67 मिनट्स ऑफ... क्यों नेल्सन मंडेला से जुड़ा ये खास स्लोगन, जानिए उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

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दुनिया भर में 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला के जन्मदिन को इंटरनेशनल नेल्सन मंडेला डे के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन लोग मंडेला द्वारा सिखाई गई सीखों, उनके द्वारा दिए गए मूल्यों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं. इस दिन लोगों से यही अपील होती है कि वे व्यक्तिगत और सामाजिक तौर पर मंडेला के मूल्यों पर चलकर समाज को बेहतर बनाने में अपना योगदान दें.(kicker)

नेल्सन रोलीहलाहला मंडेला या नेल्सन मंडेला द्वारा समाज में फैले कुरीतियों, सामाजिक अन्याय को रोकने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के लिए उनके किए गए योगदान और उनके ही सिखाए मूल्यों पर चलते हुए उनकी इस परंपरा को कायम रखने के लिए 18 जुलाई को हर साल इंटरनेशनल नेल्सन मंडेला डे मनाया जाता है. साल 2009 में एक स्लोगन चर्चा में आया "67 Minutes of Service" (सेवा के 67 मिनट) और इसके साथ ही इंटरनेशनल नेल्सन मंडेला डे की शुरूआत हुई.

International Nelson Mandela Day 2024:क्या है "67 Minutes of Service"
साल 2009 में इंटरनेशनल मंडेला डे की शुरूआत के "67 Minutes of Service" स्लोगन के साथ हुई और ये स्लोगन बहुत प्रसिद्ध भी हुआ. इस स्लोगन का नेल्सन मंडेला से सीधा नाता है. दरअसल, "67 Minutes of Service" इस बात को दर्शाता है कि नेल्सन मंडेला ने समाज कल्याण के लिए अपने 67 साल दिए, चाहे वे जेल में हों या रिपब्लिक ऑफ साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति के पद पर आसीन हों. उन्होंने अपना सारा जीवन समाज कल्याण के लिए समर्पित किया. मंडेला के योगदान को मद्देनज़र रखते हुए विश्व स्तर पर ये मुहिम चली कि 18 जुलाई को हर व्यक्ति समाज कल्याण के लिए 67 मिनट देगा चाहे वो सड़कों की सफाई हो , किसी की मदद करना हो, खाना बनाना हो, स्कूल्स में पेंटिंग करनी हो. इस मुहिम के साथ ही साल 2009 से हर साल 18 जुलाई को इंटरनेशनल नेल्सन मंडेला डे के रूप में मनाया जाने लगा.

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International Nelson Mandela Day 2024: थीम
हर साल इस दिन एक नई थीम रखी जाती है जो कि समाज कल्याण से जुड़ी होती है. इस साल इंटरनेशनल मंडेला डे की थीम है "It is still in your hands to combat poverty and inequity" जिसका अर्थ है "गरीबी और असमानता से लड़ना अभी भी आपके हाथ में है". इस थीम का उद्देश्य लोगों के ये बताना है कि अगर हम सब मिलकर कोशिश करें तो समाज से गरीबी और असमानता को जड़ से खत्म किया जा सकता है. इस थीम के माध्यम से ये संदेश दिया जा रहा है कि लोगों को अपने आस-पास के लोगों की मदद करने , उनके लिए एक बेहतर समाज बनाने की ज़िम्मेदारी ख़ुद ही उठानी होगी.10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला को रिपब्लिक ऑफ साउथ अफ्रीका का पहला लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति चुना गया. साउथ अफ्रीका में उन्हें "राष्ट्रपिता" (Father of the Nation) कहा जाता है. नेल्सन मंडेला ने जीवन भर लोगों के हक के लिए लड़ाई लड़ी और पुरुष और महिला दोनों को ही सशक्त बनाने का काम किया

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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