राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस साल जून में थर्ड ग्रेड टीचर यानी प्राइमरी स्कूल के टीचरों की भर्ती लेवल-1 में महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी, लेकिन विधि विभाग ने अपनी ही सरकार के इस फैसले पर ब्रेक लगा दी है. सरकार ने 14 जून को नोटिफिकेशन जारी कर इस संबंध में आदेश दिए थे, लेकिन अब शिक्षा विभाग के 50 फीसदी रिजर्वेशन के प्रस्ताव पर विधि विभाग ने रोक लगा दी है.
विधि विभाग ने तीन प्रमुख आपत्तियों के चलते एक महीने के अंदर दूसरी बार पत्रावली शिक्षा विभाग को लौटा दी है. सचिवालय से प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, बीकानेर से इन आपत्तियों पर तथ्यों की जानकारी मांगी है, ताकि प्रस्ताव को विधि विभाग से मंजूरी मिल सके. हालांकि इस प्रक्रिया में अब थोड़ा समय लग सकता है, जबकि राजस्थान सरकार नए साल की शुरुआत यानी जनवरी में शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा यानी रीट -2025 करवाने का ऐलान कर चुकी है.
उधर, शिक्षा विभाग जल्द से जल्द थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती लेवल-1 पूरा करना चाहता है और इसमें महिला आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत करना चाहता है. इसीलिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को विधि विभाग की आपत्तियों पर तथ्य समेत स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं, ताकि प्रस्ताव को मंजूरी मिल सके.
शिक्षा विभाग ने भी इसे जल्द से जल्द पूरा करने के प्रयास तेज कर दिए हैं. शिक्षा विभाग की ओर से 7 अक्टूबर को दूसरा संशोधित प्रस्ताव भेजा था, जिसे 17 अक्टूबर को विधि विभाग ने लौटा दिया था.
विधि विभाग ने कहा कि राजस्थान पंचायती राज अधिनियम में अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान है, जबकि वर्तमान में नौकरियों में पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को आरक्षण का प्रावधान लागू है. दिव्यांगजनों के आरक्षण का लाभ कैसे दें, ये साफ़ नहीं है.
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