UPSC 2022- भ्रामक विज्ञापन के लिए इस IAS कोचिंग एकेडमी पर लगा 5 लाख का जुर्माना, झूठे निकले ये दावे

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मिस लीडिंग विज्ञापन के लिए IAS कोचिंग सेंटरों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई जारी है. अब केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम के बारे में भ्रामक दावों का विज्ञापन करने के लिए शंकर IAS एकेडमी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सीसीपीए ने शंकर आईएएस एकेडमी के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया है.

दरअसल, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों की घोषणा के तुरंत बाद कई कोचिंग संस्थान विज्ञापनों की बौछार कर देते हैं. इन विज्ञापनों में सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरें प्रमुखता से दिखाई जाती हैं. CCPA ने भ्रामक विज्ञापन के लिए कई कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं, जिसमें CCPA ने पाया कि कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में एक ही सफल उम्मीदवार के नाम और तस्वीरों का प्रमुखता से इस्तेमाल करते हैं, ताकि यह भ्रम पैदा किया जा सके कि सफल उम्मीदवार कोचिंग संस्थानों के रेगुलर स्टूडेंट हैं. विभिन्न कोचिंग संस्थानों की जांच के बाद, CCPA ने पाया कि अधिकांश सफल उम्मीदवारों ने केवल इंटरव्यू की तैयारी या कोचिंग संस्थानों द्वारा पेश किए गए फ्री कोर्स में एडमिशन लिया था.

UPSC एस्पिरेंट्स को गुमराह कर रहे कई कोचिंग सेंटर्स
सीसीपीए ने पाया कि कई कोचिंग संस्थान सफल उम्मीदवारों को अपने साथ शामिल कर लेते हैं, लेकिन ऐसे उम्मीदवारों द्वारा चुने गए कोर्स और कोर्स की अवधि का खुलासा नहीं किया, ताकि भावी उम्मीदवारों (उपभोक्ताओं) को गुमराह किया जा सके. इसी के चलते उपभोक्ता (उम्मीदवार) के अधिकारों की रक्षा और प्रमोट करने के लिए शंकर IAS एकेडमी पर जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया है. साथ ही यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी वस्तु या सेवा का गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो.

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शंकर IAS एकेडमी पर क्यों लगा 5 लाख रुपये का जुर्माना?
शंकर आईएएस एकेडमी ने अपने विज्ञापन में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के संबंध में कई दावे किए थे, जो इस प्रकार हैं-

  • अखिल भारतीय स्तर पर 933 में से 336 का चयन
  • टॉप 100 में 40 उम्मीदवार
  • तमिलनाडु से 42 उम्मीदवार सफल हुए हैं, जिनमें से 37 शंकर आईएएस एकेडमी से पढ़े हैं.
  • भारत में सर्वश्रेष्ठ आईएएस एकेडमी.

सच्चाई छिपाकर उम्मीदवारों को आकर्षित करने का आरोप
जांच में पाया गया कि एकेडमी ने केवल 333 सफल उम्मीदवारों की जानकारी दी और कई कोर्स की सच्चाई छिपाई. उन्होंने विज्ञापन में यह जानकारी छुपा दी कि कितने सफल उम्मीदवारों ने उनके सशुल्क कोर्सेज (Paid Courses) लिए थे. इससे उम्मीदवारों को यह भ्रम हुआ कि सभी सफल छात्रों ने एकेडमी के कोर्सेज लिए थे.

शंकर आईएएस एकेडमी ने यूपीएससी सीएसई 2022 में 336 से अधिक चयनों के अपने दावे के विपरीत केवल 333 सफल उम्मीदवारों कीजानकारी दी. साथ ही दावा किए गए कि 336 छात्रों में से 221 ने फ्री इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम लिया, 71 ने मेन्स टेस्ट सीरीज ली, 35 ने प्रीलिम्स एग्जाम की सीरीज ली, 12 ने प्रीलिम्स कम मेन्स की जनरल स्टडीज ली और 4 ने कुछ अन्य मेन्स कोर्स (वैकल्पिक और/या जीएस) के साथ प्रीलिम्स एग्जाम की सीरीज ली. यह युवाओं को कोचिंग संस्थानों के सशुल्क कोर्सेज की ओर आकर्षित करता है.

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जांच के दौरान मिली गड़बड़ियां
सीसीपीए ने पाया कि 18 मामलों में जहां उम्मीदवारों ने शंकर आईएएस एकेडमी से प्रीलिम्स कोर्स खरीदा, रसीद पर कोर्स शुरू होने तारीख 09.10.2022 बताई गई है, लेकिन UPSC CSE 2022 परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा पहले ही 05.06.2022 को आयोजित की जा चुकी थी और परिणाम 22.06.2022 को घोषित किया गया था, जिसका मतलब केवल यह हो सकता है कि इन उम्मीदवारों ने अगली यूपीएससी सीएसई प्रारंभिक परीक्षा यानी 2023 के लिए प्रीलिम्स कोर्स खरीदा था. शंकर आईएएस ने यूपीएससी सीएसई 2022 की अपनी ओवरऑल सेलेक्शन लिस्ट में इन उम्मीदवारों का दावा किया है.

CCPA की मुख्य आयुक्त का क्या कहना है?
सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा, "मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हर साल 10 लाख से अधिक उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं. शंकर आईएएस एकेडमी का विज्ञापन उपभोक्ताओं के एक वर्ग यानी यूपीएससी उम्मीदवारों को ध्यान में रखकर बनाया गया था. इसीलिए ऐसे विज्ञापनों में महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा करके तथ्यों का सत्य और ईमानदार प्रतिनिधित्व होना चाहिए ताकि वे स्पष्ट, प्रमुख हों और उपभोक्ताओं के लिए उन्हें अनदेखा करना बेहद मुश्किल हो."

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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