NEET केस- OASIS स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को 5 दिनों की CBI हिरासत में भेजा गया

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NEET पेपर लीक मामले में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को कोर्ट ने 5 दिनों की CBI हिरासत में भेज दिया है. सीबीआई ने स्कूल के प्रिंसिपल डॉ एहसान-उल-हक और स्कूल के वाइस प्रिंसिपल इम्त‍ियाजको शुक्रवार को ग‍िरफ्तार किया था. इनके साथ ही एक पत्रकार को भी गिरफ्तार करके सीबीआई तीनों को हजारीबाग से पटना लेकर पहुंची और कोर्ट में पेश किया. यहां कोर्ट में पेशी के बाद कोर्ट ने प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को सीबीआई हिरासत में भेज दिया.

दरअसल, पिछले चारदिनों से सीबीआई की टीम हजारीबाग में नीट प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच कर रही है. बुधवार को ओएसिस स्कूल में जांच के बाद सीबीआई टीम ने प्रिंसिपल एहसान उल हक को हिरासत में ले लिया था. सीबीआई प्रिंसिपल को गुरुवार को पूछताछ के लिए हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस लेकर पहुंची थी. यहां प्रिंसिपल एहसान-उल-हक से पूछताछ की गई. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

इस दौरान सीबीआई ने प्रिंसिपल एहसान उल हक के साथ दो पत्रकारों का कनेक्शन को ट्रैक किया. पत्रकार और प्रिंसिपल के बीच पेपर लीक और नीट परीक्षा के दौरान लगातार बातचीत होती रही. एहसान उल हक के कॉल डिटेल्स के आधार पर पत्रकार को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था.ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं. उनके पास चार जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर आते हैं, जहां CBSE कई एग्जाम कंडक्ट कराती है. इस मामले में वाइस प्रिंसिपल के रोल का भी खुलासा हुआ.

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प्रिंसिपल ने आरोपों को लेकर क्या कहा था

हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा था कि मैं एनटीए में सिटी कॉर्डिनेटर हूं. मेरा रोल बहुत ही छोटा होता है कि मुझे बैंक से पेपर को बक्से को रिसीव करना होता है. इसके बाद सुनिश्चित करना कि सारे पेपर्स को कंट्रोल रूम में रखा जा सके. इस रूम में एनटीए के सीसीटीवी लगे होते हैं. यह रूम लॉक रहता है, यहां पर कई सारे इनविजिलेटर होते हैं. हमारा काम होता है सारे सेंटर्स पर राउंड लगाना ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो. इसके बाद आखिरी जिम्मेदारी हमारी होती है बक्सों को एनटीए को सौंप देना.

ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल का क्या था रोल?

दरअसल, नीट पेपर लीक मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस को गिरफ्तार अभ्यर्थियों के घर से अधजले कागजात मिले थे, इसमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी थी. इसके बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन जले हुए कागजात का मिलान एनटीए द्वारा उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से किया, जिसमें अधजले कागजात में 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू पाए गए. आगे की जांच में सामने आया कि पुलिस को जो प्रश्नपत्र मिले हैं, वे हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते हैं. इसके बाद से ही ओएसिस स्कूल पर सीबीआई की नजर है.

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इस मामले को लेकर प्रिंसिपल एहसान उल हक ने आजतक पर सफाई देते हुए खुद को बेकसूर बताया था. लेकिन EOU सूत्रों के मुताबिक उनकी भूमिका संदिग्ध है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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