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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। पूजा पर ओबीसी और दिव्यांग कोटा का गलत फायदा उठाकर यूपीएससी परीक्षा पास करने का आरोप है। उन्होंने धोखाधड़ी से यूपीएससी परीक्षा पास की। हाई कोर्ट ने सबूतों और आरोपों की समीक्षा के बाद सोमवार को यह फैसला सुनाया।फर्जी तरीके से आरक्षण का फायदा उठाने का आरोप
पूजा खेडकर पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में आरक्षण का लाभ लेने के लिए गलत जानकारी देने का आरोप है। पूजा ने इन आरोपों से इनकार किया था। ट्रायल कोर्ट ने भी पहले उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अगस्त में उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी। लेकिन अब हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
'वंचित वर्गों की योजनाओं लाभ उठाने की मंशा'
कोर्ट ने कहा कि पूजा ने जो किया वो समाज के वंचित वर्गों के लिए बनी योजनाओं का लाभ उठाने की मंशा से प्रेरित लगते हैं। जांच से पता चला है कि उनका परिवार काफी रसूखदार है। उनके पास कई लग्जरी कारें हैं। इससे यह संदेह होता है कि उनके परिवार ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने में मदद की होगी। ताकि वो कोटा सिस्टम का फायदा उठा सकें।
'संवैधानिक निकाय के साथ पूरे समाज को कमजोर किया'
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'याचिकाकर्ता द्वारा इस्तेमाल की गई चालें कई सवाल खड़े करती हैं।' कोर्ट ने कहा, 'उसके काम धोखाधड़ी का एक बड़ा उदाहरण हैं। यह न केवल एक संवैधानिक निकाय बल्कि पूरे समाज को कमजोर करता है। याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए कदम एक बड़ी साजिश का हिस्सा लगते हैं। सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। पूरी धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए हिरासत में पूछताछ जरूरी है।'
हर साल लाखों उम्मीदवार UPSC परीक्षा देते हैं। इसे देखते हुए कोर्ट ने पूजा के कथित कदाचार को गंभीर माना है। कोर्ट ने कहा कि यह निष्पक्षता और समानता के सिद्धांतों के साथ गंभीर विश्वासघात है। हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा, 'याचिकाकर्ता के खिलाफ एक मजबूत मामला बनता है। साजिश का पर्दाफाश करने के लिए पूछताछ जरूरी है।
फर्जी तरीके से आरक्षण का फायदा उठाने का आरोप
पूजा खेडकर पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में आरक्षण का लाभ लेने के लिए गलत जानकारी देने का आरोप है। पूजा ने इन आरोपों से इनकार किया था। ट्रायल कोर्ट ने भी पहले उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अगस्त में उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी। लेकिन अब हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।'वंचित वर्गों की योजनाओं लाभ उठाने की मंशा'
कोर्ट ने कहा कि पूजा ने जो किया वो समाज के वंचित वर्गों के लिए बनी योजनाओं का लाभ उठाने की मंशा से प्रेरित लगते हैं। जांच से पता चला है कि उनका परिवार काफी रसूखदार है। उनके पास कई लग्जरी कारें हैं। इससे यह संदेह होता है कि उनके परिवार ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने में मदद की होगी। ताकि वो कोटा सिस्टम का फायदा उठा सकें।'संवैधानिक निकाय के साथ पूरे समाज को कमजोर किया'
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'याचिकाकर्ता द्वारा इस्तेमाल की गई चालें कई सवाल खड़े करती हैं।' कोर्ट ने कहा, 'उसके काम धोखाधड़ी का एक बड़ा उदाहरण हैं। यह न केवल एक संवैधानिक निकाय बल्कि पूरे समाज को कमजोर करता है। याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए कदम एक बड़ी साजिश का हिस्सा लगते हैं। सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। पूरी धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए हिरासत में पूछताछ जरूरी है।'हर साल लाखों उम्मीदवार UPSC परीक्षा देते हैं। इसे देखते हुए कोर्ट ने पूजा के कथित कदाचार को गंभीर माना है। कोर्ट ने कहा कि यह निष्पक्षता और समानता के सिद्धांतों के साथ गंभीर विश्वासघात है। हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा, 'याचिकाकर्ता के खिलाफ एक मजबूत मामला बनता है। साजिश का पर्दाफाश करने के लिए पूछताछ जरूरी है।
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