UP Constable Exam Paper Leak- पेपर लीक गैंग का सदस्य गिरफ्तार, बताया कैसे आउट किया था प्रश्न पत्र

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उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने 17 और 18 फरवरी को आयोजित उत्तर प्रदेश आरक्षित पुलिस भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने वाले गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद यूपीएसटीएफ की टीम ने आरोपी से लम्बी पूछताछ की है. इस पूछताछ में पेपर लीक को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.

पूछताछ में आरोपीने बताया कि उसने प्रश्न पत्र की उत्तर कुंजी अपने साथी विजय उर्फ नीतू से अपने मोबाइल फोन में प्राप्त की थी और फिर इसे अपने साथी साहिल को भेजी थी.बताया जा रहा है कि साहिल मेरठ का रहने वाला है.साहिल ने यह उत्तर कुंजी नवीन को भेजी थी और इसी तरह कई अन्य लोगों को भी भेजी गई थी.

बता दें कि पेपर लीक मामले में यूपीएसटीए कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल पदों की भर्ती के लिए 17 और 18 फरवरी को जो परीक्षा हुई थी, उसका पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा था. छात्रों ने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दावा किया थाकि पेपर परीक्षा से पहले ही लीक हो गया है.इसके बाद इस परीक्षा का री-एग्जाम कराया गया, जिसमें लगभग 32 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया. राज्य सरकार ने इसे अपने इतिहास की "सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा" बताया.

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16 लाख से अधिक ने छोड़ा एग्जाम
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) द्वारा आयोजित यह परीक्षा राज्य के 67 जिलों में 1,174 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. फरवरी 17 और 18 को आयोजित हुई परीक्षाओं को पेपर लीक के आरोपों के बाद रद्द कर दिया गया था. सीएम योगी ने परीक्षा रद्द करते हुए छह महीने के अंदर-अंदर फिर से री-एग्जाम कराने की घोषणा की थी. री-एग्जाम पांच दिनों - 23, 24, 25 अगस्त, 30 और 31 अगस्त को दो-दो पालियों में हुआ.

आधिकारिक बयान के अनुसार, करीब 48 लाख अभ्यर्थियों में से 32 लाख से अधिक परीक्षा में बैठे थे. माना जा रहा है कि सख्त सुरक्षा इंतजामों के चलते 16 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी. इस कड़ी सुरक्षा ने परीक्षा को न सिर्फ किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचाया, बल्कि परीक्षा में सेंधमारी की कोशिश और अभ्यर्थियों से ठगी कर रहे लोगों की भी गिरफ्तारी की, जिससे परीक्षा की अखंडता मजबूत हुई. चार दिन की परीक्षा में 3 सिपाही समेत 62 अभ्यर्थी व सॉल्वर गिरफ्तार हुए, 59 FIR दर्ज हुईं और 400 से अधिक संदिग्ध अभ्यर्थी पकड़े गए थे.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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