IIT से बीटेक, एमटेक, फिर बने IAS... अब एस्टोनिया में हुई स्पर्धा में जीता आयरन मैन का खिताब

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गाजियाबाद के चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर अभिनव गोपाल (IAS Abhinav Gopal) ने आयरन मैन ट्रायथलॉन में हिस्सा लिया और एस्टोनिया में हुईप्रतियोगिता में आयरन मैन का खिताब अपने नाम किया है.वेबताते हैं कि देश में ऐसा करने वाले वो पहले आईएएस ऑफिसर हैं.ये प्रतियोगिता 24 अगस्त को एस्टोनिया में हुई थी. 226 किलोमीटर के ट्रायथलॉन को खत्म करने में अभिनव गोपाल ने सिर्फ 14 घंटे लगाए, जिसमें स्विमिंग साइकिलिंग और दौड़ना यानी मैराथन तीनों शामिल था.

दुनिया के सबसे कठिन मैराथन को कंप्लीट करने वाले आईएएस ऑफिसर अभिनव गोपाल से बात की तो उन्होंने बताया कि फिटनेस हमेशा से उनकीदिनचर्या का हिस्सा रहीहै. उन्होंने आईआईटी मद्रास से पढ़ाई की है. वहां से बीटेक और एमटेक करने के बाद उन्होंने देश कीसबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी का एग्जाम दिया. आईएएस बनने के इस सफर में वेअपनी फिटनेस को काफी महत्वपूर्ण मानते हैं.

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अपने इस सफर के बारे में उन्होंने कहा कि अगर आप शारीरिक तौर पर स्वस्थ हैं तो ही आप मानसिक तौर से भी स्वस्थ रह सकते हैं.इसलिए वेशुरुआत से ही मैराथन में हिस्सा लेते रहे हैं. इससे पहले भी गोवा में होने वाले आयरन मैन मैराथन में हिस्सा लिया था. हाफ मैराथन कंप्लीट भी की थी,लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने एस्टोनिया में होने वाले आयरन मैन प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मन बनाया,न सिर्फ इस मैराथन में हिस्सा लिया, बल्कि इसको लेकर प्रैक्टिस भी शुरू कर दी.

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आईएएस अभिनव गोपाल बताते हैं कि इस प्रतियोगिता में 226 किलोमीटर का मैराथन शामिल है, जिसमें से लगभग 4 किलोमीटर स्विमिंग होती है. 180 किलोमीटर साइकिलिंग और 42 किलोमीटर की फुल मैराथन होती है,जिसे उन्होंने 14 घंटे में खत्म किया था. इसके बाद ही उन्हें आयरन मैन का खिताब मिला.

एस्टोनिया के वातावरण का जिक्र करते हुए अभिनव बताते हैं कि वहां पर भारत की तुलना में ठंड ज्यादा है. 17 डिग्री सेल्सियस में साइकिलिंग और स्विमिंग करना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने यहां अपनी तैयारी पूरी की हुई थी. इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बाद उन्होंने न सिर्फ साइकिलिंग करना शुरू कर दिया,बल्कि अपनीव्यस्त दिनचर्या के बाद वेस्विमिंग भी करते थे.

'हर स्टूडेंट को पढ़ाई के साथ फिटनेस पर भी देना चाहिएध्यान'

अभिनव गोपाल ने कहा कि हर स्टूडेंट को पढ़ाई के साथ फिटनेस पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि जब आप फिटनेस को अपनीदिनचर्या का हिस्सा बनाते हैं तो आपका पढ़ाई में भी ज्यादा मन लगता है. आप शेड्यूल्ड तरीके से एक्सरसाइज भी करते हैं और साथ ही अपने खान-पान का भी उतना ही ध्यान रखते हैं.

इतना पढ़ने के बाद आपके मन में भी एक सवाल जरूर आया होगा कि आखिर इतनी बड़ी प्रशासनिक जिम्मेदारी होने के बाद आईएएस अभिनव अपने लिए और प्रैक्टिस के लिए वक्त कैसे निकालते हैं? यही सवाल जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि दिन के 24 घंटे कभी भी कम नहीं पड़ते. हमें बस इतना ध्यान देना होता है कि हम किसी कार्य में कितना वक्त बिता रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि अगर आप किसी चीज को लेकर पैशनेट हैं तो आप उसके लिए वक्त निकाल लेते हैं. आजकल के युवा सोशल मीडिया पर अपना अधिकतर समय बर्बाद कर देते हैं, लेकिन इसकीबजाय उन्हें हर चीज का एक समन्वय बनाकर रखना चाहिए, जिसे हम संतुलन कहते हैं.अगर आप पढ़ाई लिखाई के साथ सोशल मीडिया चलाते हुए भी रोजाना 15 से 30 मिनट अपनी फिटनेस को देते हैं तो आप एक बैलेंस लाइफ जी रहे हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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