Paush Pradosh Vrat 2024: हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. 28 दिसंबर यानी आज प्रदोष व्रत रखा जा रहा है और आज शनि प्रदोष व्रत भी कहेंगे. शनि प्रदोष व्रत इसलिए कहते हैं क्योंकि यह प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है. इस दिन भगवान शिव और शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. शिव की उपासना से जीवन खुशहाल और हनुमान की पूजा से शत्रुओं का विनाश होता है. वहीं, शनि प्रदोष पर शनिदेव की पूजा करने से हर इच्छा पूरी होती है.
पौष प्रदोष व्रत की पूजा विधि ( PaushPradosh Vrat Pujan Vidhi)
प्रदोष व्रत करने वाले भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करने के बाद शंकर भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें और पुष्प अर्पित करें. पौष प्रदोष के दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की भी पूजा करें. भोग लगाने के बाद भोलेनाथ की आरती करें और पूरे दिन उनका ध्यान करें.
पौष प्रदोष व्रत महत्व
प्रदोष व्रत वाले दिन प्रदोष काल के समय को शुभ माना जाता है. इस दौरान की गई सभी प्रार्थनाएं और पूजा सफल मानी जाती हैं. इस व्रत को करने से रोग, ग्रह दोष, कष्ट, पाप आदि से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा इस व्रत के पुण्य प्रभाव से नि:संतान लोगों को संतान की प्राप्ति होती है.
पौष प्रदोष व्रत के दिन क्या करें और क्या ना करें
ऐसे माना जाता है कि प्रदोष व्रत की पूजा में कभी भी काले रंग के वस्त्र धारण करके ना बैठें. इसके अलावा, अगर आप प्रदोष व्रत रख रहे हैं तो कोशिश करें कि इस दिन किसी भी तरह का गलत काम ना करें. भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. नारियल चढ़ाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि शिवजी को नारियल चढ़ाना शुभ होता है. लेकिन उन्हें नारियल का पानी कभी नहीं चढ़ाना चाहिए. भगवान शिव की पूजा के दिन आप हरे, लाल, सफेद, केसरिया या पीले के वस्त्र पहन सकते हैं.
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