FIITJEE प्रबंधन भले ही हाल ही में हुए सेंटर बंद होने की घटनाओं को अस्थायी और अलग-अलग मामले बता रहा हो, लेकिन इंडिया टुडे के देखे गए आधिकारिक रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि कंपनी के ऑडिटर्स ने इन घटनाओं से पहले ही अकाउंटिंग में गड़बड़ियों की ओर इशारा किया था.
पिछले 30 सालों से FIITJEE आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी का पर्याय रहा है. इस कोचिंग संस्थान ने हजारों छात्रों के भविष्य को संवारने में मदद की है. लेकिन हाल ही में अचानक सेंटर बंद होने से इस प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान को विवादों में ला दिया है.
अचानक बंद हुए सेंटर, छात्रों का प्रदर्शन
छात्रों और अभिभावकों के विरोध के बीच FIITJEE ने शनिवार को बयान जारी किया. इन घटनाओं को 'आपराधिक साजिश' बताया है इसका कारण सेंटर मैनेजिंग पार्टनर का रातों-रात टीम के साथ छोड़कर चले जाने को बताया. संस्थान ने इसे अस्थायी स्थिति बताते हुए जल्द ही संचालन फिर से शुरू करने का आश्वासन दिया.
FIITJEE के बयान में कहा गया की सेंटर मैनेजिंग पार्टनर और पूरी टीम के रातों-रात छोड़कर चले जाने के कारण यह स्थिति बनी है. कंपनी के अधिकारी सभी स्थानों पर संचालन जल्द से जल्द बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं.
वित्तीय अनियमितताएं आई सामने
FIITJEE के बयान के बावजूद इंडिया टुडे द्वारा प्राप्त दस्तावेजसे पता चलता है कि संस्थान की समस्याएं गहरी हैं. कंपनी के पूर्व ऑडिटर्स, BSR & Co. LLP, ने दिसंबर 2024 में अपने कार्यकाल के बीच में इस्तीफा दे दिया. उन्होंने FIITJEE के संचालन क्षमता पर गंभीर संदेह जताते हुए वित्तीय अनियमितताओं की ओर इशारा किया.
ऑडिटर्स ने उठाए गए सवाल
साल 2011-12 का 60 करोड़ का असुरक्षित, ब्याज-मुक्त एडवांस, जो अब भी दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है. 26.41 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज, जिसे मार्च 2024 में जीरो के रूप में मूल्यांकित किया गया. FIITJEE के एक डायरेक्टर से लिया गया 53.17 करोड़ का कर्ज, जो अभी तक लंबित है. ऑडिटर्स ने प्रबंधन स्तर पर दो महीने से ज्यादा की वेतन देरी, राजस्व मान्यता में त्रुटियां और कर्मचारी देनदारियों को लेकर भी चिंताएं जाहिर कीं. दिसंबर 2024 के ईमेल्स में इन मुद्दों को फिर से उठाया गया.
वित्तीय संकट गहराता हुआ
कॉर्पोरेट फाइलिंग से यह भी पता चला है कि FIITJEE गंभीर वित्तीय दबाव का सामना कर रहा है. कंपनी ने 2023 में 70 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया. मार्च 2023 तक, कंपनी का कुल नुकसान 237.10 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो उसकी कुल पूंजी और रिजर्व से ज्यादा था.
FIITJEE ने अपने बयान में जनवरी 2024 में नकदी संकट की बात स्वीकार की, जिसमें कहा गया की सेंटर मैनेजिंग पार्टनर की गड़बड़ी और शोषण के कारण वित्तीय स्थिति बिगड़ गई. CFO ने छह महीने बाद परिचालन नकदी संकट की आशंका जताई.
कई सेंटरों पर ताले
दिल्ली-एनसीआर, रांची, कानपुर और मेरठ समेत कई जगह FIITJEE के सेंटर अचानक बंद हो गए. संस्थान के इन हालातों ने हजारों छात्रों और उनके परिवारों को असमंजस में डाल दिया है.
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