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मुंबई: मुंबई में बुधवार की शाम गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा के बीच चलने वाली एक फेरी बोट पलट गई। इस बोट पर कुल 114 यात्री सवार थे। इसमें इसमें पांच क्रू मेंबर शामिल थे। घटना के बाद नौसेना और पुलिस ने मिलकर बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और शाम सवा सात बजे सभी को ढूंढ निकाला, हालांकि इस हादसे में 13 यात्रियों की मौत हो गई। इनमें रेस्क्यू में बचाए गए सभी 101 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें चार की हालत गंभीर है। फेरी बोट के समंदर में पलटने की यह घटना एक स्पीड बोट के टकराने के बाद हुई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। सीएम ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
चार की हालात गंभीर
रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 56 यात्रियों को जेएनपीटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां तीन की हालात चिंताजनक है। अस्पताल में एक यात्री की मौत हो गई। 9 यात्रियों को नेवी डॉकयार्ड में भर्ती कराया गया है। यहां एक यात्री की मौत हो गई। अश्विनी अस्पताल में एक की हालात चिंताजनक है, जबकि सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल में कुल नौ यात्री भर्ती हैं। इनमें सभी की हालात स्थिर है। आधिकारिक बयान के अनुसार करांजे अस्पताल में 12 यात्रियों को भर्ती कराया गया है। सभी खतरे से बाहर है। 10 मौतें एनडीके हॉस्पिटल मोरा में हुईं। बोट के पांचों क्रू मेंबर सुरक्षित हैं। हादसे के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में एक विस्तृत बयान जारी किया।
हादसे पर सीएम ने लिया संज्ञान
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लियाा है कि सूचना मिली कि एलीफेंटा जा रही फेरी बोट दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। तत्काल सहायता के लिए नौसेना, तटरक्षक बल, बंदरगाह, पुलिस टीमों की नौकाएं भेजी गई। हम जिला एवं पुलिस प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं। सौभाग्य से अधिकांश नागरिकों को बचा लिया गया है। तो वहीं दूसरी ओर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एलीफेंटा नाव हादसे पर मुंबई शहर, रायगढ़ के जिला कलेक्टर से बचाव अभियान की जानकारी ली। शिंदे ने बताया कि रायगढ़ जिला कलेक्टर किसन जावले, मुंबई शहर जिला कलेक्टर संजय यादव, पुलिस उपायुक्त (बंदरगाह) सुधाकर पठारे को बचाव अभियान में तेजी लाने को कहा है।
13 किलोमीटर की है दूरी
गेटवे ऑफ इंडिया और एलीफेंटा के के बीच की कुल दूरी 13 किलोमीटर की है। इसको तय करने में करीब 1 घंटे का समय लगता है। मुंबई में टूरिस्ट को एलीफेंटा केव्स ले जाने के जाने के फेरी सेवा चलती है। इसमें टूरिस्ट और लोगों को नाव से केव्स तक ले जाया जाता है। एलीफेंटा गुफाएं मुख्य रूप से हिंदू भगवान शिव को समर्पित गुफा मंदिरों का एक संग्रह है। इन्हें यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल नामित किया है।
मुंबई के समंदर में नीलकमल की एक बोट पलटने से बुधवार की शाम 3:55 बजे एक बड़ा हादसा हुआ। इसमें 13 लोगों की मौत हो गई। 10 नागरिक हैं। तीन नेवी के लोग हैं। दो लोग गंभीर तौर पर घायल हैं। घायलों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। अन्य कोई मिसिंग है। उसकी जानकारी सुबह तक मिल पाएगी। इस घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।
चार की हालात गंभीर
रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 56 यात्रियों को जेएनपीटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां तीन की हालात चिंताजनक है। अस्पताल में एक यात्री की मौत हो गई। 9 यात्रियों को नेवी डॉकयार्ड में भर्ती कराया गया है। यहां एक यात्री की मौत हो गई। अश्विनी अस्पताल में एक की हालात चिंताजनक है, जबकि सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल में कुल नौ यात्री भर्ती हैं। इनमें सभी की हालात स्थिर है। आधिकारिक बयान के अनुसार करांजे अस्पताल में 12 यात्रियों को भर्ती कराया गया है। सभी खतरे से बाहर है। 10 मौतें एनडीके हॉस्पिटल मोरा में हुईं। बोट के पांचों क्रू मेंबर सुरक्षित हैं। हादसे के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में एक विस्तृत बयान जारी किया।
हादसे पर सीएम ने लिया संज्ञान
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लियाा है कि सूचना मिली कि एलीफेंटा जा रही फेरी बोट दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। तत्काल सहायता के लिए नौसेना, तटरक्षक बल, बंदरगाह, पुलिस टीमों की नौकाएं भेजी गई। हम जिला एवं पुलिस प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं। सौभाग्य से अधिकांश नागरिकों को बचा लिया गया है। तो वहीं दूसरी ओर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एलीफेंटा नाव हादसे पर मुंबई शहर, रायगढ़ के जिला कलेक्टर से बचाव अभियान की जानकारी ली। शिंदे ने बताया कि रायगढ़ जिला कलेक्टर किसन जावले, मुंबई शहर जिला कलेक्टर संजय यादव, पुलिस उपायुक्त (बंदरगाह) सुधाकर पठारे को बचाव अभियान में तेजी लाने को कहा है।
13 किलोमीटर की है दूरी
गेटवे ऑफ इंडिया और एलीफेंटा के के बीच की कुल दूरी 13 किलोमीटर की है। इसको तय करने में करीब 1 घंटे का समय लगता है। मुंबई में टूरिस्ट को एलीफेंटा केव्स ले जाने के जाने के फेरी सेवा चलती है। इसमें टूरिस्ट और लोगों को नाव से केव्स तक ले जाया जाता है। एलीफेंटा गुफाएं मुख्य रूप से हिंदू भगवान शिव को समर्पित गुफा मंदिरों का एक संग्रह है। इन्हें यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल नामित किया है।
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