छात्रों के ऑनलाइन मार्क्स, CBI-IIT रिपोर्ट और पेपर लीक... NEET पर SC की सुनवाई के बाद 5 बड़ी बातें

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NEET UG विवाद पर 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में पेपर लीक, सीबीआई रिपोर्ट, IIT मद्रास की रिपोर्ट, पेपर में गडबड़ी की टाइमलाइन समेत कई मुद्दों पर बहस हुई. याचिकाकार्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने मजबूती से अपना पक्ष रखा, जबकि सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और केंद्र का पक्ष रखा. चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने एजेंसी और याचिकाकर्ता के वकील से कई सवाल किए, जिनके बारे में हर उम्मीदवार को जानना चाहिए.

कैंडिडेट्स के सेंटर वाइज मार्क्स ऑनलाइन अपलोड करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल एनटीए को शनिवार दोपहर 12 बजे तक सभी परीक्षार्थियों के सिटी वाइज और सेंटर वाइज मार्क्स ऑनलाइन अपलोड करने को कहा है. हालांकि SG ने सेंटरवाइज छात्रों का रिजल्ट जारी करने करने में परेशानी की बात कही, लेकिन CJI ने इसमें कोई बदलाव करने से साफ इनकार कर दिया. कोर्ट ने साथ ही NEET UG Counselling 2024 पर रोक लगाने से मना कर दिया है. एमबीबीएस और बीडीएस समेत विभिन्न यूजी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की प्रक्रिया 24 से शुरू हो सकती है. अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी, जिसका इंतजार लगभग 23 लाख उम्मीदवार कर रहे हैं.

NEET UG पर सुप्रीम कोर्ट की 5 बड़ी बातें

1. CBI रिपोर्ट
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीआई को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी थी, हमें लगा कि यह दाखिल की जाएगी और हमें दी भी जाएगी. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह कोई सीलबंद लिफाफा प्रक्रिया नहीं है, जांच चल रही है. मुझे गलत मत सझमिए, मैं पूरी तरह से पारदर्शिता के पक्ष में हूं. अगर सीबीआई की रिपोर्ट पब्लिक की गई तो इससे जांच प्रभावित हो सकती है. लोगों को परेशानी हो सकती है.

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2. नीट परीक्षा रद्द की मांग
याचिकार्ताओं ने पेपर लीक का हवाला देकर नीट परीक्षा रद्द करके री-एग्जाम की मांग की थी. हुड्डा ने कहा कि 23 लाख में से लगभग 22 लाख उम्मीदवारों ने एग्जाम क्वालिफाई किया है. री-एग्जाम की मांग सभी की है.

CJI ने कहा सब चाहते हैं इस वजह से री-एग्जाम का आदेश नहीं दिया जा सकता. आप हमें संतुष्ट करिए की पेपर लिक बड़े पैमाने पर हुआ और परीक्षा रद्द होनी चाहिए. दूसरा कि इस मामले में जांच की दिशा क्या होना चाहिए वो भी हमें बताएं. उसके बाद हम सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सुनेंगे.

3. IIT मद्रास की रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में बताया था कि नीट-यूजी 2024 के नतीजों पर IIT-मद्रास के डेटा एनालिटिक्स से "कोई अनियमितता" नहीं मिली और व्यापक या स्थानीय स्तर पर गड़बड़ी के कोई संकेत नहीं मिले. यह जानकारी कोर्ट द्वारा संदिग्ध मामलों की पहचान के लिए डेटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल के बारे में पूछे गए सवाल के बाद दी गई थी.

आज हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि IIT मद्रास की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते. CJI ने पूछा क्या आईआईटी मद्रास में काम करने वाला कोई NTA का पार्ट है. NTA और आईआईटी की क्या भूमिका है. SG ने कहा कि वर्तमान में काम करने वाला कोई नहीं है. आईआईटी के पूर्व सदस्य NTA के सदस्य हैं.

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4. NEET UG सिलेबस में फेरबदल
7 जुलाई को दायर की गई याचिका में छात्रों ने आरोप लगाया कि एनटीए नीट यूजी सिलेबस में 25 प्रतिशत कटौती की बात कर रहे है, जबकि इससे पहले सिलेबस में फेरबदल की कोई जानकारी नहीं दी गई थी. वकील ने सुनवाई के दौरान कहा, 'एनटीए ने कहा है कि इस साल ज्यादा मार्क्स की वजह सिलेबस में कमी है, हालांकि, एनटीए सिलेबस में बढ़ोतरी के बारे में बात नहीं कर रहा है. मैं बढ़ा हुआ हिस्सा दिखा सकता हूं. जो नया सिलेबस जोड़ा गया वह कक्षा 11वीं और 12वीं के प्रैक्टिकल हिस्से से था. जोड़ा गया हिस्सा परीक्षा से कई महीने पहले अक्टूबर 2023 को सूचित किया गया था और छात्रों के पास अन्य सिलेबस के विपरीत अध्ययन के लिए कम समय था.'

5. पेपर लीक से NTA का इनकार
SG ने आज नीट पेपर लीक से इनकार कर दिया है. उनका कहा है कि सिर्फ एक एग्जाम सेंटर पर परीक्षा से कुछ घंटे पहले गड़बड़ी हुई है. सुनवाई के दौरान जब सीजेआई ने SG से पूछा- आपके अनुसार लीक कब हुआ? एसजी ने कहा- कोई लीक नहीं है. तब सीजेआई ने कहा कि ठीक है, उल्लंघन कब हुआ? एसजी ने जवाब दिया कि यह एक विशेष केंद्र में हुआ था, सुबह 8.02 बजे से 9.23 बजे के बीच एक व्यक्ति अंदर जाता है, पेपर की तस्वीर लेता है और बाहर आ जाता है. हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है. हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने बेंच को यह समझाने की कोशिश की कि NEET UG पेपर लीक की साजिश एक महीने पहले रची गई थी.

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कोर्ट ने हुड्डा से कहा कि आपके अनुसार प्रश्नपत्र लीक होने की स्थिति 4 तारीख को थी, क्योंकि एनटीए के अनुसार 5 मई को गड़बड़ी हुई थी. हुड्डा ने जवाब में कहा, दरअसल 3 तारीख से पेपर लीक की स्थिति बनी थी, वे (NTA) खुद कहते हैं कि प्रश्नपत्र 3 मई को बैंकों को भेजे गए थे. 5 तारीख को उन्हें बाहर निकाल लिया गया. अगर उन्हें यकीन है कि जब प्रश्नपत्र बैंक की हिरासत में थे, तब लीक नहीं हुआ, तो यह 3 मई से पहले हुआ होगा!

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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