राजस्थान SI भर्ती परीक्षा रद्द का प्रस्ताव, 800 से ज्यादा थानेदारों की पोस्टिंग पर लगी रोक

4 1 10
Read Time5 Minute, 17 Second

राजस्थान सब इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 को लेकर आंदोलन कर रहे हजारों युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है. पेपर लीक के आरोपों के चलते राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने इस परीक्षा को रद्द करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. यह प्रस्ताव गृह मंत्रालय के माध्यम से भेजा गया है, जिसके मुखिया खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हैं.

हालांकि, इस पर फैसला फिलहाल टल गया है. आज (गुरुवार) को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने की उम्मीद थी, लेकिन बैठक स्थगित कर दी गई. ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि उन्हें जानकारी दी गई है कि परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित करने का प्रस्ताव भेजा गया है. इस प्रस्ताव की एक प्रति उन्हें भी सौंपी गई है.

इस प्रस्ताव में सुझाव दिया गया है कि परीक्षा रद्द कर सफल अभ्यर्थियों की फिर से परीक्षा ली जाए. लेकिन इस बीच, आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने इस मामले को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि सफल अभ्यर्थियों को पोस्टिंग न दी जाए.

फिलहाल, 850 थानेदार पुलिस प्रशिक्षण अकादमी से ट्रेनिंग पूरी कर पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से 50 थानेदारों को एसओजी ने पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था, जिनमें से 26 जमानत पर रिहा हो चुके हैं.

Advertisement

राजस्थान पुलिस ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि कोर्ट से बरी होने के बाद आरोपी थानेदार अपनी पोस्टिंग न पा सकें. परीक्षा रद्द करने का अंतिम फैसला कैबिनेट के स्तर पर ही लिया जाएगा, क्योंकि 800 से ज्यादा उम्मीदवार ट्रेनिंग ले चुके हैं और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) इसे रद्द नहीं कर सकता.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Manmohan Singh: …जब दंगा पीड़ितों का दर्द बांटने गांव पहुंच गए थे मनमोहन सिंह, दिया था बड़ा बयान

स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, मुजफ्फरनगर। यह बात वर्ष 2013 की है, सितंबर का महीना था और जिले में सांप्रदायिक दंगे की आग भड़क चुकी थी। कई गांव में घटनाएं हुई थी और अनेक लोगों की जान चली गई थी, उसी दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now