छात्रों ने CUET को बताया अव्यवस्थित, रिजल्ट में देरी के चलते प्राइवेट कॉलेज में लेना पड़ रहा एडमिशन

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ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला लेने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एडमिशन टेस्ट (CUET)परीक्षा देने वाले छात्रों को अपने परिणामों का बेसब्री से इंतजार. सीयूईटी का रिजल्ट 30 जून घोषित किया जाना था, लेकिन इसमें डिले हो गया. परिणामों में देरी के कारण कई छात्र मजबूरन निजी संस्थानों की ओर रुख कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें भारी फीस चुकानी पड़ रही है.

छात्रों का DU जाने का सपना अधूरा

12वीं पास कर चुके आदित्य चंद्र ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के शीर्ष वाणिज्य कॉलेजों में प्रवेश का सपना देखा था. हालांकि, CUET UG के परिणाम में देरी ने उन्हें हरियाणा के एक निजी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए मजबूर कर दिया, जहां उन्हें लाखों रुपये की फीस चुकानी पड़ी. आजतक से बातचीत के दौरान आदित्य ने कहा कि “पहले दिन से ही CUET UG में अव्यवस्था थी. प्रश्न पत्रों के वितरण में देरी से लेकर छात्रों को दूर के केंद्र आवंटित करने तक,” “परिणाम में देरी के कारण, मैंने अशोका विश्वविद्यालय में दाखिला लिया है. ग्यारह दिन हो गए हैं और मेरे कई दोस्त भी ऐसा ही कर रहे हैं. निजी विश्वविद्यालय की फीस DU की तुलना में बीस गुना अधिक है.”

अभी भी DU की कटऑफ लिस्ट का इंतजार कर रहेनिकुंज

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दूसरी और सीए बनने की चाहत में निकुंज गर्ग ने भी यही बात कही. उन्होंने कहा कि “मैं भी उन हजारों छात्रों में से एक हूं जो DU के बारे में सोच रहे थे. परिणाम में देरी ने मुझे इस बारे में भ्रमित कर दिया है कि मैं इंतजार करूं या निजी कॉलेज में दाखिला लूं. मैंने एक निजी संस्थान की फीस भर दी है लेकिन फिर भी DU की कट ऑफ लिस्ट का इंतजार कर रहा हूं. मेरा परीक्षा केंद्र घर से दूर था और वहां पंखा भी नहीं चल रहा था. प्रवेश पत्र डाउनलोड करने से लेकर उत्तर कुंजी तक की पूरी प्रक्रिया अव्यवस्थित थी.”

CUETमें NTA का घोटाला है- छात्र

सीयूईटी कैंडिडेट करन तिवारी ने कहा कि यह स्थिति राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा एक घोटाला है. “छात्र पहले से ही अपने 12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर तनावग्रस्त थे, लेकिन CUET ने और तनाव बढ़ा दिया है. मेरे अंग्रेजी CUET के दौरान, हमें प्रश्न पत्र देर से मिला और बाद में हमें धमकाया गया. ऐसा लगता है कि यह NTA और निजी संस्थानों द्वारा एक घोटाला है. निजी संस्थान अपनी समय सीमाएं कम कर रहे हैं ताकि माता-पिता और छात्रों को फीस देने के लिए दबाव डाला जा सके.”

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एक चाय विक्रेता की बेटी खुशी बिड़लान ने DU में दाखिले की उम्मीद की थी. उन्होंने कहा ति “देरी ने मुझे मानसिक और वित्तीय दोनों तरह से प्रभावित किया है. पहले वे कहते थे कि परिणाम 20 जून को आएंगे, फिर 12 जुलाई को, लेकिन अभी तक परिणाम नहीं आया है. इसने मेरे भविष्य की योजनाओं को बाधित कर दिया है. हम यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि निजी या सरकारी संस्थानों में जाएं. मैं अपनी उत्तर कुंजी भी एक्सेस नहीं कर पाई क्योंकि सर्वर डाउन था. हमारे प्रवेश पत्र और केंद्र भी मनमाने ढंग से बदले गए. शुरू से ही सब कुछ अव्यवस्थित रहा है.”

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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