पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम पर अमेरिका यूं ही नहीं भड़का, निशाने पर है चीन, प्लान जानकर जिनपिंग की उड़ जाएंगी नींद

इस्लामाबाद: अमेरिका के एक फैसले ने पाकिस्तान और उसके दोस्त चीन को तगड़ा झटका दिया है। बाइडन प्रशासन ने एक सख्त कदम उठाया है, जिसके तहत पाकिस्तान पर उसके मिसाइल कार्यक्रम के चलते प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है। पाकिस्तान लंबी दूरी का मिसाइल

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इस्लामाबाद: अमेरिका के एक फैसले ने पाकिस्तान और उसके दोस्त चीन को तगड़ा झटका दिया है। बाइडन प्रशासन ने एक सख्त कदम उठाया है, जिसके तहत पाकिस्तान पर उसके मिसाइल कार्यक्रम के चलते प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है। पाकिस्तान लंबी दूरी का मिसाइल कार्यक्रम चला रहा है। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे अमेरिका के लिए खतरा बताया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पाकिस्तान की नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पेल्स (NDC) और तीन फर्मों पर प्रतिबंध की जानकारी दी थी।

क्या है नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स?

नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स 1990 में बनाया गया। यह इस्लामाबाद के पश्चिम में काला चित्ता धार पहाड़ियों में स्थित है और पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग का हिस्सा है। एनडीसी पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम का अहम हिस्सा रहा है। सबसे पहले इसने चीन की एम-9 पर आधारित शाहीन मिसाइल प्रोग्राम को आगे बढ़ाया और फिर नस्र जैसी छोटी दूरी की मिसाइल बनाई। हाल के महीनों में पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम में तेजी आई है और तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रही है।

2024 में पाकिस्तान का मिसाइल कार्यक्रम

इसी साल अगस्त में पाकिस्तान ने फुल स्पेक्ट्रम प्रतिरोध के अपने घोषित लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाया, जिसमें शाहीन ट्रेनिंग लॉन्च शामिल था। इसकी कथित सीमा 2750 किलोमीटर थी, जो संभावित रूप से मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम है। इसके कुछ ही महीने पहले MIRV अबाबीब का परीक्षण किया गया था, जो ओमान के तट तक पहुंचने में सक्षम था। ऐसा लगता है कि वॉशिंगटन ने इन क्षमताओं को एक खतरे के रूप में देखा है।

इस बीच 5 नवम्बर को पाकिस्तानी नेवी ने 350 किलोमीटर की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने की घोषणा की। इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई, लेकिन पता चला कि इसे जुल्फिकार श्रेणी के फ्रिगेट से लॉन्च किया गया था। लॉन्च के लिए कई चेतावनी जारी की गई, जिसमें एक 1500 किलोमीटर की थी। यह संभावित रूप से हिंद महासागर में अमेरिकी संपत्तियों के लिए खतरा बन सकता है।

चीन कर रहा पाकिस्तान की मदद

इसी साल अप्रैल में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ, जब चीन ने हैंगोर 2 श्रेणी के पनडुब्बियों के लॉन्च की घोषणा की। इन्हें पाकिस्तान के लिए निर्धारित किया गया है। यह बता रहा है कि पाकिस्तान किस तरह से अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है। इसमें चीन का बहुत बड़ा हाथ है। हालांकि, पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए तकनीक और अन्य चीजों के लिए बाहर से मदद की जरूरत होगी।


पाकिस्तान के साथ चीन का भी शिकार?

अमेरिकी प्रतिबंधों का उद्येश्य पाकिस्तान के सरकारी स्वामित्व वाली एनडीसी और दूसरी कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच से रोकना है। लेकिन एनडीसी और चीन के बीच गहरी नजदीकी है। वहीं, बीजिंग अपने नेटवर्क के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी तक पहुंचने में माहिर है। ऐसे में एनडीसी पर प्रतिबंधों का खास मतलब नहीं है, क्योंकि इसके अपने नाम से विदेशी खरीदारों के साथ जुडने की संभावना नहीं है।

इसका संदेश साफ है कि अगर चीन इसके साथ जुड़ा रहता है तो इसकी अपनी कंपनियां खुद को सुर्खियों में पाएंगी। यह बीजिंग के लिए चिंता करने वाली हो सकता है। ऐसे में यह प्रतिबंध केवल इस्लामाबाद के लिए नहीं, बल्कि चीन के लिए भी संदेश है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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