NEET Latoor Case- चैट से पकड़ा पेपर लीक का आरोपी टीचर! जानिए- पूरा मामला

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नीट पेपर लीक मामले में एक और आरोपी की गिरफ्तारी हुई है. महाराष्ट्र एटीएस ने लातूर में हुए नीट घोटाले के सिलसिले में, दूसरे आरोपी संजय जाधव को गिरफ्तार कर लिया है. संजय जिला परिषद स्कूल में टीचर है. शुरुआत में गिरफ्तार किए गए आरोपी जलील खान और उमरखान पठान 2 जुलाई तक रिमांड पर हैं. इन दोनों से पुलिस से पूछताछ में कई जानकारियां जुटाई हैं.

पुलिस की जांच में सामने आया कि जाधव और पठान दोनों ही NEET प्रवेश परीक्षा में परीक्षार्थियों या उम्मीदवारों को पास करवाने के लिए 5 लाख रुपये तक की मांग या सौदा करते थे. इस केस में भी उन्होंने 50,000 रुपये एडवांस के तौर पर लिए थे और बाकी रकम परीक्षार्थियों से डील पूरी होने और NEET परीक्षा में पास होने के बाद ली जानी थी. 50,000 रुपये की शुरुआती रकम मिलने के बाद परीक्षार्थियों या उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड धाराशिव के इरन्ना को भेजे या सौंपे जाते थे जो ITI का इंस्ट्रक्टर है. इसके बाद इरन्ना दिल्ली के गंगाधर को एडमिट कार्ड भेजता था जो इस मामले का चौथा आरोपी है. इसके बाद उम्मीदवारों को NEET परीक्षा में पास करवाने का वादा करने वाला गंगाधर डील फाइनल करता था. इरन्ना और गंगाधर की तलाश के लिए लातूर पुलिस की दो टीमें दिल्ली और नांदेड़ भेजी थीं.

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क्या है मामला?

महाराष्ट्र एटीएस ने लातूर में जिला परिषद स्कूल के प्रधानाध्यापक के बाद अब शिक्षक संजय जाधव को भी कर लिया है. सूत्रों की मानें तो आरोपी प्रधानाध्यापक, शिक्षक और दो अन्य एक गिरोह चलाते थे, जो पैसे देने को तैयार लोगों को नीट परीक्षा में सफलता की गारंटी देता था. महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस को 21 जून को नीट परीक्षा घोटाले में जिला परिषद स्कूल के शिक्षकों की संलिप्तता के बारे में सूचना मिली थी. सूचना पर कार्रवाई करते हुए लातूर के टाकली स्थित जिला परिषद स्कूल के शिक्षक संजय तुकाराम जाधव और लातूर के कटपुर स्थित जिला परिषद स्कूल के प्रधानाध्यापक जलीलखाम पठान को संपर्क किया गया है.

जाधव और पठान को एटीएस ने बुलाया था

इंडिया टुडे टीवी द्वारा एक्सेस की गई एफआईआर में बताया गया है कि, "एटीएस नांदेड़ यूनिट के एक अधिकारी द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, जाधव और पठान कथित तौर पर पैसे लेकर सरकारी और सरकार अधिकृत परीक्षाओं में गड़बड़ी करके परीक्षा पास कराने का रैकेट चला रहे थे. इसके बाद इस जानकारी को वरिष्ठों के साथ शेयर किया गया और आगे की जांच के लिए एक टीम लातूर के लिए रवाना हुई. वहां पहुंचकर जाधव और पठान को एटीएस अधिकारियों ने लातूर के स्थानीय अपराध शाखा कार्यालय में बुलाया.

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फोन की गैलरी में मिली एडमिट कार्ड की प्रतियां और जाधव की चैट

एफआईआर में आगे कहा गया है कि "दोनों संदिग्धों को संवेदनशील संज्ञेय अपराध के सत्यापन और ज्ञात पते से प्रारंभिक जांच के लिए लातूर पुलिस बल के तहत स्थानीय अपराध शाखा के कार्यालय में आने के लिए कहा गया था. जब दोनों को पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी की पुष्टि करने के लिए अपने मोबाइल फोन को स्क्रॉल करने का निर्देश दिया गया, तो अधिकारियों को उनके फोन गैलरी में विभिन्न परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड की प्रतियां मिलीं. इसके साथ ही, परीक्षार्थियों के बारे में कई व्हाट्सएप चैट थे. आरोपी जलीलखम पठान ने संजय जाधव नामक आरोपी को कुछ एडमिट कार्ड की प्रतियां और टेक्स्ट मैसेज और पैसों के लेन देन के बारे में कुछ भेजा हुआ था. अब पुलिस ने संजय जाधव को भी गिरफ्तार कर लिया है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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