UP Paper Leak Case- ROARO पेपर लीक में STF ने दाखिल की 55 पन्नों की चार्जशीट, मास्टरमाइंड समेत 16 आरोपियों के नाम

4 1 45
Read Time5 Minute, 17 Second

उत्तर प्रदेश RO/ARO भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में यूपी STF ने बड़ी कार्रवाई की है. एसटीएफ ने रिव्यू ऑफिसर (RO)/ असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर (ARO) पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा समेत 16 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की है. एसटीएफ की विवेचना में लगाए गए सभी आरोप सही मिले हैं. इस मामले में अब जल्द ही ट्रायल शुरू होगा.

55 पेज का आरोप पत्र और 1945 पेज की केस डायरी
यूपी RO/ARO पेपर लीक केस में एसटीएस ने 55 पेज का आरोप पत्र और 1945 पेज की केस डायरी कोर्ट में पेश की है. पेपर लीक मामले में एसटीएफ अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है, और एक जमानत पर बाहर है. वहीं 35 लोगों को गवाह बनाया गया है.

भोपाल और प्रयागराज में लीक हुआ था पेपर
दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वाराआरओ /एआरओ भर्ती परीक्षा 11 फरवरी 2024 को आयोजित किया गया था, जिसे पेपर लीक के चलते बाद में रद्द कर दिया गया. यूपी एसटीएफ नेपेपर लीक का खुलासा किया था कि पेपर दो अलग-अलग जगह से लीक हुआ है. पहला, भोपाल की उस प्रिंटिंग प्रेस से जहां से पेपर की छपाई हुई और दूसरा, प्रयागराज के उस परीक्षा केंद्र से जहां परीक्षा वाले दिन सुबह पेपर पहुंचा लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले लीक हो गया. आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से 2 मार्च को सिविल में लाइंस थाने में सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं दर्ज रिपोर्ट कराई गई थी.

Advertisement

यह भी पढ़ें: पहले RO/ARO, फिर UP Police का पेपर लीक... मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा ने उगले राज, STF ने एक और आरोपी को दबोचा

एसटीएफ की पूछताछ में हुआ नेटवर्क का खुलासा
यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में आए आरोपियों से पेपर लीक के नेटवर्क का खुलासा हुआ. यूपी की जिन दो बड़ी परीक्षाओं सिपाही भर्ती और RO/ARO भर्ती के पेपर लीक हुए वो दोनों ही पेपर राजीव नयन मिश्रा, रवि अत्री और सुभाष प्रकाश ने ही करवाए थे. हर परीक्षा के लिए कैंडिडेट लाने के लिए अलग-अलग नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ जैसे सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल के नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ. तो वहीं RO/ARO भर्ती परीक्षा के लिए यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह और स्कूल संचालक डॉक्टर शरद पटेल के नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ.

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

सिविल कोर्ट के फैसलों पर हाईकोर्ट ने जताई हैरानी, जजों को ट्रेनिंग कराने की दी सलाह

विधि संवाददाता, स्वर्णिम भारत न्यूज़, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मैनपुरी में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) और डिस्ट्रिक्ट जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) के फैसलों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए सुझाव दिया है कि दोनों जजों को आगे प्रशिक्षण की आवश्यकता है। को

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now