गुजरात के शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूल के बच्चों को टूर पर ले जाने के लिए नई गाइडलाइंसजारी कर दी गई हैं. कुछ महीनों पहले वडोदरा में हुए हरनी बोटकांड में 12 बच्चों की मौत के बाद, गुजरात के शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को आदेश दिया था कि जब तक शिक्षा विभाग की तरफ से गाइडलाइंसजारी नहीं होती, तब तक स्कूल के बच्चों को टूर पर ले जाने पर रोक लगाई जाए.
शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइंसके मुताबिक, गुजरात के स्कूल अगर बच्चों को टूर पर ले जाना चाहते हैं, तो उन्हें अभिभावक समेत एक समिति बनाकर टूर की जानकारी जिला शिक्षाधिकारी, शासनाधिकार और जिला प्राथमिक शिक्षाधिकारी को देनी होगी. इसके अलावा, टूर में शामिल होने के लिए किसी भी छात्र या अभिभावक को मजबूर नहीं किया जा सकेगा.
स्कूल के बच्चों को टूर पर ले जाने से पहले मेनेजमेंट को इननियमों का पालन करना होगा :
- प्रिंसिपल की अध्यक्षता में अभिभावक प्रतिनिधि समेत समिति की रचना करनी होगी.
- स्कूल का टूर राज्य के भीतर हैतो ज़िला शिक्षाधिकारी, शासनाधिकार, जिला शिक्षाधिकारी, कमिश्नर ऑफिस को सूचित करना होगा.
- अगर टूर का आयोजन देश के बाहर यानी विदेश में हो तो गांधीनगर स्थित शिक्षा विभाग को टूर के 15 दिन पहले जानकारी देनी होगी.
- टूर की जानकारी प्रति दिन के हिसाब से देनी रहेगी.
- एक अनुभवी व्यक्ति को कन्वीनर के तौर पर नियुक्त करके सुनिश्चित करना होगा किटूर आयोजन के हिसाब से ही शुरू होकर पूर्ण हों.
- जो छात्र टूर में शामिल होने वाले हों उनके अभिभावकों के साथ मीटिंग करके उन्हें टूर की जानकारी देकर सहमति प्राप्त करनी होगी.
- अगर अभिभावक मीटिंग में ना आ सकें तो उनके छात्र के माध्यम से लिखित में सहमति हासिल करनी होगी.
- टूर वैकल्पिक रहेगा, किसी छात्र और अभिभावक को टूर के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा.
- टूर में 15 छात्र एक शिक्षक के साथ रहेंगे.
- बीमार, शारीरिक और मानसिक कमजोर या किसी प्रकार की एलर्जी वाले छात्र या फिर टूर नहीं कर पाने वाले छात्रों को टूर पर नहीं ले जाया सकेगा.
- छात्राएं टूर में शामिल हों तो साथ में महिला कर्मचारी को साथ रखना रहेगा.
- टूर पर जाने वाले छात्रों के साथ मीटिंग करके क्या करना और क्या नहीं करने को लेकर जानकारी देनी होगी और छात्रों की सलामती का प्लान तैयार करना रहेगा.
स्कूल मैनेजमेंट को टूर के दौरान इननियमों का पालन करना होगा :
- मेडिकल किट साथ रखकर मौसम के मुताबिक टूर का आयोजन करना होगा.
- टूर के लिए GPS ट्रैकिंग वाले वाहन लेने होंगे. ड्राइवर एल्कोहॉलिक नाहो, इसकी जांच करके ही टूर शुरू करना होगा.
- वाहन के पास आरटीओ परमिशन होना जरूरी है. परमिट से ज़्यादा लोगों को सफर नहीं कराया जा सकेगा.
- टूर में इस्तेमाल होने वाले वाहन का आरटीओ परमिट, आरसी बुक, ड्राइवर का लाइसेंस, इंश्योरेंस की कॉपीपहले से लेनी रहेगी.
- वाहन कोस्पीड लिमिट के हिसाब से चलाना होगा.
- टूर के दौरान शराब का सेवन ड्राइवर समेत कोई भी नहीं करे इस बात का ख्याल रखना होगा.
- टूर में इस्तेमाल होने वाले वाहन में फायर सेफ्टी होना जरूरी है. इसके इस्तेमाल की जानकारी भी होनी चाहिए, स्टाफ और छात्र इससे अवगत होने चाहिए.
- बाढ, शीतलहर, भूकंप, असाधारण ठंड/ गर्मी, आंधी की चेतावनी को ध्यान में लेकर टूर आयोजित किया जा सकेगा.
- टूर के दौरान जलाशयों में बोटिंग और राइडिंग को टालना होगा. अगर बोटिंग या राइडिंग करनीहै तो क्षमता से ज्यादा का समावेश नहीं होना चाहिए. लाइफ जैकेट के साथ एक ग्रुप के साथ एक शिक्षक सुनिश्चित करना रहेगा.
- टूर में एडवेंचर राइड, कैंप से दूरी बनानी होगी.
- रात्रि के दौरान सेफ जगह का चयन करके रात 10 बजे तक पहुंचना होगा.
- नाइट आउट के लिए भी सेफ प्लेस होनी चाहिए और खाने का पूरा इंतजाम होना चाहिए.
- ड्राइवर, सहायक स्टाफ समेत छात्रों के पहचान पत्र अवश्य जमा करने होंगे.
- टूर के दौरान समय और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर छात्रों की सुरक्षा के लिए सोच-समझकर निर्णय लेने होंगे.
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