क्रेडिट सिस्टम, एंट्री-एग्जिट ऑप्शन... इतनी बदल जाएगी PG की पढ़ाई, UGC ने जारी किया नया करिकुलम

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यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है. यूजीसी ने पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम कोर्स के लिए करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क जारी कर दिया है. यह भारत में पोस्टग्रेजुएशन एजुकेशन के लिए बदलाव की सिफारिशें पेश करता है. इससे छात्रों को सीखने के मॉर्डन और विविधतापूर्ण मौके मिल सकेंगे.

अधिक लचीला होगा पीजी प्रोग्राम स्ट्र्क्चर

यह नीति अंडरग्रेजुएट एजुकेशन के बदलाव को स्वीकार करते हुए पीजी प्रोग्राम के लिए विभिन्न संरचनाओं का प्रस्ताव करती है. जो छात्र 3 वर्षीय बैचलर डिग्री कोर्स की पढ़ाई करके आते हैं, वे 2 वर्षीय पीजी कार्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं और अपना रिसर्च पेपर पूरा कर सकते हैं, जबकि जो छात्र 4 वर्षीय बैचलर डिग्री पूरी करते हैं, उन्हें 1 वर्षीय पीजी प्रोग्राम में रिसर्च पेपर पूरा करने का मौका मिलता है. इसके अतिरिक्त, नई पॉलिसी के तहत 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड बैचलर/ मास्टर्स प्रोग्राम कोर्स पूरा करने का ऑप्शन मिलेगा.

नए फ्रेमवर्क, क्रेडिट सिस्टम और कई एंट्री-एग्जिट का ऑप्शन

यूजीसी द्वारा जारी किए गए नए फ्रेमवर्क के तहत करिकुलम में मशीन लर्निंग जैसे मुख्य क्षेत्र, "AI + X" जैसे प्रोफेशनल डोमेंस और सम्मिलित क्षेत्र शामिल होंगे, जिसमें स्वास्थ्य सेवा और कानून जैसे क्षेत्र शामिल होंगे. NHEQF (National Higher Education Qualifications Framework) के तहत, पीजी डिग्री लेवल 6, 6.5 और 7 के साथ जुड़े होंगे. NEP 2020 क्रेडिट ट्रांसफर को बढ़ावा देगा और PG प्रोग्राम्स में कई एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स की सुविधा होगी.

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सीखने को प्रोत्साहित करना

री-डिज़ाइन किया गया PG करिकुलम क्रॉस-डिसिप्लिनरी लर्निंग और छात्रों की रुझान को देखते हुए कोर्स चुनने को प्रोत्साहित करेगा. पढ़ाई के अलग-अलग माध्यम से, छात्र कई एकेडमिक एक्टिविटीज में हिस्सा ले सकेंगे. PG प्रोग्राम के लिए पात्रता मानदंड यूजी कोर्स की परफॉर्मेंस और एंट्रेंस एग्जाम बेस्ड होंगे, जिसमें छात्रों के एकेडमिक फोकस को ध्यान में रखा जाएगा.

ऑनलाइन प्रोग्राम पर फोकस

नए करिकुलम में ऑनलाइन प्रोग्राम्स को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे छात्रों को बिना किसी क्षेत्रीय परेशानी के अच्छी शिक्षा मिल सके. करिकुलम का फ्लेक्सिबल स्ट्रक्चर के तहत छात्र एक साथ कई डिग्री कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे. इससे छात्रों को अपने टारगेटेड करियर के हिसाब से अपनी पढ़ाई करने का मौका मिलेगा.

वर्क एक्सपीरियंस को एकेडमिक क्रेडिट में बदलने का मौका

क्रेडिटाइजेशन पहल के माध्यम से, छात्र अपने प्रोफेशनल वर्क को एकेडमिक क्रेडिट में बदल सकेंगे. इससे पोस्टग्रेजुएशन प्रोग्राम में लगने वाले समय को कम किया जा सकेगा. यह पहल न केवल प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस को बढ़ावा देगी, बल्कि एकेडमिक एक्टिविटीज को प्रोफेशनल वास्तविकताओं के साथ जोड़ती है.

खने की कई प्रक्रियाओं का मिश्रण

400-499 रेंज के एडवांस्ड कोर्स को प्रैक्टिकल और थ्योरिकल ट्रेनिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो अपर अंडरग्रेजुएट और फर्स्ट ईयर पोस्टग्रेजुएट लेवल बढ़ाते हैं. ये कोर्स उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो अधिक विशिष्ट अध्ययनों की तैयारी करते हुए अपनी नॉलेज को और बढ़ाना चाहते हैं. 4 वर्षीय स्नातक डिग्री वाले छात्रों के लिए, 500-599 लेवल के कोर्स उनके विशेषज्ञता के क्षेत्रों में ओरिजनल रिसर्च में जोड़े जाएंगे. यह इनोवेशन और आलोचनात्मक सोच की संस्कृति को बढ़ावा देता है, जो आज के कॉम्पिटेटिव जॉब मार्केट के लिए बहुत जरूरी हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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