Sunil Gavaskar On Virat Kohli- कोहली के मामले में बढ़ा बवाल... तो मेलबर्न में गरजा ये भारतीय दिग्गज, कंगारुओं को जमकर सुनाया

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों कीटेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG)में खेला जा रहा है. इस मुकाबले में बवाल भी देखने को मिला है, जिसके केंद्र में स्टार भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली हैं. मुकाबले के पहले दिन (26 दिसंबर) विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज सैम कोंस्टास को कंधा मारा था.

कोहली के सपोर्ट में गावस्कर, कंगारुओं की लगाई क्लास

इस मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(ICC) ने एक्शन लेते हुए विराट कोहली पर मैच फीस का 20% जुर्माना लगाया गया और एक डिमेरिट अंक दिया. आईसीसी के इस फैसले से ऑस्ट्रेलियाई मीडिया नाराज दिखा. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने तो कोहली के लिए भद्दे शब्दों का इस्तेमाल किया. ऑस्ट्रेलिया के कुछ पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि बॉक्सिंगृ-डे टेस्ट में डेब्यूकर रहे सैम कोंस्टास के साथ शारीरिक टकराव की घटना को हल्के में लिया गया.

अब विराट कोहली को टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का सपोर्ट मिला है.गावस्कर ने कोहली के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की आलोचना की. भारत के महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने दावा किया कि विराट कोहली के साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं किया गया. गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को उसकी टीम का 12वां खिलाड़ी करार दिया.

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गावस्कर ने उन दावों को खारिज करते हुए टिप्पणी की, "आप किसी की जेब काटने के लिए किसी व्यक्ति को फांसी नहीं दे सकते. यह रकम के मामले में मामूली सजा है. ये सभी खिलाड़ी काफी अधिक वेतन पाने वाले पेशेवर हैं. ऐसे में कोई भी रकम शायद कम लगे. आप यह कह सकते हैं कि हम जो देखते हैं और अनुभव करते हैं उसके कारण सजा हो सकती है, लेकिन यह आईसीसी द्वारा अधिकतम तय सजा है. ऐसा नहीं है कि उन पर कोई एहसान किया गया है. उनकी सजा में अगर 10 प्रतिशत कम रकम होती तो आप कह सकते थे कि कोई उपकार हुआ है."

सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की आलोचना करते हुए कहा, "ऑस्ट्रेलियाई मीडिया अपनी टीम के लिए 12वें या 13वें खिलाड़ी की तरह काम करता है. जिसे भी वह अपनी टीम के लिए खतरा मानता है, उसे निशाना बनाता है. वे कह रहे हैं कि कोहली को एक छोटे से अपराध के लिए फांसी दी जानी चाहिए और वह इसलिए बच गया क्योंकि उसका रूतबा बहुत बड़ा है."

सुनील गावस्कर ने इसके साथ ही पिछले एक साल में तीन समान घटनाओं का हवाला देते हुए कोहली की सजा का बचाव किया. उन्होंने कहा, "पिछले दिसंबर में आयरलैंड के जोश लिटिल पर एक मैच में बल्लेबाज के साथ शारीरिक संपर्क के लिए मैच फीस का पांच प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था. उसमैच में एंडी पाइक्राफ्ट ही रेफरी थे."

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गावस्कर नेकहा, "जसप्रीत बुमराह को इंग्लैंड के ओली पोप के साथ शारीरिक संपर्क के लिए फटकार लगाई गई थी और नेपाल के अर्जुन कुमालको दोबारा अपराध के लिए दंड का सामना करना पड़ा. कोहली को नियमों के तहतअधिकतम सजा मिली है."

19 साल के सैमकोंस्टास ने हालांकि पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि कोहली जानबूझकर उनसे नहीं टकराए थे. कोंस्टास ने कहा था, "विराट कोहली गलती से मुझसे टकरा गए. यह क्रिकेट है और तनाव में ऐसा हो जाता है."

पोंटिंग, वॉ ने फैसले पर उठाए सवाल

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का हालांकि मानना है कि कोहली को कम सजा दी गई. पोंटिंग ने 'चैनल 7" पर कहा, "व्यक्तिगत रूप से, मुझे नहीं लगता कि यह सजा पर्याप्त कठोर था. ऐसी मिसालें हैं, अतीत में चीजें हुई हैं और यह आम तौर पर 15-25 प्रतिशत ठीक रही है, लेकिन यह बड़ी घटना थी. यह दुनिया भर में पूरे साल भर में क्रिकेट का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला दिन था. सोचिए अगर इस स्तर पर ऐसा होता है तो इसके क्या परिणाम होंगे? मुझे लगता है कि लोग सोचेंगे कि यह अब लगभग स्वीकार्य है."

पूर्व दिग्गज मार्क वॉ ने भी 'फॉक्स स्पोर्ट्स' के लिए कमेंट्री के दौरान ऐसे ही विचार साझा किए. उन्होंने जोर देकर कहा, "आप इस तरह के मामलों में तय सजा को बदल नहीं सकते हैं. विराट कोहली इस मामले को पीछे मुड़कर देखेंगे और कहेंगे, "मैंने गलत काम किया है. मुझे लगता है कि यह जुर्माना बेहद कम है."

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उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सख्ती से नहीं निपटा गया तो ऐसी घटनाओं क्रिकेट में आम हो सकती है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वह भाग्यशाली है कि निलंबन से बच गए. अगर उस पर जुर्माना लगा है तो कम से कम 75 प्रतिशत जुर्माना होना चाहिए था. 20 प्रतिशत कुछ भी नहीं है. इसमें कोई शक नहीं कि सैम कोंस्टास ने भारतीयों को हैरत में डाल दिया था."

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच जस्टिन लैंगर ने क्रूर होने के लिए ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की आलोचना की. उन्होंने कहा, "मीडिया, चाहे ऑस्ट्रेलिया में हो या कहीं और, क्रूर हो सकता है. वे हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं और यह कोई अलग बात नहीं है. मैंने इसे प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया है. यह विशेष रूप से भारत या कोहली के बारे में नहीं है. यह मीडिया के काम करने के तरीके को दिखाता है."

MCG टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग XI: उस्मान ख्वाजा, सैम कोंस्टास, मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड, मिचेलमार्श, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), पैट कमिंस (कप्तान), मिचेल स्टार्क, नाथन लायन, स्कॉट बोलैंड.

MCG टेस्ट के लिए भारत की प्लेइंग-11: यशस्वी जायसवाल, रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, विराट कोहली, ऋषभ पंत (व‍िकेटकीपर), नीतीश कुमार रेड्डी,रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर,आकाश दीप, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज.

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टीम इंडियाका ऑस्ट्रेलिया दौरा
22-25नवंबर: पहला टेस्ट, पर्थ (भारत 295 रनों से जीता)
6-8दिसंबर: दूसरा टेस्ट, एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया की 10 विकेट से जीत)
14-18 दिसंबर: तीसरा टेस्ट, ब्रिस्बेन (ड्रॉ)
26-30 दिसंबर: चौथाटेस्ट, मेलबर्न (जारी)
03-07 जनवरी: पांचवांटेस्ट,सिडनी

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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