए एक उभरता हुआ कोचिंग केंद्र है.

सीकर में सबसे ज्याद टॉपर

सीकर के एक अन्य केंद्र में भी 83 छात्रों ने 600 से अधिक लेकिन 700 से कम अंक प्राप्त किए हैं. सीकर में 27,000 से अधिक छात्रों ने नीट-यूजी की परीक्षा दी थी, जिसमें से 4,200 से अधिक ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए तथा 2,000 से अधिक ने 450 से अधिक अंक हासिल किए. नीट-यूजी परिणाम के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि कुल मिलाकर, 30,204 छात्रों ने 650 और उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जो कि देश भर में 23.22 लाख उम्मीदवारों का 1.3 प्रतिशत है.

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वहीं, 79,500 से अधिक छात्रों ने 600 से अधिक अंक हासिल किए हैं. इन अभ्यर्थियों को शीर्ष 30,000 में स्थान मिलेगा और वे सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश ले पाएंगे. इनमें से अकेले सीकर के 2,037 छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश ले पाएंगे.

हरियाणा के रोहतक में मॉडल स्कूल केंद्र के 45 अभ्यर्थियों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए, जबकि लखनऊ के एसडीएसएन महाविद्यालय केंद्र में नीट-यूजी देने वालों में से 45 से अधिक ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए.

जहां मिली थी शिकायत वह बाद में आए कम नंबर

हरियाणा के झज्जर में हरदयाल पब्लिक स्कूल केंद्र के संशोधित परिणामों में किसी भी नीट-यूजी उम्मीदवार ने 682 से अधिक अंक नहीं प्राप्त किए हैं, जो 5 मई को वहां मेडिकल प्रवेश परीक्षा देने वाले छह उम्मीदवारों द्वारा 720 में से 720 अंक प्राप्त करने के बाद जांच के दायरे में था.

बिहार के पटना में एएन कॉलेज केंद्र पर 29 छात्रों ने 650 से अधिक अंक प्राप्त किए, जबकि होली मिशन सेकेंडरी स्कूल में 21 उम्मीदवारों ने 650+ अंक प्राप्त किए और दो ने 700 अंक प्राप्त किए. हालांकि, जिन केंद्रों पर पहले विसंगतियों की सूचना दी गई थी, वहां के उम्मीदवारों के अंक कम रहे.

उदाहरण के लिए, झारखंड के हजारीबाग में जिस ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य को नीट परीक्षा में कथित अनियमितता के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है, इस केंद्र पर 701 उम्मीदवारों में से केवल पांच (0.71 प्रतिशत) ही शीर्ष एक प्रतिशत में पहुंच पाए, जो कि पूरे हजारीबाग के लिए 0.66 प्रतिशत सफलता दर के समान है.

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एनटीए के आदेश पर छात्रों की आपत्ति

NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट के NTA को दिए आदेश पर कुछ छात्रों ने आपत्ति जताते हुए शिक्षा मंत्री को चिट्ठी लिखी है. छात्रों की गुहार है कि शहर और परीक्षा केंद्र के मुताबिक रोल नंबर के साथ रिजल्ट अपलोड किया जाए. उससे भी पहचान गोपनीय रखने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इससे डाटा एनालिसिस करने में भी आसानी होगी.

विदुषी शर्मा ने चिट्ठी में लिखा है कि जिस तरह से रिजल्ट बताया गया है उससे कोई मतलब नहीं निकल रहा है. उल्टे भ्रम की स्थिति बढ़ गई है क्योंकि रोल नम्बर की जगह डमी यानी छद्म नंबर हैं.NTA ने रोल नंबर की जगह सीरियल नंबर लिखे हैं. जबकि परीक्षा केंद्र वार ये एकरूपता में नहीं हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अभ्यर्थियों की पहचान उजागर नहीं करते हुए परिणाम घोषित किए जाएं. कोर्ट ने कहा था कि वह यह पता लगाना चाहता है कि कथित विवादित केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अन्य स्थानों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की तुलना में अधिक अंक तो नहीं मिले हैं.

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5 मई को हुई परीक्षा के नतीजे, जो पहले 4 जून को घोषित किए गए थे, शीर्ष अदालत के आदेश के बाद इस केंद्र-वार प्रारूप में प्रकाशित किए गए हैं. अदालत 22 जुलाई को इस मामले में दलीलों की सुनवाई फिर से शुरू करेगी, जिसमें प्रतिष्ठित परीक्षा में कदाचार के आरोपों को रद्द करने, फिर से परीक्षा लेने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर बहस होगी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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