परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी को बेहतर बनाने के लिए NEET UG परीक्षा को ऑनलाइन प्रारूप में बदलने की उम्मीद है. यह कदम NEET 2024 पेपर लीक की घटना के जवाब में उठाया गया है, जिसके कारण व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए और हजारों छात्रों ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग की थी.
पेपर लीक के आरोपों के बाद गठित हुई समिति
स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) और पूर्व ISRO प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता मेंगठित स्वतंत्र निगरानी समिति के बीच चर्चा चल रही है. इस समिति की स्थापना पेपर लीक के आरोपों से पैदा हुई चिंताओं को दूर करने और परीक्षा ढांचे को मजबूत करने के उपायों की सिफारिश करने के लिए की गई थी.
शिक्षा मंत्री ने पेन-पेपर मोड में परीक्षा आयोजित कराने पर जोर
राधाकृष्णन के नेतृत्व वाली समिति ने सुरक्षा कमज़ोरियों को कम करने के लिए जल्द समाधान के रूप में कंप्यूटर-आधारित परीक्षण (सीबीटी) मोड अपनाएगी. इसके अलावा, हाइब्रिड मॉडल की सिफारिश भी की गई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक प्रमुख मीडिया हाउस के साथ इंटरव्यू के दौरान NEET UG परीक्षा को पेन-एंड-पेपर मोड से ऑनलाइन मोड में बदलने पर जोर दिया है.
समिति की रिपोर्ट के अनुसार सुझाव
पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति ने NEET UG के भविष्य के लिए कई बदलावों का सुझाव दिया है. रिपोर्ट में पेपर-आधारित कंटेंट को डिजिटल प्रारूप में प्रसारित करने की बात भी की है. इस प्रणाली में, प्रश्नपत्र डिजिटली परीक्षा केंद्रों को भेजे जाएंगे.
यह नया तरीका पारंपरिक पेपर-आधारित परीक्षा से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. समिति की रिपोर्ट को लागू करना शुरू कर दिया गया है, और एनटीए को लगातार मार्गदर्शन देने और निगरानी करने के लिए एक निगरानी समूह का गठन किया गया है. यह समूह तीसरे पक्ष की निगरानी करेगा. स्वास्थ्य मंत्रालय से भी इसके सुझावों पर परामर्श किया जा रहा है. मंत्रालय, समिति और एनटीए के साथ विचार-विमर्श के बाद, यह संभावना है कि परीक्षा प्रणाली को कंप्यूटर-आधारित परीक्षण (सीबीटी) में बदल दिया जाएगा.
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