सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना ग्रुप-1 मेन्स परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने परीक्षा में देरी करने से इनकार कर दिया, यह देखते हुए कि छात्र पहले ही परीक्षा केंद्रों पर पहुंच चुके हैं, पहली परीक्षा आज दोपहर 2 बजे शुरू होने वाली थी.
निजामाबाद से टीपीसीसी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय कि ग्रुप 1 की परीक्षाएं स्थगित नहीं की जा सकती, सराहनीय है. उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय दोनों ने तेलंगाना के युवाओं को अच्छी, उच्च रैंकिंग वाली नौकरियां प्रदान करने के सरकार के प्रयासों का समर्थन किया है.
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छात्र खुशी-खुशी अपनी परीक्षा दे सकेंगे. 13 साल बाद एक बेहतरीन अवसर आया है. हम कामना करते हैं कि विद्यार्थी इसका सदुपयोग करें और प्रतिष्ठित पद प्राप्त करें. हम शुरू से ही ग्रुप 1 के छात्रों के साथ खड़े हैं और उन्हें लगातार अपने समर्थन का आश्वासन देते रहे हैं. हम फिर से दोहराते हैं कि शासनादेश 29 से आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा.
महेश गौड़ ने कहा कि बैकवर्ड समुदाय से होने के नाते मैं विद्यार्थियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आरक्षण से कोई नुकसान नहीं होगा. भाजपा और बीआरएस पार्टियों ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए ग्रुप 1 के छात्रों को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया है. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप शांतिपूर्वक और बिना किसी चिंता के अपनी परीक्षाएं दें, अच्छा लिखें और एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करें. उन्होंने परीक्षा में शामिल होने वाले सभी छात्रों को शुभकामनाएं और बधाई भी दी.
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