फेक वेबसाइट मांग रही सरकारी नौकरी के आवेदन, रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर ठगे जा रहे युवा

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Fake website:फर्जी वेबसाइट के जरिएसरकारी नौकरी काझांसा देकर बेरोजगार युवाओं से ठगी का मामला सामने आया है.श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबद्धता का दावा करने वाली एक फर्जी वेबसाइट पश्चिम बंगाल, हरियाणा और असम में हजारों गैर-मौजूद सरकारी नौकरियों की पेशकश कर रही है.

दरअसल, इंडिया टुडे ने 'ग्रामीण उद्यमिता विकास निगम' के नाम से एक फर्जी वेबसाइट का पर्दाफाश किया है, जिसने अपनी विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर, राष्ट्रीय प्रतीक और आजादी का अमृत महोत्सव के लोगो का इस्तेमाल किया है.

फर्जी वेबसाइट पर सरकारी प्रोग्राम की डिटेल्स
नौकरी का झांसा देकर युवाओं से पैसे ऐंठने वाली फर्जी वेबसाइट guvnigam[.]org पर कई तथाकथित सरकारी कार्यक्रमों की सूची है, जिसमें “रोजगार एवं निगम केंद्र”, “उद्यमी विकास केंद्र”, “कौशल विकास कार्यक्रम” और “सशक्तिकरण शिक्षा प्रणाली” शामिल हैं. हालांकि, वेबसाइट के डोमेन रजिस्ट्रेशन डिटेल्स से पता चला है कि इसे कुछ महीने पहले 8 जून, 2024 को “राज कुमार” नाम के एक व्यक्ति ने रजिस्टर्ड कराया था.

भर्ती के नाम पर बड़ा घोटाला
फर्जी वेबसाइट के जरिए कई राज्यों के नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को लुभावने ऑफर के साथ निशाना बनाया जा रहा था. इनमें "जिला उद्यमिता विकास अधिकारी" जैसे पदों के लिए 33,500 रुपये के वेतन और 272 रिक्तियों का वादा किया गया है. हजारों अतिरिक्त फर्जीरिक्तियों का भी दावा कियाहै, जिसमें सामान्य और ओबीसी आवेदकों के लिए 435 रुपये और एससी/एसटी आवेदकों के लिए 345 रुपये का रजिस्ट्रेशन फीस है.

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पश्चिम बंगाल में, 21,500 रुपये के वेतन के लिए 3,450 रिक्तियों के लिए केवल 10वीं कक्षा की योग्यता की आवश्यकता होती है, मल्टी-टास्किंग स्टाफ के लिए 15,500 रुपये के 2,750 पदों के लिए 17,500 रुपये के वेतन का वादा किया गया है, और डेटा एंट्री एग्जीक्यूटिव के लिए 1,365 पदों के लिए 17,500 रुपये के मासिक वेतन का वादा किया गया है. इसी तरह, साइट हरियाणा में 15,500 रुपये से 33,500 रुपये के बीच वेतन के साथ 5,000 रिक्तियों का विज्ञापन करती है. असम में भी इसी तरह के रोजगार के फर्जी मौके देने का दावा किया गया.

फीस के नाम पर युवाओं से ठगी
साइट के निर्देश वाले पेज पर आवेदकों से क्यूआर कोड के माध्यम से शुल्क का भुगतान करने और अपने आवेदन के साथ भुगतान का स्क्रीनशॉट जमा करने के लिए कहा गया है, ताकि युवाओं से पैसे ऐंठ सके. हालांकि इस वेबसाइट को पहले ही फर्जी घोषित कर दिया गया था, इसके बावजूद वेबसाइट पर कंटेंट अपडेट किया जा रहा था. इसके अलावा, वेबसाइट पर भरोसा बनाए रखने के लिए YouTube पर कंटेंट क्रिएटर्स द्वारा फर्जी नौकरियों के लिए आवेदन करने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया की डिटेल्स वाली कई वीडियो पोस्ट की गई.

बता दें कि बेरोजगारों को निशाना बनाने वाली यह अकेली फर्जी वेबसाइट वाला मामला नहीं है. अन्य वेबसाइट्स, जैसे कि 6 सितंबर, 2023 को पंजीकृत guvn[.]co[.]in और 11 जुलाई, 2023 को पंजीकृत guvn[.]org भी “ग्रामीण उद्यमिता विकास निगम” नाम के तहत इसी धोखाधड़ी वाले ऑपरेशन से जुड़ी हैं. ये साइट्स इसी तरह के फर्जी नौकरी के लिए फर्जी आवेदन मांगती हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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