राजस्थान में 3 लाख अधिकारी-कर्मचारियों की जांची जाएंगी डिग्रियां, भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला

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भजनलाल सरकार पिछले पांच साल के भीतर राजस्थान में हुई भर्तियों की सभी डिग्री और प्रमाण पत्रों की जांच कराएगी. फर्जी डिग्री और फेक सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पाने वाले रैकेट सामने आने के बाद भजनलाल सरकार ने यह फैसला किया है. इस लिहाज से राजस्थान में पिछले पांच सालों में नौकरी पाए करीब 3 लाख आवेदनों की जांच फिर से होगी. राजस्थान में पीटीआई से सब-इंस्पेक्टर परीक्षा तक में लेकर फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने का मामला सामने आ चुका है.

पता हो किराजस्थान में पेपर लीक के आरोपों के बाद फर्जी डिग्री के बड़े गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है. राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा आयोजित कर रहे राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने जब सफल अभ्यर्थियों की डिग्रियों का सत्यापन किया तो पता चला कि 80 से ज्यादा चयनित अभ्यर्थियों की डिग्रियां फर्जी हैं जिनमें से 60 तो सिर्फ चूरू की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की थीं.

इसके बाद राजस्थान एसओजी ने छापा मारा तो पता चला कि सात लोगों के स्टाफ वाली इस यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्रियों का खेल चल रहा था. ये यूनिवर्सिटी अब तक 43 हजार डिग्रियां बांट चुकी है. यही नहीं,जम्मू-कश्मीर और दक्षिणी राज्यों से भी बड़ी संख्या में राजस्थान के छात्र-छात्राएं डिग्रियां लेकर आ रहे हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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