उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क की गुहार इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुन ली है. उनकी याचिका पर 2 जनवरी को सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी याचिका में गिरफ्तारी से रोक लगाने की मांग भी की है. सूत्रों के अनुसार संभल पुलिस उनकी अर्जी का विरोध करने वाली है. पुलिस उनके खिलाफ सबूत कोर्ट में पेश करेगी.
पुलिस का आरोप है कि सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के भड़काऊ भाषण की वजह से ही शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी. उन्होंने हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में अपने सांसद होने का हवाला दिया है. इसके साथ ही कहा है कि वो पढ़े-लिखे इंसान हैं. उन्होंने हिंसा से जुड़े कई और तर्क भी दिए हैं कि उनका इससे किसी भी तरह से कोई जुड़ाव नहीं है. इसलिए उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को खारिज कर देना चाहिए.
सपा सांसद का कहना है कि संभल में जब हिंसा हुई तब वो यूपी में ही नहीं थे. वो उस समय बेंगलुरु में थे. उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश के तहत एफआईआर दर्ज की गई. संभल में 24 नवंबर को स्थानीय कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए थे. घायलों में कई पुलिसकर्मी और पुलिस अफसर भी शामिल थे.
बताते चलें कि समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क पर बिजली चोरी का भी आरोप लगा है. बिजली विभाग ने उन पर 1 करोड़ 91 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. बीते दिनों बिजली विभाग की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ सपा सांसद के घर पर पहुंची थी. इसके बाद बिजली मीटर की जांच की गई, जिसमें विसंगतियां मिलने पर नए स्मार्ट मीटर लगाए गए थे.
सांसद के घर में लगे दो बिजली के मीटरों में टेम्परिंग के सबूत मिले. उनके घर में बिजली बिल में रीडिंग जीरो है. बिजली विभाग ने सपा सांसद के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज कराया. इसके साथ ही उनके सहयोगियों पर बिजली विभाग के अधिकारियों को भी धमकाने का आरोप लगाया था. इस धमकी देने के मामले में सपा सांसद के पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज हो गया. उन्होंने अधिकारियों को देख लेने की बात कही थी.
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