FIITJEE Coaching Centre Closed: दिल्ली-एनसीआर, झारखंड समेत भोपालमें FIITJEE के कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गए हैं. जिस समय IIT और अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों में एडमिशन के लिए पूरा वक्त अभ्यर्थी परीक्षा पर फोकस करते हैं, उस कीमती समय में FIITJEE में एडमिशन ले चुके कई शहरों के छात्र और उनके अभिभावक प्रदर्शन के लिए मजबूर हैं.भोपाल में कोचिंगसेंटर बंद होने पर पेरेंट्स ने आंदोलन कर रहे हैं.
भोपाल में FIITJEE कोचिंग सेंटर के बाहर पेरेंट्स हाथ में पोस्टर लिए खड़े हैं जिनपर 'हाय हाय फिटजी,डीके गोयल गिरफ्तार हो' लिखा हुआ है. जानकारी के अनुसार, अभिभावकों ने कंपनी के खिलाफ नारे लगाए और संस्थापक डीके गोयल को सजा दिलाने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की. अभिभावक कार्रवाई और फीस की वापसी की मांग कर रहे हैं.
फीस वापस करने की मांग को लेकर अभिभावकों का आंदोलन
अभिभावकों ने अपनी बेटी की फीस के रूप में 3 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने के बाद अपनी चिंता व्यक्त की है. आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा, "कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए और अभिभावकों की राशि की वापसी की जानी चाहिए." एक अन्य अभिभावक, जो जिनका बेटा कक्षा 10वीं में पढ़ता है, उन्होंने पूरे सत्र की फीस का भुगतान किया था. अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे परीक्षा के पास आने की चिंता में रो रहे हैं. अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा और वित्तीय निवेश को सुरक्षित करने के लिए कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं. कोचिंग संस्थान के सामने पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया है.
रांची में परेशान पेरेंट्स ने किया हंगामा
रांची में भी FIITJEE के दोनों सेंटर पर अचानक ताले लटकने से कोचिंग लेने आए विद्यार्थी और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी परेशान हैं. साथ ही, 1600 से ज्यादा अभिभावक, जिन्होंने अपने बच्चों का रांची सेंटर में बड़े अरमानों से एडमिशन करवाया था, वे अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. यहां भी अभिभावकों ने फिटजी कोचिंग सेंटर के बाहर नारे लगाकर अपनी मांगे सामने रखी हैं.
पिता ने कहा- कर्ज लेकर चुकाई थी फीस
रांची के हरिओम टावर में हमारे संवाददाता ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया, लेकिन वहां कोई बातचीत करने वाला नहीं था. साउथ ऑफिस पारा सेंटर के एक अभिभावक सुजीत झा ने बताया कि उनकी बेटी ने 9वीं कक्षा में एडमिशन लिया था. सुजीत ने बताया कि 9वीं और 10वीं कक्षा के कोर्स के लिए उनसे 1,30,000 रुपए फिटजी ने लिए थे, जो उन्होंने कर्ज लेकर दिए थे. उनका व्यापार कोरोना महामारी के बाद से ठीक से नहीं चल रहा था. सुजीत ने कहा,'पैसे से भी ज्यादा चिंता इस बात की है कि बेटी पढ़ कहां पाएगी और कौन पढ़ाएगा.बेटी और परिवार चिंता में हैं.
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.